10 सालों बाद शक्ति का चुनावी दंगल होगा रोमांचक- मतदाताओं की हुई पौ बारह, नगर पालिका शक्ति की अध्यक्ष सीट हुई सम्मान,2014 के बाद एक बार फिर अब मतदाताओं को मिलेगा सीधे अध्यक्ष चुनने का मौका,अंतिम प्रत्यक्ष चुनाव 2014 में कांग्रेस से श्यामसुंदर अग्रवाल तो वहीं भाजपा से कन्हैया गोयल ने लड़ा था चुनाव


10 सालों बाद शक्ति का चुनावी दंगल होगा रोमांचक- मतदाताओं की हुई पौ बारह, नगर पालिका शक्ति की अध्यक्ष सीट हुई सम्मान,2014 के बाद एक बार फिर अब मतदाताओं को मिलेगा सीधे अध्यक्ष चुनने का मौका, 2014 में कांग्रेस से श्यामसुंदर अग्रवाल तो वहीं भाजपा से कन्हैया गोयल ने लड़ा था चुनाव
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- छत्तीसगढ़ प्रदेश में नगरीय निकाय के निर्वाचन को लेकर लोगों में बेचैनी बढ़ती जा रही है, तथा समय पर निर्वाचन नहीं होने के कारण जहां छत्तीसगढ़ शासन ने राजपत्र में प्रकाशन कर प्रत्येक नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत में प्रशासकों की नियुक्ति कर दी है, तो वहीं 7 जनवरी को नगर निगम, नगर पालिका के महापौर, अध्यक्षों के आरक्षण की प्रक्रिया राजधानी रायपुर में संपन्न हुई तथा इस प्रक्रिया के बाद अब जहां प्रत्येक शहरी क्षेत्र में चुनाव को लेकर गहमा गहमी रहेगी तो वहीं राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी एवं विपक्षी पार्टी कांग्रेस में भी अब प्रत्याशी चयन को लेकर जोर आजमाइश देखी जाएगी,वहीं नवगठित शक्ति जिले का मुख्यालय नगर पालिका क्षेत्र शक्ति भी फिर से एक बार सामान्य हो गया है, एवं सामान्य सीट होने से जहां शक्ति का नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव काफी रोमांचक होगा तो वहीं साल 2014 के बाद 10 सालों के बाद फिर से सीधे मतदाताओं को अब अपना अध्यक्ष चुनने का मौका मिलेगा, साल 2019 में प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस नीत भूपेश बघेल सरकार ने कैबिनेट की बैठक कर नगरीय निकायों के अध्यक्ष एवं महापौर्वों को प्रत्यक्ष प्रणाली से निर्वाचित होने के स्थान पर अप्रत्यक्ष प्रणाली से पार्षदों द्वारा चुने जाने का प्रावधान कर दिया था, जिसके चलते आम मतदाताओं को अपना मुखिया चुनने का अवसर नहीं मिला,किंतु प्रदेश में भाजपा की सरकार के आने के बाद एक बार सरकार ने फिर से प्रत्यक्ष प्रणाली से शहरी चुनाव को कराने का संकल्प लिया तथा अब लोग अपना मुखिया स्वयं चुनेंगे
नगर पालिका परिषद शक्ति के अध्यक्ष चुनाव की बात करें साल 2014 में यह सीट सामान्य थी, जिसमें प्रत्यक्ष प्रणाली से जनता ने अपना अध्यक्ष चुना तथा 2014 में कांग्रेस पार्टी से श्यामसुंदर अग्रवाल तो वहीं भारतीय जनता पार्टी से कन्हैया गोयल ने चुनाव लड़ा था,तथा अन्य प्रत्याशियों में एनसीपी पार्टी से तत्कालीन प्रेस क्लब शक्ति के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा बाबा, देवांगन समाज शक्ति के वरिष्ठ सदस्य एवं सेवानिवृत्त खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पी आर देवांगन,सहित अनेको दिग्गज चेहरों ने भी इस अध्यक्ष चुनाव में भागीदारी की थी,तथा इन चुनाव में कांग्रेस पार्टी के श्यामसुंदर अग्रवाल निर्वाचित घोषित हुए थे एवं साल 2014 के बाद 2019 में अप्रत्यक्ष प्रणाली से कांग्रेस पार्टी ने नगर पालिका शक्ति में श्रीमती सुषमा जायसवाल के रूप में अपना अध्यक्ष बनाया तथा अब संभावित वर्ष 2025 में होने वाला चुनाव निश्चित रूप से बड़ा ही रोमांचक होने वाला है, एवं आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न होते ही जहां प्रत्याशियों को लेकर जन चर्चाओं का सिलसिला शुरू हो गया है तो वहीं शक्ति नगर पालिका परिषद 18 वार्डों में विभक्त है एवं शक्ति नगर पालिका क्षेत्र की राजनैतिक रूप से आकलन करें तो यह नगर पालिका अध्यक्ष की सीट सामान्य होते ही काफी कठिन एवं चुनौती पूर्ण होगी एवं किसी भी राजनैतिक पार्टी के लिए जनता का विश्वास जीतना काफी कठिन होगा एवं वर्तमान में शक्ति शहर में 2012 में हुई अतिक्रमण की कार्रवाई तथा 2023 में हुई अतिक्रमण की कार्रवाई को लोग भूल नहीं पाए हैं एवं दोनों ही कारवाई राजनैतिक दलों के लिए एक चुनौती होगी एवं चुकी प्रदेश में वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी सरकार में हैं किंतु शक्ति विधानसभा की बात करें तो यहां छत्तीसगढ़ प्रदेश के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉक्टर चरण दास महंत विधायक हैं एवं उनका क्षेत्र में काफी प्रभाव भी देखा जाता है तथा नगर पालिका अध्यक्ष की सीट सामान्य होते ही जहां कांग्रेस पार्टी से नगर पालिका अध्यक्ष रहे श्यामसुंदर अग्रवाल, नगर पालिका अध्यक्ष रहे नरेश गेवाडीन,पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुषमा जसयसवाल के पति एवं कांग्रेस जिला अध्यक्ष त्रिलोकचंद जायसवाल दादू, वरिष्ठ अधिवक्ता गिरधर जायसवाल,कांग्रेस नेत्री तथा दो बार नगर पालिका शक्ति के अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुकी श्रीमती गीता देवांगन का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी से भी अनेकों चेहरे अध्यक्ष की दौड़ में हो सकते हैं, जिसमें प्रमुख रूप से पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रहे संजय रामचंद्र, नगर पालिका शक्ति के एल्डरमैन रहे मांगेराम अग्रवाल,नगर पालिका शक्ति के पूर्व उपाध्यक्ष रहे एवं साल 2009 में नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुके अनूप अग्रवाल, भाजपा के पूर्व जिला कोषाध्यक्ष रामनरेश यादव, नगर पालिका परिषद शक्ति के पूर्व पार्षद रहे एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय खेतान लंबू का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है, तो वहीं भाजपा कांग्रेस के अलावा सामान्य सीट होने से शहर के अनेकों नए-नए चेहरे भी अपना भाग्य आजमा सकते हैं, किंतु यह बात तो स्पष्ट है की शक्ति सीट सामान्य होने के बाद मतदाताओं की पौ बारह हो गई है
तथा वार्डों में पार्षदों के चुनाव के साथ-साथ अध्यक्ष के चुनाव के लिए भी तगड़ी जुगलबंदी होगी एवं मतदाता भी अपने उम्मीदवारों से अपना पूरा मान मनोबल करवाने वाले हैं, तथा जन चर्चा तो यह भी है की शक्ति नगर पालिका की सीट सामान्य होने से लगभग 5 करोड रुपए का चुनावी खर्च होगा एवं साल 2019 में ही जब कांग्रेस पार्टी की श्रीमती सुषमा जायसवाल ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था तब भी ऐसी चर्चा है कि एक-एक वोट हेतु 15 से 20 लाख रुपए दिए गए तथा करीब 2 करोड रुपए अध्यक्ष बनने के लिए खर्च हुए थे, किंतु अब सीधे जनता के बीच से चुनाव होगा तो निश्चित रूप से शक्ति नगर पालिका क्षेत्र के लगभग 20000 मतदाता अपना अध्यक्ष चुनेंगे एवं भाजपा कांग्रेस ने भी अब अपने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है, तथा पार्षद प्रत्याशियों के चयन के साथ ही अध्यक्ष के लिए भी योग्य एवं लोकप्रिय प्रत्याशी जनता के बीच हो, ऐसा राजनैतिक दल चाहते हैं,एवं सभी राजनैतिक दलों को अपना चुनावी घोषणा पत्र भी अब बड़ा मजबूत बनाना होगा जो जनता के हित से संबंधित हो, वहीं दूसरी ओर शक्ति नगर पालिका के चुनाव भी काफी खर्चीले होते हैं, ऐसा लोगों का मानना है तथा विगत वर्षों का आकलन किया जाए तो शहर के कई वार्ड ऐसे हैं जिसमें एक-एक पार्षद पद के प्रत्याशियों को 25 से 30 लाख रुपए चुनाव में खर्च करना पड़ा