दिवंगत आरक्षक की बिटिया ने SP अंकिता शर्मा से कहा- मैं भी बनूंगी पुलिस ऑफिसर, मेहनत से करूंगी पढ़ाई, कभी नहीं मानूंगी हार,सक्ती जिले की एसपी मैडम भी बच्चों एवं विद्यार्थियों के लिए है प्रेरणा स्रोत


दिवंगत आरक्षक की बिटिया ने SP अंकिता शर्मा से कहा- मैं भी बनूंगी पुलिस ऑफिसर, मेहनत से करूंगी पढ़ाई, कभी नहीं मानूंगी हार
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती-कहते हैं जीवन में आगे बढ़ने के लिए कोई ना कोई अपना एक प्रेरणास्रोत,मार्गदर्शक जरूर होता है, तथा जीवन के किसी भी मोड़ पर छोटी-छोटी बातें हमारे जीवन के लिए कब सफलता की पूंजी बन जाए या कोई नहीं जानता, कुछ इसी तरह से भारतीय पुलिस सेवा की जांबाज अधिकारी एवं शक्ति जिले में पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी संभाल रही अंकिता शर्मा भी कुछ इसी तरह से लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत- मार्गदर्शक बनी हुई है, अंकिता शर्मा जहां अपनी पुलिस विभाग की जिम्मेदारियो का सजगता एवं सक्रियता के साथ समर्पित भावना से निर्वहन करती हैं, तो वहीं उनकी ड्यूटी के दौरान उनसे अनेकों मर्तबा कुछ ऐसे प्रेरणादायक अवसर आते हैं, जब वे लोगों के लिए एक गाइड का भी काम करती हैं, कुछ इसी तरह से जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय शक्ति में कार्यालयिन समय में अपने पुलिस विभाग के काम निपटा रही आईपीएस पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा के साथ एक ऐसा ही यादगार अवसर आया तथा इस अवसर को स्वयं आईपीएस पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा ने साझा करते हुए बताया कि एक छोटी बच्ची अपनी माँ के साथ हमारे कार्यालय आई थी। उसकेपिता एक पुलिस कांस्टेबल थे, जिनका दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से एक हादसे में निधन हो गया। हमारे लिए वह अब सिर्फ एक बच्ची नहीं, बल्कि हमारी”बाल आरक्षक” बन चुकी है,जब वह आई, तो मैंने उससे पूछा”बड़ी होकर क्या बनना चाहती हो?”उसने बिना देर किए जवाब दिया -“पुलिस।”मैंने मुस्कराकर कहा”लेकिन तुम तो पहले से ही पुलिस हो । “वह थोड़ा रुकी और बोली”नहीं, मैं असली पुलिस अफसर बनना चाहती हूँ।”
मैंने उससे कहा-“तो फिर सिर्फ पुलिस अफसर क्यों बनना ? आईपीएस बनो।”उसकी आँखों में चमक आ गई और उसने सहमति में सिर हिलाया ।मैंने पूछा”आईपीएस बनने के लिए क्या करना होगा ?”उसने थोड़ा सोचा और बोली
“मेहनत से पढ़ाई?”मैंने कहा”और?”वो मुस्कराई
“मेहनत से पढ़ाई।””और क्या?”अबकी बार उसने पूरे आत्मविश्वास से कहा-“कभी हार नहीं माननी । “
उल्लेखित हो कि शक्ति जिले की आईपीएस पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा जहां अपने विभिन्न प्रवास के दौरान एवं सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी विद्यार्थियों, बच्चों के प्रति विशेष आत्मीयता रखती हैं, तो वहीं वे कार्यक्रमों के दौरान बच्चों के साथ स्वयं उनके पास पहुंचकर उनका उत्साह वर्धन करती है एवं उनसे बातें भी करती हैं, जिससे बच्चों के मन में भी जहां पुलिस अधिकारियों के प्रति सकारात्मक भावना जागृत होती है,तो वहीं बच्चों को भी ऐसे पुलिस अधिकारियों से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है