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पत्रकारों की एकजुटता बनी छत्तीसगढ़ में कलमकारों की बड़ी ताकत- संयुक्त पत्रकार महासभा ने सरकार से मांगा अपना अधिकार, 30 से ज्यादा पत्रकार संगठन हुए एकजुट, छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा आयोजन, पत्रकार अमित गौतम ने कहा- हमारी एकजूटता से शासन को भी कर देंगे मजबूर

पत्रकारों की एकजुटता बनी छत्तीसगढ़ में कलमकारों की बड़ी ताकत- संयुक्त पत्रकार महासभा ने सरकार से मांगा अपना अधिकार, 30 से ज्यादा पत्रकार संगठन हुए एकजुट, छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा आयोजन, पत्रकार अमित गौतम ने कहा- हमारी एकजूटता से शासन को भी कर देंगे मजबूर Console Corptech
रायपुर में संपन्न संयुक्त पत्रकार महासभा का कार्यक्रम
पत्रकारों की एकजुटता बनी छत्तीसगढ़ में कलमकारों की बड़ी ताकत- संयुक्त पत्रकार महासभा ने सरकार से मांगा अपना अधिकार, 30 से ज्यादा पत्रकार संगठन हुए एकजुट, छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा आयोजन, पत्रकार अमित गौतम ने कहा- हमारी एकजूटता से शासन को भी कर देंगे मजबूर Console Corptech
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पत्रकारों की एकजुटता बनी छत्तीसगढ़ में कलमकारों की बड़ी ताकत- संयुक्त पत्रकार महासभा ने सरकार से मांगा अपना अधिकार, 30 से ज्यादा पत्रकार संगठन हुए एकजुट, छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा आयोजन, पत्रकार अमित गौतम ने कहा- हमारी एकजूटता से शासन को भी कर देंगे मजबूर Console Corptech
रायपुर में संपन्न संयुक्त पत्रकार महासभा का कार्यक्रम

संयुक्त पत्रकार महासभा ने सरकार से मांगा अपना अधिकार, 30 से ज्यादा पत्रकार संगठन हुए एकजुट, छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा आयोजन

सकती-गॉस मेमोरियल मैदान में आयोजित संयुक्त पत्रकार महासभा में पहुंचकर राज्यभर के पत्रकारों ने जोरदार हुंकार भरी। महासभा के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवम राज्यपाल रामेन डेका को ज्ञापन सौंपते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून, कल्याण और अधिकारों से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
महासभा में पारित संकल्प पत्र में प्रमुख रूप से “पत्रकार सुरक्षा कानून”, “मीडिया आयोग की स्थापना” और “पत्रकारों के लिए आवास”, “वेतन” ,”स्वास्थ्य एवं पेंशन सुविधाओं” जैसे मुद्दों पर विशेष जोर दिया गया। महासभा ने जनहित और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए इन मुद्दों को बेहद आवश्यक बताया।

पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग

पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए महासभा ने मीडियाकर्मी सुरक्षा कानून को संशोधित और लागू करने की मांग की। वर्तमान समय में पत्रकारों को असामाजिक तत्वों, माफियाओं और आपराधिक संगठनों से लगातार धमकियां मिल रही हैं। छत्तीसगढ़ में कई पत्रकारों की हत्या की घटनाएं हुई हैं, जिससे पत्रकार समुदाय में भय का माहौल है।

मीडिया आयोग की स्थापना

महासभा ने “मीडिया आयोग” के गठन की मांग की, जो पत्रकारिता के बदलते स्वरूप और चुनौतियों का अध्ययन कर उचित सिफारिशें प्रस्तुत कर सके। इसके अलावा, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया को भी शामिल करते हुए “मीडिया काउंसिल ऑफ इंडिया” में बदलने की मांग भी उठाई गई।

पीड़ित पत्रकारों को मिला मंच

छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए ऐसे पत्रकार जिनके साथ घटनाएं घटित हुई हैं ऐसे पत्रकारों को महासभा ने मंच प्रदान किया । मुख्य रूप से बस्तर में हुए गांजा प्रकरण, अंबिकापुर में पत्रकार को फर्जी तरीके से फंसा कर जिलाबदर करने की कार्यवाही, कहीं अवैध वसूली की झूठी कहानी इस तरह के मामलों में फंसे पत्रकारों को मंच प्रदान किया गया जहां पत्रकारों ने पूरी पत्रकार बिरादरी को अपनी व्यथा कथा बताई और अपने लिए न्याय की उम्मीद की।

पत्रकारों के लिए कल्याणकारी योजनाएं

महासभा ने पत्रकारों के कल्याण हेतु कई मांगें रखीं, जिनमें पत्रकार कल्याण कोष, वेतन बोर्ड का गठन, और पत्रकारों को स्वास्थ्य सुरक्षा और पेंशन योजना का लाभ देने पर जोर दिया गया। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले पत्रकारों के लिए उचित वेतन देने की मांग की गई।

संयुक्त पत्रकार महासभा ने राज्य सरकार से अपील की है कि पत्रकारों की सुरक्षा और कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। महासभा ने पत्रकारों को आवास, स्वास्थ्य, और पेंशन जैसी सुविधाओं को भी प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया है। महासभा के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपने के बाद स्पष्ट किया कि यदि इन मांगों पर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पत्रकार समुदाय को अपने हितों की रक्षा के लिए बड़े आंदोलन की दिशा में कदम उठाना पड़ेगा।
कार्यक्रम में भागीदारी के लिए प्रदेश के विभिन्न प्रेस क्लब तथा जिला पत्रकार संघों को भी आमंत्रित किया गया है ,जैसे रायपुर प्रेस क्लब, बेमेतरा प्रेस क्लब, कोंडागांव प्रेस क्लब, महासमुंद प्रेस क्लब, कुम्हारी प्रेस क्लब, दुर्ग प्रेस क्लब, कांकेर जिला पत्रकार संघ तथा अन्य जिलों के प्रेस क्लब आमंत्रित थे । पत्रकारिता संकल्प में छत्तीसगढ के सभी प्रेस क्लब तथा पत्रकार संगठनों ने व्यापक भागीदारी की सूचना दी । आयोजन में सहभागी संगठनों मेंइंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन, इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किग जर्नलिस्ट्स, छग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन,छत्तीसगढ श्रमजीवी पत्रकार संघ ( पंजीयन क्रमांक 617),पत्रकार कल्याण महासंघ, पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ, स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ जर्नलिस्ट यूनियन, छत्तीसगढ सक्रीय पत्रकार संघ, छत्तीसगढ प्रेस वेलफेयर एसोसिएशन, अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति, प्रेस क्लब ऑफ वर्किग जर्नलिस्ट (PCWJ) , आदर्श पत्रकार संघ, सद्भावना पत्रकार संघ, छत्तीसगढ़ प्रेस क्लब, छत्तीसगढ़िया पत्रकार महासंघ ,भारतीय पत्रकार संघ , द जर्नलिस्ट एसोसिएशन, मीडिया पत्रकार मंच, छत्तीसगढ लघु समाचार संपादक संघ , अखिल भारतीय पत्रकार एवं संपादक एसोसिएशन,पत्रकार प्रेस महासंघ, प्रदेश पत्रकार यूनियन,छत्तीसगढ़ मीडिया एसोसिएशन,राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा,पत्रकार जनकल्याण समिति,प्रेस एंड मीडिया वेलफेयर एसोसिशन पत्रकार सुरक्षा कानून संयुक्त संघर्ष समिति छत्तीसगढ तथा वर्किंग जर्नलिस्ट मिडिया कौंसिल का नाम भी शामिल है।

कार्यक्रम में प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार गिरीश पंकज जी, अशोक तोमर, उचित शर्मा, महेश शर्मा, आसिफ इकबाल, के के शर्मा, प्रकाश शर्मा, सुनील नामदेव, नीलेश शर्मा, शकुंतला तरार,श्रीमती रेणु नंदी तिवारी, शगुफ्ता शिरीन, आफताब बेगम, सुधाकर पांचाल कार्यक्रम के मुख्य संयोजक सुधीर “आजाद” तंबोली, कमल शुक्ला, पीसी रथ, अमित गौतम, मनोज पांडेय, व्यास पाठक,शिवशंकर सोनपिपरे, महेश आचार्य, सेवकदास दीवान, अमिताभ पाल, सुनील यादव अनीश लाल दानी, बी डी निजामी, अविनाश ठाकुर,अजीत कुमार शर्मा, राज गोस्वामी, गोविंद शर्मा, बप्पी राय, शेख मकबूल, अर्जुन झा, बलराज नायडू, रूपेश श्रीवास, मनीष दयाल,किरण सुलेमान, घनश्याम शर्मा, ईश्वर दुबे, सौरभ भट्टाचार्य, राजू शर्मा, तिलका साहू, राहुल सेन सहित सैकड़ों पत्रकारों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया और पूरे देश में पत्रकार एकता की मिसाल पैदा की ।
सफ़ल आयोजन में मंच संचालन की प्रमुख भूमिका छत्तीसगढ़ के जाने माने रंगकर्मी शरद श्रीवास्तव ने निभाई ।

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