
साल 2023- क्या खोया, क्या पाया, शहर,जिले, प्रदेश के लिए कैसा रहा यह साल, आने वाला साल 2024 रहेगा राम जी को समर्पित
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नए साल 2024 के आगमन को कुछ घंटे ही शेष रह गए हैं, तथा साल 2023 जहां शक्ति शहर,शक्ति जिले एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए मिला-जुला रहा तो वहीं राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में बड़ा राजनीतिक परिवर्तन होते हुए 5 सालों से सत्ता में काबिज कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी तो वहीं भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, शक्ति जिले में भाजपा ने अपनी तीनों सीटे गंवाई तो वहीं पहली बार जांजगीर चांपा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के सभी 08 विधायक प्रत्याशी चुनाव हार गए तथा प्रदेश में सत्ता आने का मजा एवं उत्साह सक्ति जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं में फीका ही रह गया
वहीं शक्ति विधानसभा में देखा जाए तो यह राजनीतिक चर्चा जोरों से थी कि जो एक बार विधानसभा अध्यक्ष बनता है वह दोबारा चुनाव नहीं जीतता, किंतु वर्तमान विधायक डॉ चरण दास महंत ने रिकॉर्ड वोटो से जीत दर्ज कर यह परंपरा ही तोड़ दी, वही शक्ति शहर वासियों के लिए साल 2023 देखा जाए तो बुधवारी बाजार क्षेत्र में प्रशासन ने फिर से एक बार 2012 की लोगों को याद करवा लोगों के मकान एवं दुकानों को धाराशायी कर दिया, जिससे सैकड़ो परिवार एवं छोटे-बड़े व्यापारी बेघर हो गए तथा उपरोक्त स्थान पर प्रशासन ने नवनिर्माण की बात कही थी किंतु आज पर्यंत तक उपरोक्त निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं,वहीं शक्ति जिला गठन के बावजूद देखा जाए तो जिले वासियों को नए जिले की सुविधाओं का जो लाभ मिलना चाहिए वैसा कुछ जिले में नजर नहीं आया, कलेक्ट्रेट कार्यालय शहर से 8 किलोमीटर दूर बनने से जहां आम जनता अपने छोटे-छोटे कामों के लिए आसानी से जेठा नहीं पहुंच पा रही है, तो वहीं शक्ति जिले में जिला स्तर के नए सरकारी दफ्तरों को भी अलग-अलग स्थान पर अस्थाई रूप से प्रारंभ करने से भी कोई विशेष सुविधाएं लोगों को नहीं मिल पा रही है, शक्ति शहर रेल यात्री सुविधाओं की दृष्टि से भी उपेक्षित रहा, साल 2023 में रेल यात्रियों को उम्मीद थी की नई ट्रेनों का स्टॉपेज मिलेगा किंतु यात्री अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, शक्ति जिले में दिसंबर 2023 में नई सरकार के गठन के बाद जहां किसानों को अटके पड़े 2 साल की बोनस की राशि मिली तो वही किसानों के चेहरे में भी रौनक आ गई किंतु शक्ति शहर में देखा जाए तो कोई विशेष परिवर्तन या विकास नजर नहीं आया
शहर के पुराने नगरपालिका कार्यालय में स्थापित स्वर्गीय बिसाहू दास महंत सियान सदन बनकर आज भी वहां ताला लगा हुआ है, उसका उपयोग भी प्रारंभ नहीं हुआ है, साल 2023 में शक्ति शहर सहित आसपास के क्षेत्र में अपराधों में भी जहां बढ़ोतरी हुई तो वहीं पुलिस प्रशासन भी अपराधों पर अंकुश लगाने सजग नजर आई, तथा शहर में बड़ी डकैती की घटनाएं की योजना बना रहे लोगों को शक्ति पुलिस टीआई विवेक शर्मा ने पकड़कर एक बड़ा काम किया
वही धार्मिक रूप से भी साल 2023 में शक्ति शहर में समय-समय पर विभिन्न धार्मिक संगठनों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए गए तथा पूरा शहर एवं क्षेत्र बाबा श्याम, रानी सती दादी, बाबा भोलेनाथ एवं प्रभु श्री रामचंद्र जी के की आस्था में डूबा रहा, साल 2024 में अयोध्या में होने जा रहे श्री राम मंदिर के लोकार्पण को लेकर भी लोग अभी से योजनाएं बनाने लगे हैं, तथा इस दिन जहां घरों में श्री राम ज्योति प्रज्वलित होगी तो वहीं विभिन्न कार्यक्रमों की भी रूपरेखा शहर के विभिन्न संगठन तैयार कर रहे हैं शक्ति शहर में चिकित्सा के क्षेत्र में निजी सेक्टर में जहां लोगों को नए अस्पतालों गोमती,बिहान के खुलने की सुविधा मिली तो वही सरकारी चिकित्सा सुविधा आज भी उतनी अच्छी नहीं है जितना की शासन की मंशानुरूप होना चाहिए, शहर में करोड़ों रुपए के सरकारी अस्पतालों के भवन होने के बावजूद बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है
शक्ति जिला गठन के पश्चात पहली बार जिले में विधानसभा के चुनाव हुए, जिसमें जिले की कलेक्टर आईएएस नूपुर राशि पन्ना एवं जिला पुलिस अधीक्षक आईपीएस एमअर अहिरे के मार्गदर्शन में जहां शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हुए तो वहीं चुनाव की बेहतर व्यवस्थाओं से राजनीतिक दलों में भी प्रशासन के प्रति सकारात्मक सोच देखी गई, शक्ति शहर वासियों को नए सरकारी कनके कारण अवस्थित ढंग से संचालित हो रहा है, आने वाला साल 2024 जहां फिर से राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम होगा तो वहीं लोकसभा के चुनाव, नगरीय निकाय के चुनाव, त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव होंगे, जिसमें एक बार फिर से वर्तमान में केंद्र में राज कर रही एनडीए गठबंधन वाली भारतीय जनता पार्टी के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में आने एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, तो वहीं देश के सारे विपक्षी राजनीतिक दल भी एक होकर एनडीए सरकार के खिलाफ वातावरण बनाने में लगे हुए हैं, वहीं नगरीय निकाय तथा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी छोटे-छोटे गांव के वार्ड एवं शहरों के वार्डो के नेताओं को भी जहां फिर से चुनाव में भाग लेने का मौका मिलेगा तो वहीं मतदाता एवं जनता भी अपने जन प्रतिनिधियों को चुनेगी