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सक्ती जिले के जेठा कलेक्ट्रेट कार्यालय के बगल हाईवे पर लग गया टोल प्लाजा- कलेक्टर साहब जरा ध्यान दो टोल प्लाजा में, आसपास के लोग भी बेवजह हो रहे टोल के चक्कर में परेशान, एक गांव से दूसरे गांव जाने वालों को भी देना पड़ रहा टोल का पैसा, सरकारी कॉलेज,जेठा रेलवे स्टेशन भी टोल नाके के बाद ही स्थित, स्थानीय वाहन मालिकों को टोल नाके पर शुल्क की बाध्यता खत्म करने की लोगों ने करी मांग

सक्ती जिले के जेठा कलेक्ट्रेट कार्यालय के बगल हाईवे पर लग गया टोल प्लाजा- कलेक्टर साहब जरा ध्यान दो टोल प्लाजा में, आसपास के लोग भी बेवजह हो रहे टोल के चक्कर में परेशान, एक गांव से दूसरे गांव जाने वालों को भी देना पड़ रहा टोल का पैसा, सरकारी कॉलेज,जेठा रेलवे स्टेशन भी टोल नाके के बाद ही स्थित, स्थानीय वाहन मालिकों को टोल नाके पर शुल्क की बाध्यता खत्म करने की लोगों ने करी मांग kshititech
फाइल फोटो एक नजर में

जेठा कलेक्ट्रेट कार्यालय के बगल हाईवे पर लग गया टोल प्लाजा- कलेक्टर साहब जरा ध्यान दो टोल प्लाजा में, आसपास के लोग भी बेवजह हो रहे टोल के चक्कर में परेशान, एक गांव से दूसरे गांव जाने वालों को भी देना पड़ रहा टोल का पैसा

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ती- शक्ति जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट कार्यालय के ठीक बगल में नेशनल हाईवे रोड पर विगत सप्ताह टोल नाके की ग्रैंड ओपनिंग सेरिमनी हो गई है, इस ओपनिंग सेरेमनी के साथ ही जहां आसपास के गांव के लोग भी परेशान हो गए हैं, तो वहीं टोल प्लाजा पर चल रही मनमानी से आए दिन विवाद भी हो रहा है, लोगों का कहना है कि टोल प्लाजा से इधर के गांव वालों को टोल प्लाजा से उधर के गांव में जाने के लिए भी टोल का पैसा देना पड़ रहा है, जो कि गलत है, तथा टोल प्लाजा को लेकर जहां विगत वर्ष शक्ति के विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने भी इस टोल नाके को वहां से अन्यत्र लगाने की मांग की थी, किंतु शक्ति जिले वासियों का यह दुर्भाग्य है कि जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के बावजूद कलेक्टर साहब ने इस संबंध में कोई पहल नहीं की तथा अंततः अब टोल प्लाजा चालू हो चुका है एवं टोल प्लाजा जहां पर लगाया गया है उसके ठीक बगल में कलेक्ट्रेट कार्यालय है, कलेक्टर कार्यालय के साथ ही शासकीय क्रांति कुमार भारतीय महाविद्यालय भी वहां स्थित है,जहां प्रतिदिन करीब 1000 की संख्या में विद्यार्थी पढ़ने जाते हैं, एवं इस स्थान से लगकर ही जेठा का रेलवे स्टेशन भी है जहां गांव के लोग अपने परिजनों को छोड़ने एवं ट्रेनों से उतरने पर वाहन लेने के लिए भी जाते हैं

एवं आम जनता को टोल प्लाजा क्रॉस करके ही कलेक्ट्रेट कार्यालय जाना होगा, किंतु जिला स्तर के बड़े-बड़े अधिकारी वहां प्रतिदिन आना-जाना कर रहे हैं किंतु ऐसा लगता है कि इन अधिकारियों को आम जनता से कोई लेना-देना नहीं है,तथा सबसे ज्यादा परेशान स्कूल बस के संचालक हैं जो की बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की सोच से शक्ति में स्कूल चलाने के बावजूद बाराद्वार, सारागांव तक अपनी बसों का संचालन करते हैं, तथा इन बसों के लिए भी टोल नाके पर मनमानी ढंग से पैसे की मांग की जा रही है, शक्ति के एक स्कूल संचालक ने बताया कि प्रतिदिन उपरोक्त टोल नाके पर एक बस का ₹300/-रुपये टोल का शुल्क है, तथा महीने का ₹9000/-रुपये शुल्क लगेगा, जिससे बेवजह स्कूल संचालकों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा तथा वह आर्थिक नुकसान कहीं ना कहीं स्कूल के विद्यार्थियों की एवं उनके अभिभावकों पर ही पड़ने वाला है,क्षेत्र के नागरिकों ने मांग की है कि जिस जिले में यह टोल नाका लगाया गया है उस जिले के पंजीकृत परिवहन विभाग के नंबर से पंजीकृत समस्त गाड़ियों के लिए यह टोल नाका निशुल्क होना चाहिए तथा पूर्व में जांजगीर चांपा जिले का सीजी 11 नंबर आज भी शक्ति जिले में गतिशील है एवं शक्ति जिला गठन के बाद यहां नया परिवहन विभाग का नंबर जारी नहीं किया गया है,अतः सीजी 11 नंबर को जेठा के टोल प्लाजा पर पूर्ण रूप से निशुल्क किया जाए तथा ऐसा नहीं किया जाता है तो आने वाले दिनों में क्षेत्र की जनता बड़ा आंदोलन भी करेगी

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