चार सूत्रीय मांगों को लेकर शक्ति जिले में सहकारी समिति के कर्मचारी जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, शक्ति कलेक्टर को सौपा गया ज्ञापन, कर्मचारियों का कहना- सरकार नहीं दे रही ध्यान, हड़ताल अगर हो गई शुरू तो धान खरीदी हो जाएगी प्रभावित


चार सूत्रीय मांगों को लेकर शक्ति जिले में सहकारी समिति के कर्मचारी जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, शक्ति कलेक्टर को सौपा गया ज्ञापन
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती- आने वाले 15 नवंबर से जहां राज्य सरकार धान खरीदी की तैयारी करने जा रही है, तो वहीं सहकारी समिति के कर्मचारियों ने 24 अक्टूबर को शक्ति कलेक्टर को एक ज्ञापन प्रेषित कर अपनी पुरानी मांगों पर कार्रवाई न होने पर 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दे दी है, तथा अगर यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रही तो सरकार की धान खरीदी भी उससे काफी प्रभावित होने वाली है, प्रदेशभर में सहकारी समितियों के कर्मचारियों का धैर्य अब जवाब दे चुका है। लंबे समय से लंबित चार सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ एवं धान खरीदी कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के संयुक्त आह्वान पर राज्यभर की 2058 समितियों के लगभग 15 हजार कर्मचारी आगामी 3 नवंबर से अपनी मांगे पूरी होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे
इस आंदोलन की सूचना कर्मचारियों ने ज्ञापन के माध्यम से अपने-अपने जिलों के उच्च अधिकारियों को दे दी है।सक्ती जिले के मालखरौदा, डभरा, जैजैपुर, अड़भार, बाराद्वार, छपोरा, चंद्रपुर और हसौद समितियों के कर्मचारी शुक्रवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा सक्ती में एकत्र हुए। बैठक के बाद सभी कर्मचारियों ने रैली निकालकर जिला कार्यालय पहुंचकर जिला विपणन अधिकारी, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, नोडल अधिकारी, खाद्य अधिकारी और सहकारी बैंक शाखा प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों का कहना है कि शासन की उदासीनता अब बर्दाश्त के बाहर है। वर्षों से वे किसानों के हित में लगातार सेवा दे रहे हैं, परंतु शासन उनकी मांगों पर मौन है।प्रदेश में 24 अक्टूबर को जिला मुख्यालयों में कर्मचारियों ने एक साथ प्रदर्शन कर शासन को चेतावनी दी थी कि यदि उनकी चार सूत्रीय मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं हुआ, तो वे आगामी 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेंगे। इसी आंदोलन के दूसरे चरण में 28 अक्टूबर को रायपुर में प्रदेश स्तरीय “महा हुंकार रैली” आयोजित की जाएगी। इसके बाद संभागवार आंदोलन तेज किया जाएगा और मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में प्रदेशभर में धान खरीदी का बहि कर दिया जाएगा


