छत्तीसगढ़राजनैतिकरायपुरसक्तीसामाजिक

रमन सिंह की अधिकारियों को चेतावनी-अब तो सुधर जाओ-सरकार बदल गई है, पुरानी तारीखों पर फाइलों को ना बढ़ाए आगे, सब फाइलों की करेगी नई सरकार जांच, रमन के बयान से उल्टे-सीधे काम करने वाले अधिकारियों की आई शामत

<em>रमन सिंह की अधिकारियों को चेतावनी-अब तो सुधर जाओ-सरकार बदल गई है, पुरानी तारीखों पर फाइलों को ना बढ़ाए आगे, सब फाइलों की करेगी नई सरकार जांच, रमन के बयान से उल्टे-सीधे काम करने वाले अधिकारियों की आई शामत</em> Console Corptech
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का सत्ता पलटते ही ट्वीट
<em>रमन सिंह की अधिकारियों को चेतावनी-अब तो सुधर जाओ-सरकार बदल गई है, पुरानी तारीखों पर फाइलों को ना बढ़ाए आगे, सब फाइलों की करेगी नई सरकार जांच, रमन के बयान से उल्टे-सीधे काम करने वाले अधिकारियों की आई शामत</em> Console Corptech
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह

रमन सिंह की अधिकारियों को चेतावनी-अब तो सुधर जाओ-सरकार बदल गई है, पुरानी तारीखों पर फाइलों को ना बढ़ाए आगे, सब फाइलों की करेगी नई सरकार जांच, रमन के बयान से उल्टे-सीधे काम करने वाले अधिकारियों की आई शामत

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने ट्वीट कर छत्तीसगढ़ के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें सूत्रों से ऐसी जानकारी मिल रही है कि अधिकारी पुरानी डेटों पर फाइलों को आगे बढाने का काम कर रहे हैं, डॉ रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में सरकार बदल गई है अब तो अधिकारी सुधर जाएं तथा आने वाले दिनों में सभी फाइलों की जांच होगी एवं जब तक नई सरकार का गठन नहीं होता है तब तक अधिकारियों को किसी भी प्रकार के अनुचित कार्यों से अपने आप को बचाना चाहिए

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के इस ट्वीट से जहां पूरे प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में बड़े अधिकारियों में हलचल मची हुई है, तो वहीं राजनीतिक सूत्रों की माने तो किसी भी शासन में सत्ता पलटते ही अनेकों प्रकार के काले पीले काम भी राजनीतिक नेताओं एवं अधिकारियों के संरक्षण में होते हैं, तथा जिस तरह से 3 दिसंबर के मतगणना परिणाम ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की विदाई कर भाजपा की वापसी कर दी है तथा छत्तीसगढ़ में ऐसी उम्मीद नहीं थी कि कांग्रेस सरकार की वापसी होगी तथा सरकार की वापसी से कांग्रेस जहां बेचैन है तो वहीं कांग्रेस के नेताओं के लंबित पड़े कामों को भी अधिकारियों द्वारा पुरानी तारीखों पर ही निपटाए जाने की खबरें भाजपा को मिल रही थी, जिस पर भाजपा ने सार्वजनिक रूप से ट्वीट कर यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के माध्यम से दिलवाया है,वहीं अब यह बात तो स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में मंत्रालय से लेकर सभी सरकारी विभागों में भाजपा के मनपसंद अधिकारियों की नियुक्तियां भी होनी है, एवं राजनीतिक रूप से यह भी माना जाता है कि जो अधिकारी व्यक्तिगत रूप से किसी भी राजनीतिक पार्टी की विचारधारा का होता है उसे सत्ता बदलते ही अपने तबादले का भी सामना करना पड़ता है, किंतु अब देखना है कि साल 2003 से 2018 तक छत्तीसगढ़ में सत्ता संभालने वाली भारतीय जनता पार्टी 2023 में अपनी जोरदार वापसी से प्रशासन पर कितना अंकुश लगा पाती है

क्योंकि 2018 की बात करें तो तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर कहीं ना कहीं प्रशासन पर निरंकुशता तथा कार्यकर्ताओं की अनदेखी के चलते सरकारी विभागों में उनके काम न होने की शिकायतें एवं नाराजगी देखी गई थी जिसके चलते कहीं ना कहीं भाजपा के हाथ से सत्ता फिसलने की बात कही जा रही थी, तथा अब इन 5 वर्षों में भाजपा ने कहीं ना कहीं या तो कांग्रेस से भी सरकार चलाने के कुछ ना कुछ गुर सीखे हैं, या की स्वयं भाजपा अपने विवेक से काम करेगी, तथा पूर्व में जब डॉ रमन की सरकार थी जब भाजपाई यह कहते देखे जाते थे कि उनके कहने से एक छोटे से सरकारी बाबू का भी तबादला नहीं हो पा रहा है, तथा अधिकारी- कर्मचारी उनके कहने से काम नहीं करते, जिसके चलते कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी थी

ज्ञात हो की जनादेश ने भाजपा को छत्तीसगढ़ में अपनी लोकप्रियता बनाने का एक बार फिर से मौका दिया है, किंतु भाजपा अपनी इस लोकप्रियता एवं जनता के विश्वास को कितना बनाए रखती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा, किंतु यह बात तो स्पष्ट है कि अगर भाजपा के शासन में बैठे मंत्री अगर कार्यकर्ताओं की पहले की तरह ही अपेक्षा करते रहे तो छत्तीसगढ़ प्रदेश में 2028 के चुनाव में फिर से कहीं ना कहीं राजनीतिक उथल-पुथल ना हो जाए, इस बात को भाजपा के हाईकमान को समझना होगा, एवं भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ की सत्ता संभालने के बाद चुनौतियां भी काफी होगी,जिस तरह से भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में लोक लुभाने वायदे कर राज्य की आर्थिक स्थिति पर भारी बोझ लादने का काम किया है, तो अब यह तो आगे ही पता चलेगा कि क्या छत्तीसगढ़ में भाजपा द्वारा किए गए वायदों के अनुरूप यहां की आर्थिक स्थिति अनुकूल है या प्रतिकूल है, भले ही मोदी की गारंटी ने जनता का दिल जीत लिया है किंतु केंद्र की सरकार छत्तीसगढ़ सरकार को कितना आर्थिक पैकेज देगी यह कोई नहीं जानता, वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश में भ्रष्टाचार भी जिस तरह से 2018 से 2023 तक विकराल रूप धारण कर चुका है, इसे भी समाप्त करना एवं अंकुश लगाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगा, आज किसी भी सरकारी दफ्तर की बात करें तो बाबू से लेकर बड़े अधिकारी तक मुंह खोलकर बैठे हुए हैं,एवं आम जनता के छोटे-छोटे काम भी आसानी से नहीं हो पाते, भले ही शासन एवं सरकारे इस बात को बोलती है कि सभी विभागों में पूरी पारदर्शिता है किंतु यह तो वह आवेदक ही जानता है जिसकी फाइलें सालों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है एवं उसकी चप्पले भी घिस जाती है किंतु उसके काम नहीं होते, वहीं कांग्रेस की सरकार में दबी जुबान से अधिकारी/ कर्मचारी भी इस बात को कहते थे कि आज सरकार में हर चीज का रेट तय है, तबादला करवाना हो तो बाबू से लेकर बड़े अधिकारी तक रेट फिक्स था तथा अब देखना होगा कि भाजपा की सरकार ऐसे तबादला उद्योग को भी कितना खत्म कर पाती है

प्रातिक्रिया दे

Back to top button