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शक्ति नगर पालिका अध्यक्ष के भाग्य का फैसला होगा 24 को, भाजपा पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव पर होगा मतदान, क्या बनी रहेगी सुषमा,या आएगा बीजेपी का राज, नेता प्रतिपक्ष महंत एवं भाजपा की भी जुड़ी है कुर्सी से प्रतिष्ठा

शक्ति नगर पालिका अध्यक्ष के भाग्य का फैसला होगा आज, भाजपा पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव पर होगा मतदान

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

शक्ति_नगर पालिका शक्ति की अध्यक्ष श्रीमती सुषमा जायसवाल के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 24 जनवरी की सुबह 11:00 बजे से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय में जिला कलेक्टर के निर्देश पर मतदान की प्रक्रिया होगी, तथा नगर पालिका शक्ति में वर्तमान में 18 पार्षद हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के 6 पार्षद, कांग्रेस की 11 पार्षद एवं एक अन्य निर्दलीय पार्षद है, जिसका भी राजनीतिक रूप से देखा जाए तो कांग्रेस के पक्ष में ही वह समर्थित है, किंतु 24 जनवरी को होने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान में कौन किसका साथ देगा यह तो कहां नहीं जा सकता

किंतु श्रीमती सुषमा दादू जायसवाल के भाग्य का फैसला जरूर 24 जनवरी को होगा एवं राजनीतिक सूत्रों की माने तो लगभग 6 माह बाद फिर से नगर पालिका के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरे प्रदेश में रूटिंन के आधार पर चालू होनी है, किंतु अभी 6 माह के लिए भी नया अध्यक्ष बने इस मंशा से भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लगाया है, तथा वर्तमान राजनै तिक स्थिति देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी जहांअविश्वास प्रस्ताव को पास करवाने में की जान से जुटी हुई है तो वहीं वर्तमान शक्ति के विधायक तथा छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत भी अपने ही लगभग 12 पार्षदों को एकजुट करने में लगे हुए हैं, तथा इस खेल में कौन सफल होता है यह तो 24 जनवरी को ही पता चलेगा

किंतु यह बात तो तय है कि यह अविश्वास प्रस्ताव जहां भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है, तो वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता प्रतिपक्ष महंत की भी प्रतिष्ठा इसी जुड़ी हुई है, तथा सूत्रों की माने तो भाजपा शक्ति जिले के प्रभारी गुरुपाल सिंह भल्ला एवं शक्ति जिला अध्यक्ष कृष्णकांत चंद्रा ने भी 23 जनवरी को भाजपा पार्षदों एवं असंतुष्ट कांग्रेस पार्षदों से संपर्क कर अविश्वास प्रस्ताव में समर्थन देने की बात कही गई है

किंतु अविश्वास प्रस्ताव भाजपा के केवल पांच पार्षदों ने हीं लगाया था तथा क्या भाजपा के इस अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस के पार्षद उन्हें अपना समर्थन देंगे यह जरूरी नहीं है, किंतु वर्तमान में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत का इतना अधिक दबाव कांग्रेस पार्षदों पर बताया जा रहा है कि वे महंत के निर्देश पर हो सकता है एकजुट होकर अपने अध्यक्ष की कुर्सी बचाए रखने के लिए अपनी ईमानदारी का परिचय देंगे, वहीं जन चर्चा यदि है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो तत्कालिक रूप से प्रशासन द्वारा उपाध्यक्ष को अध्यक्ष का प्रभार सौपा जाता है, तथा वर्तमान में नगर पालिका उपाध्यक्ष के पद पर कांग्रेस की श्रीमती नेहा श्यामसुंदर अग्रवाल काबिज है,एवं कांग्रेस का अध्यक्ष हटने की स्थिति में कांग्रेस के ही उपाध्यक्ष को अध्यक्ष का प्रभार मिल सकता है, वही राजनैतिक सूत्रों का मानना है कि भले ही तात्कालिक रूप से उपाध्यक्ष को नगर पालिका अध्यक्ष का प्रभार मिल जाए किंतु सरकार भाजपा की है तथा भाजपा चाहे तो दूसरे ही दिन ऊपर से अपनी ही पार्टी के किसी महिला पार्षद को सीधे नॉमिनेट भी कर सकती है, तथा लगभग 6 माह बाद तो चुनाव होने ही है एवं 6 माह तक भाजपा का ही अध्यक्ष बना रहेगा या फिर सभी पार्षद मिलकर अविश्वास पास होने की स्थिति में फिर से अध्यक्ष का भी निर्वाचन कर सकते हैं, किंतु यह तो तकनीकी रूप से संवैधानिक प्रक्रिया है जिसे राज्य शासन के निर्देश पर कलेक्टर द्वारा करवाया जाएगा

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