सफेद, पीले के खेल में उलझे लोग- सोने चांदी की कीमतों को लेकर चल रही इंटरनेशनल पॉलिटिक्स, सोना चांदी को इन्वेस्टमेंट के रूप में खरीदने वाले रहो सावधान-सूत्र


सोने चांदी की कीमतों को लेकर चल रही इंटरनेशनल पॉलिटिक्स, सोना चांदी को इन्वेस्टमेंट के रूप में खरीदने वाले रहो सावधान-सूत्र,
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति-सोने- चांदी की कीमतों में विगत 6 महीनो से चल रही इंटरनेशनल पॉलिटिक्स के चलते जहां इनकी कीमतों को बेतहाशा बढ़ा दिया गया है, तथा जिस तरह से सोने चांदी की कीमतों में गिरावट चालू हो गई है, तथा सोने चांदी की कीमतों को लेकर जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी राजनीति चल रही है, एवं वर्तमान में भारत देश मे लोग सोने चांदी की कीमतों में तेजी देखकर अपने पैसों को इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, वह जमीन जायदाद एवम चीजो को छोड़कर सोने चांदी में अपनी इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं, किंतु इन सभी इन्वेस्टर्स को इस बात को लेकर सावधान रहना चाहिए कि सोने चांदी की कीमत धड़ाम से नीचे भी आ सकती है, जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी, एवं आपकी जमा पूंजी को भी कहीं ना कहीं नुकसान हो सकता है, इसलिए बड़ा ही सोच समझकर सोने चांदी में इन्वेस्टमेंट करने की आवश्यकता है, एवं वर्तमान में पूरे देश भर में विगत दो महीनो में आर्थिक जानकारों का कहना है की रियल एस्टेट के मार्केट में वर्तमान में पूरी मंदी छा गई है, एवं जिस तरह से चांदी की कीमतें डबल हो गई है लोगों को ऐसा लग रहा है कि आज इससे अच्छा कहीं भी नहीं है एवं लोगों का रुझान इधर ज्यादा दिख रहा है, किंतु इंटरनेशनल पॉलिटिक्स जिस तरह से हावी है उससे कहीं ना कहीं इन्वेस्टरों को लंबा नुकसान भी हो सकता है, तथा आर्थिक जानकारों ने इस बात को लेकर आगाह किया है कि कोई भी फैसला सोच समझ कर लें तथा सोने चांदी की बढ़ती कीमतों से जहां सरकार भी कहीं ना कहीं परेशान है तो वहीं आम आदमी की पहुंच से भी सोने चांदी के जेवर दूर हो गए हैं, जिससे कहीं ना कहीं आने वाले समय में सरकार भी इसे लेकर एक बड़ा फैसला ले सकती हैं
नोटबंदी की तरह जेवर बंदी का भी कभी हो सकता है बड़ा निर्णय- सूत्र
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही 2000 एवं 1000 के नोटों को लोगों की तिजोरियों से निकलने के लिए जहां नोटबंदी का फैसला लिया, तो वहीं वर्तमान में जिस तरह से सोने चांदी को लोग खरीद कर अपने तिजोरियों में रख रहे हैं, एवं बड़े-बड़े लोग सोने चांदी में लंबा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं, उसे देखते हुए आर्थिक जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में सरकार सोने चांदी के जेवरों को लेकर भी कोई बड़ा फैसला ले ले तो कोई बड़ी बात नहीं है, एवं उसका स्वरूप क्या होगा यह तो कोई नहीं जानता किंतु कहीं ना कहीं यह घाटे का सौदा भी हो सकता है
किसी भी वस्तु की कीमतें अनियंत्रित होना सरकारों के लिए भी है बड़ा सिर दर्द- सूत्र
किसी भी देश में किसी भी वस्तु की कीमत अनियंत्रित होना तथा आम आदमी की पहुंच से दूर होना सरकारों के लिए भी सर दर्द होता है, तथा सरकारे भी हो सकता है इस स्थिति में अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए कोई भी बड़ा निर्णय ले ले