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शक्ति जिले में हुई कांग्रेस की प्रेस वार्ता- तखतपुर की पूर्व विधायक रश्मि सिंह ने कहा- युक्ति युक्त करण शिक्षा विरोधी एवं रोजगार विरोधी निर्णय, कांग्रेस सड़क पर उतरकर करेगी आंदोलन, करेगी शिक्षा दफ्तरों का घेराव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष त्रिलोकचंद जायसवाल दादू भी रहे मौजूद, पूर्व विधायक रश्मि ने कहा- सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार का बड़ा षड्यंत्र

शक्ति जिले में हुई कांग्रेस की प्रेस वार्ता- तखतपुर की पूर्व विधायक रश्मि सिंह ने कहा- युक्ति युक्त करण शिक्षा विरोधी एवं रोजगार विरोधी निर्णय, कांग्रेस सड़क पर उतरकर करेगी आंदोलन, करेगी शिक्षा दफ्तरों का घेराव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष त्रिलोकचंद जायसवाल दादू भी रहे मौजूद, पूर्व विधायक रश्मि ने कहा- सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार का बड़ा षड्यंत्र kshititech
7 जून को शक्ति के रेस्ट हाउस में जिला कांग्रेस कमेटी की प्रेस वार्ता

शक्ति जिले में हुई कांग्रेस की प्रेस वार्ता- तखतपुर की पूर्व विधायक रश्मि सिंह ने कहा- युक्ति युक्त करण शिक्षा विरोधी एवं रोजगार विरोधी निर्णय, कांग्रेस सड़क पर उतरकर करेगी आंदोलन, करेगी शिक्षा दफ्तरों का घेराव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष त्रिलोकचंद जायसवाल दादू भी रहे मौजूद, पूर्व विधायक रश्मि ने कहा- सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार का बड़ा षड्यंत्र

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ती- छत्तीसगढ़ प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा विगत दिनों प्रदेश भर के स्कूलों के शिक्षकों के युक्ति युक्त करण कार्य को लेकर कांग्रेस इसे शिक्षा के विरोध में निर्णय बता रही है, कांग्रेस ने जहां इस आदेश के बाद तत्काल इसका विरोध करना चालू कर दिया था, तो वहीं 7 जून को शक्ति जिले के जिला मुख्यालय के स्थानीय शासकीय विश्राम गृह रेस्ट हाउस में जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया,जिसमें तखतपुर की पूर्व कांग्रेस विधायक श्रीमती रश्मि सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष त्रिलोकचंद जायसवाल दादू,जिला कांग्रेस कमेटी शक्ति के कोषाध्यक्ष नरेश गेवाड़ीन, जिला कांग्रेस कमेटी शक्ति के प्रवक्ता एवं एडवोकेट तथा शिक्षा विभाग के नेता प्रतिपक्ष महंत जी के प्रतिनिधि गिरधर जायसवाल, कांग्रेस नेता पिंटू जांजगीर चांपा जिला कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व मंडी अध्यक्ष श्रीमती रश्मि गबेल,वार्ड क्रमांक- 04 के पूर्व पार्षद एवम कांग्रेस नेता ईश्वर लोधी, मुकेश डेंसिल, पूर्व पार्षद पति लव सोनी सहित अनेको कांग्रेस नेता मौजूद रहे

इस अवसर पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए तखतपुर की पूर्व विधायक श्रीमती रश्मि सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार का यह निर्णय शिक्षा विरोधी तथा रोजगार विरोधी है, एवं कांग्रेस पार्टी ने इस बड़े विषय को लेकर राज्य सरकार को चेताया है, एवं सरकार अगर अपने इस निर्णय को नहीं बदलेगी तो आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों एवं शिक्षा दफ्तरों में घेराव किया जाएगा तथा शिक्षा के विरोध में काम करने वाली इस सरकार की मंशा को उजागर किया जाएगा, श्रीमती रश्मि सिंह ने कहा कि 10463 स्कूल बंद करना शिक्षा विरोधी, रोजगार विरोधी कदम है,इससे प्रदेश में 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जायेंगे। 10463 स्कूल सीधे तौर पर बद कर दिये गये है, नये सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदो की संख्या में कटौती करके शिक्षक के हजारों पद खत्म कर दिया गया है। रमन सरकार के दौरान भी प्रदेश में 3300 से अधिक स्कूलों को बंद किया गया था, 12000 शिक्षकों के पद को खत्म किया गया था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में प्राइमरी स्कूलों में 21 छात्रो के बीच एक शिक्षक है, इस अनुपात को बढ़ाकर 30 छात्र प्रति शिक्षक और इसी तरह मीडिल स्कूलों में 26 छात्र प्रति शिक्षक के रेसियो को बढ़ाकर 35 छात्र प्रत्ति शिक्षक किया जा रहा है। जिससे शिक्षको के एक तिहाई पद खत्म हो जायेंगे। नये शिक्षकों की भर्तियां न करनी पड़ी इसलिए युक्तियुक्तकरण कर रही साय सरकार। सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने षड्यंत्र रचा है। साय सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढ़ने वाले बच्चों पर पड़ेगा

कांग्रेस की पूर्व विधायक रश्मि सिंह ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों की नई भर्तियां न करनी पड़े, इसलिए साय सरकार शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर रही है। सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने षड्यंत्र रचा है। प्राथमिक शालाओं में पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है, अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षको के द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है? मिडिल स्कूल में तीन क्लास और 6 सब्जेक्ट इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके साथ केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे? इसके अतिरिक्त मध्यान भोजन की व्यवस्था डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहेगी।स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन 10463 स्कूलों से संलग्न हजारों रसोईया, स्लीपर और मध्यान भोजन बनाने वाली महिला, स्वसहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है। नए सेटअप के तहत सभी स्तर प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलो में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती के चलते युवाओं के लिए नियमित शिक्षक के पद पर नई भर्ती के अवसर भी कम हो जाएंगे, शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पड़ना निश्चित है

अधिनायकवादी भाजपा सरकार ने इतना बड़ा अव्यवहारिक निर्णय लेने से पहले ना प्रभावित वर्ग से चर्चा की, न ही प्रदेश के भविष्य के बारे में सोचा। इतना बड़ा निर्णय थोपने से पहले न शिक्षक संगठनों की राय ली गयी, न पालक संघ से पूछा गया, न ही शिक्षाविद और छात्र संगठनों से कोई चर्चा की गयी। सरकार के इस शिक्षा विरोधी फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश में आक्रोश है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही प्रदेश में 58000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, हर महीने सैकड़ो शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, कई वर्षों से शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है, स्थानांतरण को लेकर कोई ठोस पॉलिसी बना नहीं पाए, समयमान वेतनमान का विवाद अब तक लबित है ऐसे में युक्तिकरण के नाम पर शिक्षकों को हरा कर वसूली करना चाहती है यह सरकार।भाजपा सरकार 10 हजार से अधिक स्कूलों को बंद करने जा रही तथा 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त कर रही है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों विशेषकर बस्तर, सरगुजा, जशपुर जैसे जगहों पर स्कूलों की कमी होगी, सरकार झूठ बोल रही कि स्कूल बंद नहीं होंगे, जबकि सच्चाई यह है कि मर्ज किये गये स्कूलों का डायस कोड विलोपित कर दिया गया है। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में दावा किया था राज्य में 58000 शिक्षकों के पद खाली है। विधानसभा में घोषणा किया 35000 पद भरे जायेंगे, इस वर्ष बजट में भी 20000 शिक्षकों की भर्ती की बात की गयी है लेकिन यह भर्तियां नहीं करनी पड़े, इसलिये 45000 पद समाप्त किये जा रहे है। जब पद ही खाली नहीं रहेंगे तो भर्ती कहां से करेंगे। युक्तियुक्तकरण शिक्षा विरोधी, रोजगार विरोधी कदम है। 10 हजार स्कूलों के बंद होने से रसोईया, चौकीदार, नृत्य जैसे पद भी समाप्त होंगे हजारों लोगों के रोजगार के अवसर समाप्त होंगे। कांग्रेस इसके खिलाफ जमीनी लडाई लड़ेगी अब सभी जिलों एवं ब्लाकों में आंदोलन चलायेंगे, शीघ्र ही आंदोलन का कार्यक्रम, तिथि और स्वरूप की घोषणा होगी

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