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महंत ने प्रदेशवासियों को दी गुरुनानक देव जी की जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं, महंत ने कहा- गुरुनानक देव जी ने समाज की तत्कालिक बुराइयों एवं कुरीतियों को समाप्त करने अपना जीवन समर्पित कर दिया, कार्तिक पूर्णिमा का भारतीय संस्कृति में है विशेष महत्व

<em>महंत ने प्रदेशवासियों को दी गुरुनानक देव जी की जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं, महंत ने कहा- गुरुनानक देव जी ने समाज की तत्कालिक बुराइयों एवं कुरीतियों को समाप्त करने अपना जीवन समर्पित कर दिया, कार्तिक पूर्णिमा का भारतीय संस्कृति में है विशेष महत्व</em> Console Corptech
संत गुरु नानक देव की जयंती की विधानसभा अध्यक्ष महंत ने दी बधाई
<em>महंत ने प्रदेशवासियों को दी गुरुनानक देव जी की जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं, महंत ने कहा- गुरुनानक देव जी ने समाज की तत्कालिक बुराइयों एवं कुरीतियों को समाप्त करने अपना जीवन समर्पित कर दिया, कार्तिक पूर्णिमा का भारतीय संस्कृति में है विशेष महत्व</em> Console Corptech
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत

महंत ने प्रदेशवासियों को दी गुरुनानक देव जी की जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा की शुभकामनाएं, महंत ने कहा- गुरुनानक देव जी ने समाज की तत्कालिक बुराइयों एवं कुरीतियों को समाप्त करने अपना जीवन समर्पित कर दिया, कार्तिक पूर्णिमा का भारतीय संस्कृति में है विशेष महत्व

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति-छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने गुरु नानक देव जी की जयंती एवं कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेशवासियों को दी बधाई शुभकामनाएं,डॉ. महंत ने कहा कि गुरू नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरू थे। उनका जीवन और शिक्षाएं न केवल धर्म विशेष के लिए बल्कि पूरी मानव जाति को सही दिशा दिखाती है। इसलिए उनके जन्म दिवस को प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है। गुरू नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन 1469 ई. में हुआ था। गुरू नानक देव ने मूर्ति पूजा का विरोध करते हुए, एक निराकार ईश्वर की उपासना का संदेश दिया था। उन्होंने तात्कालिक समाज की बुराईयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि इस दिन स्वर्ग से देवतागण भी आकर गंगा में स्नान करते हैं। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन हर व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य अनुसार दान करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन फल, अनाज, वस्त्र और गुड़ आदि चीजों का दान किया जा सकता है। शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित मानी जाती है। वास्तव में कार्तिक मास की पूर्णिमा मनुष्य के अंदर छुपी बुराईयों को, नकारात्मकता को, अहंकार, काम, क्रोध, लोभ और मोह को दूर करने में सहायता करती है और जीवन में सकारात्मकता प्रसन्नता और पवित्रता का संचार करती है। उपरोक्त जानकारी विधान सभा अध्यक्ष डा चरण दास महन्त जी के प्रतिनिधी नरेश गेवाडीन ने बताया

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