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आखिरकार कब थमेगा नगर निगम कोरबा में सभापति चुनाव के बाद सत्ता पक्ष के ही पार्षदों के बीच उपजा आरोप- प्रत्यारोपो का विवाद, 10 साल बाद निगम की सत्ता मे लौटी भाजपा को एकजुट होकर है काम करने की आवश्यकता

आखिरकार कब थमेगा नगर निगम कोरबा में सभापति चुनाव के बाद सत्ता पक्ष के ही पार्षदों के बीच उपजा आरोप- प्रत्यारोपो का विवाद, 10 साल बाद निगम की सत्ता मे लौटी भाजपा को एकजुट होकर है काम करने की आवश्यकता kshititech

आखिर कब थमेगा नगर निगम कोरबा में सभापति चुनाव के बाद सत्ता पक्ष के पार्षदों के बीच उपजा आरोप- प्रत्यारोपो का विवा

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ती- छत्तीसगढ़ प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने विगत महीनो नगरीय निकाय के चुनाव में जिस तरह से सारे नगर निगम में एक तरफ़ा जीत हासिल कर एक रिकॉर्ड बनाया है, किंतु नगर निगम के महापौर के चुनाव होने के बाद सभापति चुनाव को लेकर कोरबा नगर निगम में सत्ता पक्ष के पार्षदों के पीछे उपजा विवाद आखिरकार कब जाकर थमेगा,सभापति के चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी की हार के बाद पार्टी के ही पार्षद एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लग रहे हैं,तो वहीं आरोप- प्रत्यारोप लगाने की स्थिति थाने तक पहुंच चुकी है, तथा इसका अंत कहां जाकर होगा, इसे लेकर एक बड़ा सवालिया निशान लग गया है

भारतीय जनता पार्टी एक अनुशासन वाली पार्टी के रूप में जानी जाती है,एवं नगर निगम कोरबा में पैदा हुआ यह विवाद पूरे प्रदेश में कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए एक नकारात्मक वातावरण भी पैदा कर रहा है,एवं कोरबा शहर के विधायक भारतीय जनता पार्टी से हैं, तथा छत्तीसगढ़ शासन में एक बड़े ओहदे के रूप में मंत्री पद पर सुशोभित हैं,आखिरकार भाजपा के पार्षदों के बीच ही चल रही ऐसे विवाद की स्थिति पर कहीं ना कहीं विधायक जी को एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन को भी इसमें हस्तक्षेप कर आपस में मामले का निराकरण करवाने की दिशा में पहल करनी चाहिए, सभापति चुनाव को लेकर गलतियां जिससे भी हुई होगी, अब वह तो हो चुकी है,किंतु आपस में सार्वजनिक रूप से लड़ने से क्या हासिल होगा, कहीं ना कहीं इसका नुकसान केवल पार्टी को ही होना है, नगर निगम कोरबा में भारतीय जनता पार्टी का महापौर निर्वाचित होने के बाद तेजी से पूरे क्षेत्र का विकास हो सके एवं राज्य तथा केंद्र सरकार की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वन हो सके, ऐसी सोच के साथ नगर निगम के सभी सत्ता पक्ष के पार्षदों को काम करना चाहिए,एवम अगर इसी तरह से सत्ता पक्ष के लोग आपस में लड़ते रहे, तो जनता के बीच कहीं ना कहीं एक नकारात्मक संदेश भी जाएगा एवं सरकार की योजनाओं के क्रियान्वन में भी कहीं ना कहीं इसका असर पड़ेगा

नगर निगम कोरबा में वर्षों पूर्व स्वयं वर्तमान विधायक एवं प्रदेश के मंत्री लखन लाल देवांगन महापौर रह चुके हैं, वे राजनैतिक रूप से नगर निगम की सारी परिस्थितियों से वाकिफ भी हैं, कहीं ना कहीं मंत्री जी को सारे विवादों को दरकिनार कर सभी लोगों को आपस में बैठाकर तालमेल बैठाना चाहिए एवं पूरे समन्वय के साथ 5 साल ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ सभी काम कर सके ऐसी पहल करनी चाहिए, नगर निगम कोरबा के चुनाव में लगभग 10 साल के बाद फिर से भारतीय जनता पार्टी ने अपना परचम लहराया है एवं निगम क्षेत्र की जनता को भी नगर निगम से काफी उम्मीदें एवं अपेक्षाएं हैं तथा निगम के सभी पार्षद महापौर जब तक एकजुट होकर एक सकारात्मक सोच के साथ नहीं चलेंगे तब तक निगम क्षेत्र का विकास संभव नहीं है, यह पार्षदों को कहीं ना कहीं सोचने की आवश्यकता है

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