सिर दर्द बना सहारा रिफंड पोर्टल– घंटों इंतजार के बाद भी आवेदन नहीं हो रहे डाउनलोड, लोग अपना जमा पैसा वापस लेने परेशान, भाजपा अध्यक्ष के कथनानुसार कहां है जिलों में सहायता केंद्र, नहीं आ रहे नजर, उपभोक्ता आयोग के फैसलों के बावजूद खाताधारक बेबस,मजाक बनाकर रख दिया है सहारा ने उपभोक्ता आयोग के आदेशों को भी



सिर दर्द बना सहारा रिफंड पोर्टल– घंटों इंतजार के बाद भी आवेदन नहीं हो रहे डाउनलोड, लोग अपना जमा पैसा वापस लेने परेशान, भाजपा अध्यक्ष के कथनानुसार कहां है जिलों में सहायता केंद्र, नहीं आ रहे नजर, उपभोक्ता आयोग के फैसलों के बावजूद खाताधारक बेबस,मजाक बनाकर रख दिया है सहारा ने उपभोक्ता आयोग के आदेशों को भी
सक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- सहारा कंपनी की विभिन्न सोसायटीयो में लोगों ने अपना खून पसीना एक कर पूंजी जमा की तथा परिपक्वता अवधि पूर्ण होने के बावजूद सहारा कंपनी खाताधारकों का भुगतान करने में अपने आप को असमर्थ बताने लगी, इसी बीच केंद्र कि मोदी सरकार ने केंद्रीय पंजीयक सहारा रिफंड पोर्टल लांच कर लोगों को एक उम्मीद दिखलाई, किंतु इन उम्मीदों पर भी भी अबपानी फिरता नजर आ रहा है, 18 जुलाई से प्रारंभ हुए सहारा रिफंड पोर्टल में घंटों इंतजार के बाद भी खाताधारकों के आवेदन डाउनलोड नहीं हो रहे हैं, तथा घंटों तक तो ओटीपी नहीं आता ओटीपी आने के बाद प्रक्रियाएं पूर्ण होने में तकनीकी खराबी के चलते लोग परेशान हो चुके हैं, तथा हालत यह है कि सुबह 10:00 बजे से बैठा एक व्यक्ति देर शाम तक अपने आवेदन को कंप्यूटर में उपरोक्त रिफंड पोर्टल के माध्यम से डाउनलोड नहीं करवा पा रहा है, तो वही कंप्यूटर सेंटर के संचालक भी परेशान हो चुके हैं तथा वे अब इस रिफंड पोर्टल पर प्रक्रियाएं डाउनलोड करने से भी बचना चाह रहे हैं
वही खाताधारकों का कहना है कि सरकार ने जब रिफंड पोर्टल लांच किया है तो उसे पूर्ण रूप से दुरुस्त रखना चाहिए, जिससे लोगों की प्रक्रियाये त्वरित पूर्ण हो सके, किंतु यह तो एक मजाक बनकर रह गया है कि लोग अपनी जमा पूंजी वापस लेने के लिए घंटों कंप्यूटर सेंटर में बैठे हुए हैं, किंतु उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है, वही छत्तीसगढ़ प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अरुण साव ने विगत दिनों यह आश्वासन दिया था कि प्रत्येक जिलों में उनकी पार्टी की ओर से दो-दो सहायता केंद्र सहारा की रिफंड पोर्टल हेतु खोले जाएंगे किंतु शक्ति जिले में तो भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के कथनानुसार ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है, तथा अब ना जाने सहारा खाताधारकों का क्या होगा, तथा रिफंड पोर्टल में भी सरकार ने केवल ₹10000/-रुपये वापसी की सीमा बांधी है, तथा यहां तो एक-एक व्यक्ति लाखों- लाखों रुपए निवेश करके बैठा है, उनका क्या होगा इसका कोई जवाब देने वाला नहीं है, तथा सहारा का रिफंड पोर्टल ऊंट के मुंह में जीरा वाला हिसाब हो गया है
वहीं वर्तमान में सहारा रिफंड पोर्टल में जो प्रक्रियाएं सरकार द्वारा करवाई जा रही है, उसमें यदि किसी व्यक्ति ने ₹200000/-रुपये एक ही नाम से जमा किए हैं तथा उसे केवल ₹10000/;रुपये ही वापस होंगे तथा प्रक्रिया पूर्ण करने के दौरान उसे एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर भी करने होंगे कि उसे आगे कोई शिकायत नहीं है, अर्थात सरकार जमा 200000/-रुपये के एवज में अभी केवल ₹10000/-रुपये देकर ही संपूर्ण सहमति खाताधारक की प्राप्त कर रही है, तथा आगे उनकी पैसा वापसी कैसे होगी इस पर सवालिया निशान लग गया है, तथा स्थिति यह है कि घंटों इंतजार के बाद भी कुछ आवेदकों के ही आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण हो पा रही है किंतु बाकी आवेदकों को बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है
ज्ञात हो कि सहारा खाताधारकों ने अपनी परिपक्वता अवधि पूर्ण होने के बावजूद भुगतान नहीं होने के कारण जिला उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया था, तथा जिला उपभोक्ता आयोग ने खाताधारकों के पक्ष में निर्णय देते हुए सहारा की अलग-अलग सोसाइटीयो को त्वरित भुगतान खाता धारक एवं आवेदक के संपूर्ण खर्चा सहित करने का आदेश भी दिया है, किंतु यह दुर्भाग्य है कि आज हिंदुस्तान में संवैधानिक रूप से देखा जाए तो उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उपभोक्ता आयोग एक सर्वोच्च एवं सबसे बड़ी संस्था है,किंतु उपभोक्ता आयोग के फैसले के बावजूद सहारा कंपनी द्वारा इस दिशा में ना ही कोई ध्यान दिया जा रहा है नहीं खाता धारक के पक्ष में फैसला आने के बाद उसे भुगतान के संबंध में कोई जवाब दिया गया है, जिससे कहीं ना कहीं जिला उपभोक्ता आयोग पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं कि आज जिला उपभोक्ता आयोग को भी सहारा जैसी कंपनी ने उसके आदेशों को मजाक बनाकर रख दिया है