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राइस मिलों को बड़ा झटका- नए सत्र में कस्टम मिलिंग के राइस मिलों को मिलेंगे 120 की जगह ₹60/- विष्णु सरकार ने जारी कर दिया फरमान, राइस मिलर चिंतित, बंद होने की कगार पर आ जाएंगी राइस मिले, मिलो के लोकल खर्च बढ़ गए,नुकसान की भरपाई होगी कहां से

राइस मिलों को बड़ा झटका- नए सत्र में कस्टम मिलिंग के राइस मिलों को मिलेंगे 120 की जगह ₹60/- विष्णु सरकार ने जारी कर दिया फरमान, राइस मिलर चिंतित, बंद होने की कगार पर आ जाएंगी राइस मिले, मिलो के लोकल खर्च बढ़ गए,नुकसान की भरपाई होगी कहां से Console Corptech
छत्तीसगढ़ सरकार ने दिया राइस मिलों को बड़ा झटका

राइस मिलों को बड़ा झटका- नए सत्र में कस्टम मिलिंग के राइस मिलों को मिलेंगे 120 की जगह ₹60/- विष्णु सरकार ने जारी कर दिया फरमान, राइस मिलर चिंतित, बंद होने की कगार पर आ जाएंगी राइस मिले

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सकती- छत्तीसगढ़ प्रदेश की साल 2018 से 2023 तक प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ के राइस मिलों की मांग पर उन्हें बड़ा तोहफा देते हुए वर्षों से चली आ रही ₹40 प्रति क्विंटल कस्टम मिलिंग को 120 रुपए प्रति क्विंटल किया था, किंतु छत्तीसगढ़ प्रदेश में साल 2023 में भाजपा की सरकार ने काबिज होते ही मिलरों को दी जाने वाली इस बढ़ोतरी को आने वाले नए खरीदी सत्र में ₹60 पर ला दिया है, तथा 24 अक्टूबर 2024 को छत्तीसगढ़ शासन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय रायपुर के जारी आदेश में कस्टम मिलिंग को लेकर नई नीति की जानकारी देते हुए केवल 60 रुपए ही दिए जाने की बात कही गई है, राज्य शासन के इस निर्णय से जहां राइस मिलरो के माथे पर चिंता की लकीरें हैं

तो वहीं प्रदेश में ₹120 होने के बाद सैकड़ो की संख्या में नई राइस मिले खुल गई थी जो कि अब राज्य शासन के नए आदेश से बंद होने की कगार पर आ जाएंगी तथा राइस मिलरो का कहना है कि राज्य सरकार के इस निर्णय से वे चिंतित हैं एवं राज्य सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए अन्यथा छत्तीसगढ़ के सारे राइस मिलर एक होकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध का बिगुल फुकेंगे तथा मिलरों का कहना है कि आज पूरे प्रदेश में 120 रुपए की दर होने के बाद स्थानीय स्तर पर मजदूरी के भी खर्च उनके डबल हो गए हैं तथा अब वे खर्चे तो वापस होंगे नहीं तो आखिर में इस घाटे की भरपाई कहां से होगी, किंतु छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार जो कि सुशासन की सरकार होने की बात कहती है, तो आज प्रदेश के सारे व्यापारी वर्ग, उद्योगपति आखिरकार राज्य सरकार की इन नीतियों के चलते नाराज देखे जा रहे हैं

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