धनखड़ साहब की नाराजगी- उपराष्ट्रपति धनखड़ ने न्यायपालिका को दिखाया आईना,कहा जज के घर से कैश बरामद होने के बाद भी एक महीने में नहीं हुई कार्यवाही,राष्ट्रपति के फैसले को नकार रही है कोर्ट, उपराष्ट्रपति ने यहां तक कह दिया की सामान्य नागरिक पर संदेह होने पर होती है तुरंत कार्रवाई, किंतु जज पर क्यों नहीं की जा रही कारवाई, दिल्ली हाईकोर्ट के जज के घर से हुए थे करोड़ों रुपए (जी एल न्यूज वेबसाइट पर कन्हैया गोयल की खास खबर)


धनखड़ साहब की नाराजगी- उपराष्ट्रपति धनखड़ ने न्यायपालिका को दिखाया आईना,कहा जज के घर से कैश बरामद होने के बाद भी एक महीने में नहीं हुई कार्यवाही,राष्ट्रपति के फैसले को नकार रही है कोर्ट, उपराष्ट्रपति ने यहां तक का दिया की सामान्य नागरिक पर संदेह होने पर होती है तुरंत कार्रवाई, किंतु जज पर क्यों नहीं की जा रही कारवाई, दिल्ली हाईकोर्ट के जज के घर से हुए थे करोड़ों रुपए बरामद
दिल्ली से कन्हैया गोयल की खबर
दिल्ली- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ज्यूडिशियरी पर गंभीर सवाल उठाये है, और राष्ट्रपति के फैसले को नकारने एवम जज के घर से कैश मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने को लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी बताया है,बीजेपी ने धनखड़ के बयान का समर्थन किया है,तो वहीं कांग्रेस ने आलोचना की है,अपने देश में जूडिशियरी के फैसलों पर सवाल उठाने की परंपरा कभी नहीं रही. लेकिन बीते दिनों कुछ ऐसे मामले सामने आए, जिसे लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका को कठघरे में खड़ा कर दिया है, धनखड़ ने यहां तक कहा कि राष्ट्रपति तक के फैसले को कोर्ट नकार रही है, लेकिन एक जज के घर से करोड़ों रुपये बरामद होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही. धनखड़ ने संसद में यह बयान देते हुए ज्यूडिशियरी की जवाबदेही और सुधार की मांग उठाई.
राज्यसभा में एक चर्चा के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, राष्ट्रपति तक निर्णय के खिलाफ जजमेंट दिया जा रहा है, पर एक जज के घर पर करोड़ों का कैश मिलने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हो रही. यह बहुत चिंताजनक है. इस देश में न्यायिक सुधार अब टालने लायक नहीं हैं. इस देश में न्यायिक सुधार इतने आवश्यक हैं कि संसद अब कोई बड़ा कानून पारित भी कर ले तो उसे कोई एक जज एक याचिका पर रोक देता है. अगर कोई एक जज एक याचिका पर संसद द्वारा पारित कानून को रोक सकता है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है. बड़े फैसले अब संसद नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट करेगा। और तब सरकार सिर्फ नाम की रह जाएगी.धनखड़ के गुस्से की वजह हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी, जिसके बाद भ्रष्टाचार के आरोप लगे. लेकिन अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. उपराष्ट्रपति ने कहा, जब एक सामान्य नागरिक पर संदेह होता है तो तुरंत कार्रवाई होती है, लेकिन न्यायपालिका में ऐसा नहीं होता. यह दोहरी व्यवस्था कब तक चलेगी? धनखड़ ने 2015 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) को असंवैधानिक ठहराए जाने का जिक्र किया, जिसे वे संसदीय संप्रभुता पर हमला मानते हैं.धनखड़ ने जूडिशियरी की पारदर्शिता और जवाबदेही पर बहस छेड़ दी है. इससे टकराव के संकेत मिल रहे हैं
उपराष्ट्रपति धनखड़ के बयान को बीजेपी ने ठहराया सही, कांग्रेस हमलावर
धनखड़ के बयान का बीजेपी ने समर्थन किया और कहा कि यह न्यायपालिका की जवाबदेही की मांग है. बीजेपी नेता सम्बित पात्रा ने कहा, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सही मुद्दा उठाया. जजों की नियुक्ति और जवाबदेही पर सुधार जरूरी है. जबकि विपक्ष ने इसे न्यायपालिका पर हमला करार दिया. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, धनखड़ का बयान सरकार की निरंकुशता को दर्शाता है. वे कोर्ट को कंट्रोल करना चाहते हैं.