रायपुर के पासपोर्ट ऑफिस में चल रहा मनमाना राज, पासपोर्ट बनने के बाद भी डिस्पैच करने में होती है आनाकानी, दलालों का बोलबाला, शक्ति जिला मुख्यालय होने के बावजूद डाकघर में नहीं खुला पासपोर्ट का दफ्तर,खोखली साबित हो रही है आम जनता को अच्छी सुविधाये देने की बड़ी-बड़ी बातें


रायपुर के पासपोर्ट ऑफिस में चल रहा मनमाना राज, पासपोर्ट बनने के बाद भी डिस्पैच करने में होती है आनाकानी, दलालों का बोलबाला, शक्ति जिला मुख्यालय होने के बावजूद डाकघर में नहीं खुला पासपोर्ट का दफ्तर
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती- कहने को तो भारत सरकार का पासपोर्ट विभाग नागरिकों को बेहतर सुविधाएं एवं समय पर सभी कार्य किए जाने की बातें करता है, किंतु छत्तीसगढ़ प्रदेश के रायपुर में स्थित भारत सरकार विदेश मंत्रालय का यह पासपोर्ट कार्यालय अनेकों बार वहां पदस्थ कर्मचारियों की तानाशाही एवं मनमानी के चलते लोगों के लिए परेशानियों का सबब बनते जा रहा है, पासपोर्ट ऑफिस में जहां सारी प्रक्रियाएं पूर्ण होने के बावजूद पासपोर्ट को डिस्पैच नहीं किया जाता तथा समय पर काम करने के लिए कर्मचारियों की इच्छा शक्ति की ही कमी देखी जाती है, तो वहीं दूसरी ओर लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए मजबूरन दलालों का सहारा लेना पड़ता है,तथा जिस काम को विभाग की प्रक्रियाओं के तहत 2 महीने का समय लगता है, तो वहीं इस काम में लगे दलाल एक सप्ताह में ही लोगों को पासपोर्ट उपलब्ध करवा देते हैं, किंतु क्या यह व्यवस्था उचित है एवं भारत सरकार को भी इस संबंध में संज्ञान लेना चाहिए कि आखिरकार पासपोर्ट दफ्तरों में यह सब क्या चल रहा है,और सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो यह है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के इस पासपोर्ट कार्यालय के लैंडलाइन नंबर पर फोन लगाते-लगाते लोग थक जाते हैं, किंतु फोन लगता नहीं एवं जब फोन रिसीव होता है तो उन्हें यह बताया जाता है कि आपका पासपोर्ट का आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है,संबंधित SP कार्यालय से वेरिफिकेशन आ चुका है किंतु अभी वह प्रक्रिया में है तो आखिरकार वह प्रक्रिया कब पूर्ण होगी, ऐसा पूछे जाने पर कहा जाता है कि कम से कम 2 महीने की समय सीमा होती है जिसमें आपको पासपोर्ट उपलब्ध करवाया जाएगा
आम नागरिकों का कहना है कि समस्त प्रक्रियाएं पूर्ण होने के बावजूद आखिरकार दो-दो महीने तक पासपोर्ट को रोक कर क्यों रखा जाता है,उसे तत्काल डिस्पैच किया जाना चाहिए तथा वहीं जब दलालों को पैसे दिए जाते हैं तो आखिरकार वह एक सप्ताह में ही पासपोर्ट डिस्पैच होकर संबंधित आवेदक तक कैसे पहुंच जाता है, यह बड़ी ही चिंता का विषय है, किंतु यह दुर्भाग्य है कि आज सरकारे भ्रष्टाचार मुक्त होने के दावे करती हैं एवं सरकारी दफ्तरों में किसी भी प्रकार की अव्यवस्थाओं के नहीं होने की बात कहती है, किंतु पासपोर्ट दफ्तर में जाकर आम नागरिक अपना काम करवाए तब पता चलेगा की स्थिति क्या है, वहीं दूसरी ओर भारत सरकार द्वारा देश के सभी जिला मुख्यालय में स्थित डाकघरो में पासपोर्ट के आवेदन की समस्त प्रक्रियाएं पूर्ण होने की व्यवस्था बनाई गई है, किंतु छत्तीसगढ़ प्रदेश के शक्ति जिले का गठन हुए लगभग 4 साल पूर्ण हो चुके हैं किंतु यहां के डाकघर में आज तक पासपोर्ट का कार्यालय नहीं खोला गया, जिसके चलते लोगों को मजबूरन जांजगीर चांपा जिले के डाकघर में जाना पड़ता है ल,किंतु पासपोर्ट विभाग को इस तकलीफ से कोई लेना देना नहीं है, वहीं पासपोर्ट कार्यालय रायपुर के लैंडलाइन पर संयोग से फोन लगने के बाद पासपोर्ट की स्थिति पूछने पर आखिर में यह भी जवाब दिया जाता है कि आपको अगर ज्यादा जल्दी है तो हमें मेंल कर दें, किंतु दुर्भाग्य यह है की अनेकों बार मेल करने के बाद भी मेल पर भी विभाग जवाब देना तक उचित नहीं समझता