बांग्लादेश की घटना से आक्रोशित शक्ति जिले का हिंदू समाज, शहर के अग्रसेन चौक में हुआ विशाल प्रदर्शन एवं सर्व हिंदू समाज ने निकाली आक्रोश रैली
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती^ बांग्लादेश में हिंदुओं के धार्मिक, सामाजिक, और मानवाधिकारों के निरंतर उल्लधन के संदर्भ में आवश्यक कूटनीतिक हस्तक्षेप ज्ञापन हिन्दू समाज के द्वारा राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया. कचहरी चौक में धरना प्रदर्शन भी किया गया. इस अवसर पर हिन्दू समाज के वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों और हमारे सम्मानित आध्यात्मिक नेता चिन्मय प्रभु की अवैध हिरासत का विरोध कर रहे हैं. हाल ही में आयोजित “चलो बाग्लादेश” आंदोलन, जो असम के करिमगंज से आरंभ होकर सुतारकांडी बॉर्डर तक पहुंचा, इस बात का प्रमाण है कि भारत के लोग बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के प्रति गहनी चिंता और आक्रोश व्यक्त कर रहे है,हमारे प्रमुख मुद्दे एवं मांगें करते हुए सर्व हिन्दू समाज के प्रमुख जनों ने चिन्मय प्रभु की बिना शर्त रिहाई, चिन्मय प्रभु, जो भारत और बांग्लादेश दोनों ही देशों में लाखौ लोगों के आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं, की गिरफ्तारी मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का गभीर उल्लंघन है। उनकी गिरफ्तारी के पीछे कोई वैध कारण नहीं है, और यह न केवल उनके अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि यह न्याय और मानवता के सिद्धांतों पर भी प्रहार बताया है.
सर्व हिंदू समाज के लोगों ने अनुरोध किया हैं कि यह बांग्लादेश सरकार पर कूटनीतिक दबाव बनाए ताकि चिन्मय प्रभु को अविलंब रिहा किया जाए। उनकी रिहाई न केवल एक धार्मिक नेता की आजादी होगी, बल्कि यह मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रतीक होगी। पूर्व विधायक डॉ॰ खिलावन साहू ने संबोधित करते हुए हिन्दु एकता की बात कही और कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा एवं रोकथाम ज़रूरत है. पिछले कुछ वर्षों में बाग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकी के खिलाफ हिंसा, लूटपाट, बलात्कार, हत्या, और जबरन धर्मांतरण जैसी घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ी है। धरना प्रदर्शन के दौरान मंच से संबोधित किया और कहा कि हिन्दू समाज के प्रमुख जनों ने विशेषकर तख्तापलट के बाद यह हिंसा और भी अधिक गंभीर हो गई है। ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि ऐतिहासिक और धार्मिक महत्य के हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, जिससे न केवल हमारी धार्मिक धरोहर को हानि पहुंच रही है, बल्कि यह हिंदू समुदाय की आत्मा पर भी आघात है। हिंदू परिवारों की संपत्तियों को लूटकर उन्हें उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है। ये परिवार आज विस्थापन, गरीबी, और सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे हैं। हिंदू महिलाओं और बच्चों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। उनके साथ यौन शोषण, अपहरण, और जबरन धर्मांतरण जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। मांग की गई है कि बांग्लादेश सरकार से यह सुनिश्चित कराया जाए कि हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, धार्मिक स्वतंत्रता, और उनके नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए
ज्ञापन के माध्यम से बताया गया है कि जिन हिंदू परिवारों को उनकी जमीन और घरों से बेदखल किया गया है, उन्हें उनके मूल स्थानों पर पुनस्र्थापित किया जाए और उनकी संपत्तियों को वापस दिलाया जाए। धरना प्रदर्शन के दौरान राजेन्द्र शर्मा,लक्ष्मीनारायण सोनी,कुशलाल वर्मा,रमाकांत चंद्रा,शिव जायसवाल,जगन्नाथ जी,रमेश सिंघानिया, दुकालूराम राज,अंजू गबेल, राम अवतार अग्रवाल, अनूप अग्रवाल, लोकेश साहू,अमरदास मानिकपुरी, लक्ष्मणदास मानिकपुरी,सुदामा चंद्रा, संतोष यादव,संजय रामचंद्र, मनोज राठौर , दीपक गुप्ता,सत्यनारायण चंद्रा,रामनरेश यादव, ओमप्रकाश राठौर, विश्वनाथ सोनसरे, राजेन्द्र शर्मा, गजेंद्र राठौर, लाला सोनी,ईशांत राठौर,गजेंद्र देवांगन,पंकज गवेल, मोनू, अभिषेक शर्मा, जीवन राठौर, दीपक राठौर,प्रकाश साहू, अंकित अग्रवाल, सुमित शर्मा सहित काफी संख्या में सर्व हिन्दू समाज के लोग मौजूद रहे।