कन्हैया ही लगा सकते हैं कांग्रेस की नैय्या पार- रायपुर दक्षिण विधानसभा के उप चुनाव के घोषणा से ही प्रत्याशी चयन को लेकर जोर आजमाइश,कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी कन्हैया अग्रवाल का नाम टॉप पर, दक्षिण की जनता ने कहा- कन्हैया को ही दे कांग्रेस पार्टी टिकट, 2018 के चुनाव में कन्हैया ने कांग्रेस की टिकट पर कड़ी टक्कर दी थी बृजमोहन को
रायपुर दक्षिण विधानसभा के उप चुनाव के घोषणा से ही प्रत्याशी चयन को लेकर जोर आजमाइश,कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी कन्हैया अग्रवाल का नाम टॉप पर, दक्षिण की जनता ने कहा- कन्हैया को ही दे कांग्रेस पार्टी टिकट
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सकती- रायपुर दक्षिण विधानसभा के उपचुनाव की भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 15 अक्टूबर को की गई घोषणा के बाद राजनैतिक दलों में प्रत्याशी चयन को लेकर जोर आजमाइश जोरों से है, तथा सूत्रों की माने तो 15 अक्टूबर को उपचुनाव की घोषणा के बाद महज 25 दिन शेष हैं, तथा इस 25 दिन में प्रत्याशी की घोषणा, नामांकन की प्रक्रिया, नामांकन दाखिला, मतदान सभी कार्य संपन्न होंगे, तथा 13 नवंबर को इसके लिए वोट डाले जाएंगे एवं इस बीच दीपावली का बड़ा पर्व भी सामने में है, जिसे लेकर राजनैतिक दल भी असमंजस की स्थिति में है
एवं साल 2023 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस पार्टी ने रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से महंत राम सुंदर दास को अपना चेहरा बनाया था जिन्हें बुरी तरह शिकस्त झेलनी पड़ी एवं बाद में हार के बाद महंत रामसुंदर दास ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया तथा साल 2018 में जब कन्हैया अग्रवाल ने दक्षिण विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा तो उन्होंने तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल को जो की लगातार उस सीट से 40000- 50000 मतों से विजय श्री दर्ज करते थे, उनकी जीत को कुछ हजार वोटो में ही सीमित कर दिया, किंतु 2023 में कन्हैया अग्रवाल को टिकट न मिलने का खामियाजा कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ा तथा अब फिर से 2024 में जब रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विजई भाजपा के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल ने सांसद बनने के बाद इस्तीफा दे दिया है तो उस सीट से एक बार क्षेत्र की पूरी जनता कन्हैया अग्रवाल को कांग्रेस पार्टी से टिकट देने की मांग कर रही है, तथा रायपुर दक्षिण से कांग्रेस के दौड़ में और भी चेहरे शामिल है, किंतु कन्हैया अग्रवाल की देखा जाए तो जमीनी स्तर पर पकड़ है, एवं पूरे समय कन्हैया अग्रवाल रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रूप से कांग्रेस पार्टी का काम करते हैं,एवं अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति की जरूरतो को जहां पूरा करने के लिए एवं लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए बड़े जन आंदोलन भी करते हैं, तो वहीं वर्तमान में रायपुर राजधानी के आसपास की सभी आठो सीटों पर कांग्रेस जीरो की स्थिति में है, एवं लोगों का मानना है कि रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी को जीतना बहुत ही जरूरी है,क्योंकि कांग्रेस पार्टी की उपस्थिति विधायकों के रूप में आठो सीट पर जीरो होने के कारण कांग्रेस पार्टी अपना प्रदर्शन मजबूत नहीं कर पा रही है एवं कन्हैया अग्रवाल के साथ जहां पूरा अग्रवाल समाज युवा वर्ग एवं क्षेत्र के आम आदमी उनके साथ खड़े हुए नजर आ रहे हैं
तो वहीं कन्हैया अग्रवाल को कांग्रेस पार्टी की टिकट मिलने से भले ही प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार हो किंतु विगत 15 सालों में डॉक्टर रमन सिंह की सरकार में हुए उपचुनाव का इतिहास देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी कोई अच्छी स्थिति में नजर नहीं आती तथा वैसे भी वर्तमान में रायपुर राजधानी सहित आसपास के क्षेत्र में वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की सरकार के प्रति जो आम लोगों की नाराजगी एवं व्यापारी वर्ग भी नाराज देखा जा रहा है, उसका कहीं ना कहीं खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है, रायपुर दक्षिण विधानसभा की सीट पर कन्हैया अग्रवाल जीत हासिल कर सकते हैं, किंतु इसके लिए कांग्रेस पार्टी को एक होकर चुनाव लड़ना होगा, चाहे कांग्रेस पार्टी के किसी भी गुट के नेता हो या की कार्यकर्ता हो,कांग्रेस को इस सीट पर जीतनाउसके लिए बहुत बड़ी प्रतिष्ठा का प्रश्न होगा