

दोनों आंख से दिव्यांग युवती के साथ बलात्कार के आरोपी को 20 वर्ष की एवं जबरदस्ती गर्भपात कराने वाली आरोपी की मां को 10 वर्ष की सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा,फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रशांत कुमार शिवहरे का निर्णय, विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने दी जानकारी
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- फास्ट ट्रैक कोर्ट शक्ति के विशेष न्यायाधीश प्रशांत कुमार शिवहरे ने दोनों आंख से दिव्यांग युवती के साथ बलात्कार एवं जबर्दस्ती गर्भपात कराने के मामले में अभियुक्तगणो के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त एवं उसकी मां महिला आरोपियाॅ को 20 एवं 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है,विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि दोनों आंखों से दिव्यांग एवं शारीरिक रूप से अशक्त अभियोक्त्री जिसकी माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है एवं उसके बड़े भाई कमाने खाने बाहर गया हुआ था तथा वह अपने छोटे भाई के साथ घर में रहती है । उसके छोटे भाई मजदूरी का काम करने प्रतिदिन सुबह घर से निकल जाता था । आरोपी दिव्यांग अभियोक्त्री के पड़ोसी हैं जो उसके घर आना-जाना करता था तथा उसके बड़े भाई के दोस्त हैं । आरोपी दिव्यांग युवती को अकेले पाकर उसके घर में आकर उसके हाथ बाॅह को पकड़ कर उसके इच्छा के विरुद्ध उसके साथ कई बार जबरदस्ती अश्लील हरकत करता था
घटना दिनांक को जब वह घर में अकेली थी तब आरोपी उसके घर में आकर मना करने के बाद भी जबरदस्ती उसके साथ बलात्कार किया ।वह आंख से दिव्यांग होने के कारण अपना बचाव भी नहीं कर पाती थी ।कई बार मना करने पर आरोपी बोला कि तुम्हें शादी करूंगा तुम क्यों चिंता करते हो तुम आंख से अंधी हो मुझे बहुत दुख लगता है तुमसे शादी करके अपने साथ रखूंगा कहकर दिव्यांग युवती के साथ आरोपी ने माह सितंबर 2022 से शारीरिक संबंध बनाता रहा । इस दरमियान अभियोक्त्री 5 माह की गर्भवती हो गई ।तब वह अपने पड़ोस के एक लड़के के माध्यम से आरोपी को अपने घर बुलवाया और उसका महीना रुक जाने की जानकारी आरोपी को दिया । आरोपी ने अपनी माता को दिव्यांग युवती की गर्भवती होने की सूचना दिया तो उसकी मां जो मितानिन है दिव्यांग युवती के भाई से उसके आधार कार्ड मांग कर उसकी आंख की इलाज कराना है बोलकर उसे मां बेटा मोटरसाइकिल में बिठाकर बमनीनडीह ले गए और एक नर्स से गर्भपात की दवा खिलाकर उसके गर्भपात करा दिए और बिना इलाज एवं दवा के वापस लाकर उसके घर में छोड़ दिए । कुछ दिन पश्चात दिव्यांग के पेट में दर्द शुरू हुआ तब इसकी जानकारी उसने आरोपी को दिया और शादी करने के लिए बोली तो आरोपी ने शादी करने से इनकार कर दिया । तब वह अपने परिवार के लोगों को इस घटना की जानकारी देकर थाना बाराद्वार में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। थाना बाराद्वार द्वारा आरोपी के विरुद्ध धारा 376 भारतीय दंड संहिता की अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी एवं उसकी मां को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज कर विवेचना किया गया तथा विवेचना पूर्ण होने पर आरोपी एवं उसकी मां के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 376 की उप धारा 2(ठ ,ढ) तथा 313/34 के तहत अभियोग पत्र तैयार कर विशेष न्यायालय शक्ति में पेश किया गया, विशेष न्यायालय शक्ति ने उभय पक्षों को पर्याप्त समय अपने पक्ष रखने के लिए देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात विशेष न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया। अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध भारतीय दंड संहिता की धारा 376 2 (ठ, ढ,)313 / 34 को संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से अभियुक्तगणो को विशेष न्यायाधीश प्रशांत कुमार शिवहरे द्वारा सिद्ध दोष पाए जाने पर दोष सिद्ध घोषित किया गया । अभियुक्त दीपक साहू पिता चंद्रिका प्रसाद साहू उम्र 30 वर्ष ग्राम खम्हरिया थाना बाराद्वार जिला शक्ति को धारा 376 (2 ) ( ठ,ढ ) भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹3000 की जुर्माना एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 313/ 34 के अपराध के लिए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹2000 की अर्थ दंड की सजा तथा आरोपी दीपक साहू की माता आरोपियां श्रीमती चंपा साहू पति चंद्रिका प्रसाद साहू उम्र 49 वर्ष निवासी ग्राम खम्हरिया थाना बाराद्वार जिला शक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 313/34 के अपराध के लिए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹ 2,000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है ।अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया