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धोखाधड़ी करने वाला अब नहीं कहलाएगा 420- 1 जुलाई से 3 नए क्रिमिनल कानून होंगे लागू, मॉब लिंचिंग, देश द्रोह सहित इन मामलों में होंगे अहम बदलाव, पूरे देश में कानून में हुए बदलाव को लेकर जगह-जगह हो रहे सेमिनार,भारतीय दंड संहिता की जगह अब होगी भारतीय न्याय संहिता, 16 जून को शक्ति की हटरी धर्मशाला में भी कानून विदों की उपस्थिति में हुआ सेमिनार का आयोजन

धोखाधड़ी करने वाला अब नहीं कहलाएगा 420- 1 जुलाई से 3 नए क्रिमिनल कानून होंगे लागू, मॉब लिंचिंग, देश द्रोह सहित इन मामलों में होंगे अहम बदलाव, पूरे देश में कानून में हुए बदलाव को लेकर जगह-जगह हो रहे सेमिनार,भारतीय दंड संहिता की जगह अब होगी भारतीय न्याय संहिता, 16 जून को शक्ति की हटरी धर्मशाला में भी कानून विदों की उपस्थिति में हुआ सेमिनार का आयोजन Console Corptech
1 जुलाई 2024 से पूरे देश में आपराधिक कानून पर होगा बड़ा बदलाव
धोखाधड़ी करने वाला अब नहीं कहलाएगा 420- 1 जुलाई से 3 नए क्रिमिनल कानून होंगे लागू, मॉब लिंचिंग, देश द्रोह सहित इन मामलों में होंगे अहम बदलाव, पूरे देश में कानून में हुए बदलाव को लेकर जगह-जगह हो रहे सेमिनार,भारतीय दंड संहिता की जगह अब होगी भारतीय न्याय संहिता, 16 जून को शक्ति की हटरी धर्मशाला में भी कानून विदों की उपस्थिति में हुआ सेमिनार का आयोजन Console Corptech
कानून में हो रहे बदलाव को लेकर देश भर में प्रशिक्षण एवं सेमिनार जोरों से
धोखाधड़ी करने वाला अब नहीं कहलाएगा 420- 1 जुलाई से 3 नए क्रिमिनल कानून होंगे लागू, मॉब लिंचिंग, देश द्रोह सहित इन मामलों में होंगे अहम बदलाव, पूरे देश में कानून में हुए बदलाव को लेकर जगह-जगह हो रहे सेमिनार,भारतीय दंड संहिता की जगह अब होगी भारतीय न्याय संहिता, 16 जून को शक्ति की हटरी धर्मशाला में भी कानून विदों की उपस्थिति में हुआ सेमिनार का आयोजन Console Corptech
1 जुलाई 2024 से बदल जाएंगी आपराधिक मामलों की धाराएं

धोखाधड़ी करने वाला अब नहीं कहलाएगा 420- 1 जुलाई से 3 नए क्रिमिनल कानून होंगे लागू, मॉब लिंचिंग, देश द्रोह सहित इन मामलों में होंगे अहम बदलाव, पूरे देश में कानून में हुए बदलाव को लेकर जगह-जगह हो रहे सेमिनार,भारतीय दंड संहिता की जगह अब होगी भारतीय न्याय संहिता, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने करी नए कानूनो की तारीफ

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति-भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून एक जुलाई से लागू होंगे,आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए तीन नए क्रिमिनल कानून- भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 1 जुलाई से लागू होंगे. पिछले साल अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश किए गए ये कानून क्रमशः औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को सूचित किया है कि तीनों नए आपराधिक कानून 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होंगे,कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने यह भी अनुरोध किया है कि ये मंत्रालय और विभाग इन नए कानूनों की विषय-वस्तु को अपने विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल करें. गृह मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों के डीजीपी से मुलाकात की और उन्हें तीनों नए कानूनों का उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया

नए कानूनों से क्या होगा बदलाव?

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 163 साल पुरानी IPC की जगह लेगी, जिससे दंड कानून में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे. नये कानून में यौन अपराधों के लिए कड़े उपाय किए गए हैं. कानून में उन लोगों के लिए दस साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है, जो बिना किसी इरादे के शादी का वादा करके धोखे से यौन संबंध बनाते हैं,संगठित अपराध जैसे अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरन वसूली, भूमि हड़पना, अनुबंध हत्या, आर्थिक अपराध, साइबर अपराध और व्यक्तियों, ड्रग्स, हथियारों या अवैध वस्तुओं या सेवाओं की तस्करी को लेकर कड़े कानून बनाए गए हैं,वेश्यावृत्ति या फिरौती के लिए मानव तस्करी, संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्यों के रूप में या ऐसे सिंडिकेट की ओर से मिलकर काम करने वाले व्यक्तियों या समूहों द्वारा की जाती है, उन्हें कठोर दंड का सामना करना पड़ेगा. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भौतिक लाभ के लिए हिंसा, धमकी, डराने-धमकाने, जबरदस्ती या अन्य गैरकानूनी तरीकों से किए गए इन अपराधों को कड़ी सजा दी जाएगी.

मॉब लिंचिंग के लिए मौत की सजा

राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्यों के लिए भारतीय न्याय संहिता ने आतंकवादी कृत्य को ऐसी किसी भी गतिविधि के रूप में परिभाषित किया है. ये आतंक फैलाने के इरादे से देश एकता एवं अखंडता को खतरे में डालते हैं,यह मॉब लिंचिंग द्वारा हत्या से जुड़े मामले में बदलाव होगा. जब पांच या उससे अधिक व्यक्तियों का समूह मिलकर नस्ल, जाति या समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, व्यक्तिगत विश्वास या किसी अन्य समान आधार पर हत्या करता है. इसमें मामले में मृत्युदंड या आजीवन कारावास के साथ जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है

बीएनएसएस से होंगे ये अहम परिवर्तन

1973 की दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) लागू होगा. इसमें महत्वपूर्ण प्रावधान विचाराधीन कैदियों के लिए है. अब कम से कम सात साल की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच अनिवार्य है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि फोरेंसिक विशेषज्ञ अपराध स्थलों पर साक्ष्य एकत्र करें और रिकॉर्ड करें. यदि किसी राज्य में फोरेंसिक सुविधा नहीं है, तो उसे दूसरे राज्य में सुविधा का उपयोग करना होगा,बलात्कार पीड़ितों की जांच करने वाले चिकित्सकों को सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट जांच अधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी. बहस के पूरा होने के 30 दिनों के भीतर निर्णय सुनाया जाना चाहिए, जिसे 60 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है पीड़ितों को 90 दिनों के भीतर जांच की प्रगति के बारे में सूचित किया जाना चाहिए,इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को निर्धारित करेगा बीएसए
साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू होगा. नया कानून इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर नियमों को सुव्यवस्थित करता है और द्वितीयक साक्ष्य के दायरे का विस्तार करता है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के लिए विस्तृत प्रकटीकरण प्रारूपों की आवश्यकता होती है, जो केवल हलफनामों से आगे बढ़ते हैं,इसी श्रृंखला में 16 जून को शक्ति शहर की हटरी धर्मशाला में भी नए कानून को लेकर कानून विदों की उपस्थिति में सेमिनार का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम में जहां न्याय विभाग, पुलिस विभाग,अधिवक्ता साथी मौजूद रहे तो वहीं कलिंगा यूनिवर्सिटी से पधारे विधि जानकारों ने नए कानून को लेकर विस्तार पूर्वक एक-एक बिंदुओं पर जानकारी दी तथा इस दौरान अधिवक्ता साथियों ने भी कानून में बदलाव को लेकर अपनी जिज्ञासाएं प्रस्तुत की तथा इस कार्यक्रम में काफी संख्या में शक्ति जिले के विभिन्न स्थानों से लोग उपस्थित रहे

धोखाधड़ी करने वाला अब नहीं कहलाएगा 420- 1 जुलाई से 3 नए क्रिमिनल कानून होंगे लागू, मॉब लिंचिंग, देश द्रोह सहित इन मामलों में होंगे अहम बदलाव, पूरे देश में कानून में हुए बदलाव को लेकर जगह-जगह हो रहे सेमिनार,भारतीय दंड संहिता की जगह अब होगी भारतीय न्याय संहिता, 16 जून को शक्ति की हटरी धर्मशाला में भी कानून विदों की उपस्थिति में हुआ सेमिनार का आयोजन Console Corptech
1 जुलाई से संशोधित होने वाले नए कानून की समीक्षा मीडिया की नजर में
धोखाधड़ी करने वाला अब नहीं कहलाएगा 420- 1 जुलाई से 3 नए क्रिमिनल कानून होंगे लागू, मॉब लिंचिंग, देश द्रोह सहित इन मामलों में होंगे अहम बदलाव, पूरे देश में कानून में हुए बदलाव को लेकर जगह-जगह हो रहे सेमिनार,भारतीय दंड संहिता की जगह अब होगी भारतीय न्याय संहिता, 16 जून को शक्ति की हटरी धर्मशाला में भी कानून विदों की उपस्थिति में हुआ सेमिनार का आयोजन Console Corptech
नए कानून में बदलाव को लेकर 16 जून को शक्ति की हटरी धर्मशाला में आयोजित सेमिनार कार्यक्रम
धोखाधड़ी करने वाला अब नहीं कहलाएगा 420- 1 जुलाई से 3 नए क्रिमिनल कानून होंगे लागू, मॉब लिंचिंग, देश द्रोह सहित इन मामलों में होंगे अहम बदलाव, पूरे देश में कानून में हुए बदलाव को लेकर जगह-जगह हो रहे सेमिनार,भारतीय दंड संहिता की जगह अब होगी भारतीय न्याय संहिता, 16 जून को शक्ति की हटरी धर्मशाला में भी कानून विदों की उपस्थिति में हुआ सेमिनार का आयोजन Console Corptech
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धोखाधड़ी करने वाला अब नहीं कहलाएगा 420- 1 जुलाई से 3 नए क्रिमिनल कानून होंगे लागू, मॉब लिंचिंग, देश द्रोह सहित इन मामलों में होंगे अहम बदलाव, पूरे देश में कानून में हुए बदलाव को लेकर जगह-जगह हो रहे सेमिनार,भारतीय दंड संहिता की जगह अब होगी भारतीय न्याय संहिता, 16 जून को शक्ति की हटरी धर्मशाला में भी कानून विदों की उपस्थिति में हुआ सेमिनार का आयोजन Console Corptech
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