नफरत की राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ में कोई जगह नहीं- अमित जोगी, अमित बघेल की अमर्यादित टिप्पणी को लेकर छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री के सुपुत्र अमित जोगी ने कहा- मेरे पापा अजीत जोगी ने ही करी थी छत्तीसगढ़ में महाराजा अग्रसेन सम्मान की शुरुआत, प्रदेश में भाईचारा बिगड़ना वालों के मंसूबे नहीं होंगे कामयाब, अमित जोगी ने कहा- भगवान अग्रसेन जी का अपमान बहुत ही घृणित कार्य


नफरत की राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ में कोई जगह नहीं- अमित जोगी, अमित बघेल की अमर्यादित टिप्पणी को लेकर छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री के सुपुत्र अमित जोगी ने कहा- मेरे पापा अजीत जोगी ने ही करी थी छत्तीसगढ़ में महाराजा अग्रसेन सम्मान की शुरुआत, प्रदेश में भाईचारा बिगड़ना वालों के मंसूबे नहीं होंगे कामयाब
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- छत्तीसगढ़ प्रदेश में विगत दिनों अमित बघेल द्वारा अग्रवाल समाज के कुल प्रवर्तक भगवान अग्रसेन जी सहित विभिन्न समाजों के इष्ट देवों के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी को लेकर जहां छत्तीसगढ़ के सर्व समाज आक्रोशित हैं, तो वहीं इसी बीच छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत प्रमोद कुमार जोगी के सुपुत्र अमित जोगी ने अपना एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा है कि बाबा गुरु घासीदास, अग्रसेन भगवान व झुलेलाल भगवान के प्रति कहे शब्द अति निंदनीय है,पूज्य लुजय गुरु घासीदास बाबा के कहे गए शब्द ” मनखे मनखे एक समान ” कैवल उनके विचार नही हैं, पुरे छतीसगढ राज्य के लिए एक जीवन शैली हैं, नफ़रती राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ में कोई जगह नही है, यह बंद होना चाहिये, अमित जोगी ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि मेरे पापा अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री रहते महान विभूति महराजा अग्रसेन के नाम सें राज्य पुरस्कार देना शुरू किया था,तथा उनका अपमान बहुत ही घृणित कार्य है
अमित जोगी ने अपने वीडियो संदेश में सवाल उठाया की असली छत्तीसगढ़िया कौन है?
छत्तीसगढ़ के प्रथम पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत प्रमोद कुमार जोगी के सुपुत्र अमित जोगी ने सोशल मीडिया के माध्यम से जारी अपने वीडियो संदेश में कहा है कि हाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं ने हमारे समाज में एक गलत और विषैली बहस छेड़ दी है – कौन असली छत्तीसगढ़िया है और कौन नहीं।यह सवाल ही गलत है,मेरे पिता, स्वर्गीय श्री अजीत जोगी जी, और संत गुरु घासीदास जी ने हमें सिखाया कि “मनखे-मनखे एक समान” की भावना ही असली छत्तीसगढ़ीया पहचान है। कोई भी जो इस धरती, इसकी संस्कृति और यहाँ के लोगों से प्यार करता है, वही छत्तीसगढ़िया है।इस विभाजनकारी राजनीति का जवाब देने और हमारी साझी विरासत को याद दिलाने का समय आ गया है।इस वीडियो संदेश में, मैं सीधे आपसे, अपने छत्तीसगढ़ के लोगों से, heart to heart बात कर रहा हूँ।



