छत्तीसगढ़रायपुरसक्ती

NIT रायपुर एवं छत्तीसगढ़ काउंसिल आफ टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित विशेष समारोह में खरसिया नगर के प्रतीक गोयल को मिला छत्तीसगढ़ साइंटिस्ट ऑफ द ईयर का अवार्ड, देश की जानी मानी हस्तियों की मौजूदगी में मिला सम्मान

NIT रायपुर एवं छत्तीसगढ़ काउंसिल आफ टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित विशेष समारोह में खरसिया नगर के प्रतीक गोयल को मिला छत्तीसगढ़ साइंटिस्ट ऑफ द ईयर का अवार्ड, देश की जानी मानी हस्तियों की मौजूदगी में मिला सम्मान kshititech
रायपुर में आयोजित समारोह
NIT रायपुर एवं छत्तीसगढ़ काउंसिल आफ टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित विशेष समारोह में खरसिया नगर के प्रतीक गोयल को मिला छत्तीसगढ़ साइंटिस्ट ऑफ द ईयर का अवार्ड, देश की जानी मानी हस्तियों की मौजूदगी में मिला सम्मान kshititech
सम्मान मिलने के बाद खरसिया के प्रतिक गोयल
NIT रायपुर एवं छत्तीसगढ़ काउंसिल आफ टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित विशेष समारोह में खरसिया नगर के प्रतीक गोयल को मिला छत्तीसगढ़ साइंटिस्ट ऑफ द ईयर का अवार्ड, देश की जानी मानी हस्तियों की मौजूदगी में मिला सम्मान kshititech
खरसिया के प्रतिभावान प्रतीक गोयल

NIT रायपुर एवं छत्तीसगढ़ काउंसिल आफ टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित विशेष समारोह में खरसिया नगर के प्रतीक गोयल को मिला छत्तीसगढ़ साइंटिस्ट ऑफ द ईयर का अवार्ड

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति-रायपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में 19 वें छत्तीसगढ़ यंग साइंटिस्ट कांग्रेस का आयोजन हुआ। जिसमे अलग अलग जगह से यंग साइंटिस्ट एकत्रित हुए। जिसमे 20 विभिन्न क्षेत्रों में युवा रिसर्चर्स ने छत्तीसगढ़ एवम देश को और सशक्त बनाने हेतु अपने अपने नवाचार पूरे देश से आए आईआईटी एवम एनआईटी के प्रोफेसर्स के सामने प्रस्तुत किया। प्रतीक वैसे अभी छत्तीसगढ़ एवम देश में स्थापित अनेक लोह और इस्पात उद्योग से जो स्टील स्लैग निकलता है उसका उपयोग भविष्य में गिट्टी के रूप में कैसे किया जाए जिससे स्लैग से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण और गिट्टी के लिए खनिज संसाधनों का दोहन कम किया जा सके पर कार्य है। दूसरी ओर ये फ्लाई एश (राखड़) की सहायता से सीमेंट का भी विकल्प निकालने पर भी रिसर्च कर रहे है

उन्होंने बताया कि 1 टन सीमेंट के उत्पादन में लगभग 1 टन कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन होता है क्योंकि सीमेंट में लगने वाले चुना को 1450 डिग्री तापमान से प्रोसेस कर सीमेंट निर्माण किया जाता है जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान होता है ये समय अब दूर नही की घर बनाने में अब सीमेंट के साथ कोई और विकल्प से घर निर्माण किया जा सकेगा। उनका यह कार्य विश्व में प्रख्यात पत्रिका (ऑस्ट्रेलियन जर्नल ऑफ स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग) में प्रकाशित भी हुआ है। इनकी यही रिसर्च प्रतिभा के लिए ये सम्मान आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रो. राजीव प्रकाश, सीजीकॉस्ट के डायरेक्टर जनरल एस एस बजाज, सीएसवीटीयू के वाइस चांसलर प्रो. एम के वर्मा और एनआईटी रायपुर के डायरेक्टर प्रो. एन वी रामना राव के हाथो से मिला। यह पूरा कार्यक्रम एनआईटी रायपुर और छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के द्वारा आयोजित किया गया। प्रतीक अभी भोपाल में अपनी रिसर्च में अध्यनरत है वे यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट (सीएसवीटीयू) भिलाई से सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहे है। प्रतीक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने इष्ट देव, गुरु, प्रोफेसर, और माता पिता को दिया

प्रातिक्रिया दे

Back to top button