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विशेष न्यायाधीश का बड़ा फैसला– मानसिक रूप से अशक्त एवं बोलने में असमर्थ नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा,फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय

विशेष न्यायाधीश का बड़ा फैसला-- <em>मानसिक रूप से अशक्त एवं बोलने में असमर्थ नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा,फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय</em> Console Corptech
शक्ति का अपर जिला एवं सत्र न्यायालय फास्ट ट्रेक कोर्ट

मानसिक रूप से अशक्त एवं बोलने में असमर्थ नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा,फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति-फास्ट ट्रैक कोर्ट शक्ति के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने 14 वर्ष से कम की नाबालिग बालिका जो मानसिक रूप से अशक्त एवं बोलने में असमर्थ हैं ,के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है। विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि अभियोक्त्री की पिता की मृत्यु हो चुकी है तथा घर में तीन बहने एक भाई एवं उसकी मां रहती है जिसमें से नाबालिग अभियोक्त्री एवं उसकी बड़ी बहन तथा उसकी मां एवं छोटे भाई मानसिक रूप से असक्त एवं कमजोर है तथा केवल छोटी बहन स्वस्थ है । अभियुक्त चमरा राम नाबालिग पीड़िता के घर आकर उसकी और उसके परिवार के दिमागी रूप से कमजोर एवं गूंगी बहरी होने का फायदा उठाकर नाबालिक पीड़िता के साथ कई बार जबरन बलात्कार कर उसे चार- पांच माह का गर्भवती कर दिया जिसे गांव के महिला लोग भी नाबालिक की पेट को देखकर बोलने लगे तथा घटना की जानकारी होने पर नाबालिक के चचेरे भाई ने नाबालिक के मामा को फोन कर बताया तब मामा ने घर में आकर नाबालिक पीड़िता एवं उसके स्वस्थ छोटी भांजी से घटना के संबंध में पूछताछ किया तो अभियुक्त चमरा राम द्वारा नाबालिक के साथ कई बार घर आकर जबरन बलात्कार करना बताया तब घटना की रिपोर्ट थाना जयजयपुर में दर्ज कराया गया जिस पर पुलिस द्वारा आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 205 / 2022 धारा 450, 376 ( 2 ) ( j ) ,376 (2 ) ( l ) 376 (2 ) (n ) भारतीय दंड संहिता एवं 6 पोक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना किया गया । विवेचना के दौरान नाबालिक पीड़िता अपने धारा 161 एवं 164 दंड प्रक्रिया संहिता के बयान में महिला पुलिस अधिकारी एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी को एवं नाबालिक पीड़िता के छोटी बहन जो स्वस्थ है ने अपने धारा 161 दंड प्रक्रिया संहिता के कथन में एक अन्य अभियुक्त जग्गू बरेट द्वारा भी नाबालिग पीड़िता के साथ जबरन बलात्कार करना बताया। आरोपी जग्गू बरेट घटनाकरित कर गिरफ्तारी के डर से फरार हो गया पुलिस द्वारा पता तलाश करने पर पता नहीं चला । अभियुक्त चमरा राम को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त जग्गू बरेट का फरारी पंचनामा तैयार कर धारा 173( 8) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में पेश किया गया था । विशेष न्यायालय शक्ति ने उभय पक्षों को अपने पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया। अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी द्वारा अभियुक्त चमरा राम यादव उर्फ विधायक पिता बैसाखू राम यादव उम्र 42 वर्ष थाना जय जयपुर जिला शक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 450 के अपराध के लिए 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 का अर्थदंड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के अपराध के लिए 20 वर्ष का सश्रम कारावास तथा ₹5000 का अर्थदंड से दंडित किया गया है,अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया ।

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