छलका धर्मेंद्र सिंह का दर्द– कहां क्षेत्र की जनता के लिए शहिद भी होना पड़े तो मैं हूं तैयार, मैंने पूर्व में ही दे दिया था सभी पदों से इस्तीफा, तो फिर यह कैसा निष्कासन, मेरे पूर्वजों ने संवारा इस शहर को और झूठे षडयंत्रों से मेरे चरित्र हनन का किया गया प्रयास, धर्मेंद्र ने कहा- जनता के साथ रहकर करूंगा दमनकारी ताकतों का प्रखर विरोध
छलका धर्मेंद्र सिंह का दर्द– कहां क्षेत्र की जनता के लिए शहिद भी होना पड़े तो मैं हूं तैयार, मैंने पूर्व में ही दे दिया था सभी पदों से इस्तीफा, तो फिर यह कैसा निष्कासन, मेरे पूर्वजों ने संवारा इस शहर को और झूठे षडयंत्रों से मेरे चरित्र हनन का किया गया प्रयास
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- ठीक विधानसभा चुनाव के 3 दिन पूर्व ही जिला कांग्रेस कमेटी शक्ति के अध्यक्ष त्रिलोकचंद्र जायसवाल द्वारा धर्मेंद्र सिंह को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंडियन नेशनल कांग्रेस) की प्राथमिक सदस्य से 6 वर्षों से निष्कासित करने पर धर्मेंद्र सिंह का दर्द छलक उठा,धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि मैं 12 नवंबर 2023 को ही छत्तीसगढ़ प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष आकाश शर्मा रायपुर को अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के समस्त प्रकोष्ठों से एवं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे दिया था, तथा मैंने अपने त्यागपत्र में लिखा था कि मैं राजा धर्मेंद्र सिंह पिता राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह पूर्व मंत्री मध्य प्रदेश शासन वर्तमान में प्रदेश युवा कांग्रेस में प्रदेश सचिव के पद पर निर्वाचित पदाधिकारी हूं,तथा मैं व्यक्तिगत कारणों से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के समस्त प्रकोष्ठों के पदों से त्यागपत्र दे रहा हूं, एवं मेरा त्यागपत्र आज 12 नवंबर से ही स्वीकृत माना जाए
तथा धर्मेंद्र सिंह ने अपने निष्कासन पर सार्वजनिक रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मैं इस्तीफा पूर्व में ही स्वतः कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे चुका हूँ,तथा समक्ष से परे है,की मैं पार्टी का सदस्य ही नहीं हूँ फिर निष्कासन का मतलब क्या है?मैं इस पद में रहकर अपने क्षेत्र के लोगो के साथ न्याय नहीं कर पा रहा था। पार्टी अनुशासन में अपने आपको बंधा हुआ महसूस कर रहा था। यह शहर मेरे पूर्वजों की देन है,इसकी नींव से लेकर इस शहर को सजाने संवारने का कार्य मेरे पूर्वजों द्वारा किया गया, यह शहर मेरे पूर्वजों की धरोहर है। इस शहर से मेरा भावनात्मक लगाव रहा है। जिन लोगों ने इस शहर को तोड़फोड कर नष्ट करने का प्रयास किया। इससे मुझे मेरे हृदय को आघात लगा । इसमें यहाँ की गरीब जनता की अंतरात्मा की आवाज थी, उनकी चीखें एवम उनकी आह मुझे उद्वेलित कर रही थी, मैं उन गरीब शोषित, पीड़ित लोगो के साथ न्याय नहीं कर पा रहा था, मेरे अंदर इस बंधन से मुक्त होने के लिये कशमशाहट थी। मेरी आत्मा इस बंधन से मुक्त होने के लिए बार-बार प्रेरित कर रही थी। इसलिये मैंने भरे मन से समस्त पदो एवं प्रकोष्ठो से त्याग पत्र देना ही उचित समझा। मुझे लगता है कि मैं अब खुले मन से उन शोषित पीड़ित परिवारों के साथ रहकर एवं उनकी आवाज बनकर मैं उनके हक की लड़ाई लड़ पाउंगा
धर्मेंद्र सिंह ने कहा है कि मुझे मेरे क्षेत्र की जनता के लिये शहीद भी होना पड़े तो मैं तैयार हूँ। इसे अपना सौभाग्य समझंगा। मैं अब अपने क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करूंगा। जब भी मुझे लगेगा कि कोई मेरे क्षेत्र की जनता के साथ जनता को दमन करने का प्रयास करेगा तो मैं जनता के साथ रहकर उन दमनकारी ताकतो का विरोध करूंगा,अपने व्यक्तिगत राजनैतिक स्वार्थ के लिये जिस तरीके से झूठे षड़यंत्रो के तहत् मेरा चरित्र हनन का प्रयास किया गया ये इनकी कुत्सित राजनीति एवं दुर्भावना का परिणाम है। मेरे क्षेत्र की जनता मेरी तरह इनकी कुत्सित राजनीति का शिकार न हो पायें। इसके लिये मैं सजग प्रहरी बनकर सतत निगरानी करने का प्रयास करूंगा