तुर्रीधाम एवं दमाऊधारा को पूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने महामहिम राज्यपाल से आज शक्ति के जन प्रतिनिधि करेंगे मांग, प्रशासन तथा नेताओ की उपेक्षा का शिकार है दोनों ही प्रसिद्ध स्थल, बड़े-बड़े नेता आते हैं यहां, किंतु यहां से निकलने के बाद भूल जाते हैं इसे संवारना




तुर्रीधाम एवं दमाऊधारा को पूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने महामहिम राज्यपाल से आज शक्ति के जन प्रतिनिधि करेंगे मांग
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती-नवगठित शक्ति जिले के शक्ति विकासखंड में स्थित बाबा भोलेनाथ की नगरी तुर्रीधाम एवं चारों ओर पहाड़ों से गिरे ऋषभ तीर्थ दमाऊधारा को पूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग आज 18 मार्च को छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल रमन डेका के शक्ति आगमन पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा, ज्ञात हो की विगत वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी से विधायक निर्वाचित हुए डॉक्टर खिलावन साहू ने तत्कालीन डॉ रमन सिंह की सरकार से पहल कर तुर्री धाम एवं दमाऊधारा को पर्यटन स्थल का दर्जा तो दिलवा दिया था, ऐसा चर्चा थी, किंतु उपरोक्त दोनों स्थल आज तक पूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं हो पाए तथा दोनों ही क्षेत्र एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकते हैं किंतु यह दुर्भाग्य है कि आज दमोहधारा जो की दशकों से अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से ऋषि मुनियों की तपो भूमि रहा है तथा यहां भगवान ऋषभदेव जी ने भी पहुंचकर तपस्या की थी एवं इस स्थान पर प्राकृतिक सुंदरता को देखकर ऐसा लगता है कि इसे संवारने की आवश्यकता है, राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े नेता इन स्थलों पर पहुंचते हैं एवं इसके विकास की बात भी करते हैं किंतु यहां से जाने के बाद न जाने क्या हो जाता है नेताओं का ध्यान इस ओर नहीं जाता
वही तुर्रीधाम बाबा भोलेनाथ की पवित्र नगरी है, जहां से नदी बहती है एवं बाबा भोलेनाथ पर अनवरत 12 महीने गिरने वाली जल की धारा आज तक कोई नहीं समझ पाया कि यह जल कहां से आता है, एवं प्रतिवर्ष सावन के महीने सहित वर्ष भर शिव भक्तों का तांता यहां दर्शन के लिए लगा रहता है,किंतु दुर्भाग्य यह भी है की शक्ति जिला प्रशासन ने भी जिला बनने के बाद भी इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते आज ये दोनों स्थल प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है, जिसे देखते हुए शक्ति जिले के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि महामहिम राज्यपाल जी से इस दिशा में पहल करने की मांग करेंगे, तथा महामहिम राज्यपाल का पद राज्य में एक संवैधानिक पद होता है तथा राज्यपाल जी चाहे तो इस दिशा में पहला कर सकते हैं तथा लोगों को उम्मीदें भी है कि महामहिम राज्यपाल जी के शुभ कदम इस क्षेत्र के लिए एक सौगात के रूप में होंगी

