कीटनाशक दवा दुकान व्यापारियों की आई शामत–कृषि विभाग के अधिकारियों का फिर पड़ा छापा, कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों का हुआ प्रशिक्षण,2 एवम 3 सितंबर को मतदान केंद्रों में विशेष शिविर, शक्ति कलेक्टर के निर्देश पर कृषि विभाग जिले में सक्रिय, प्रतिबंधित दवाई बेचने वाले एवं अमानत सामग्रियों पर की जा रही कड़ी कार्रवाई




कीटनाशक दवा दुकान व्यापारियों की आई शामत–कृषि विभाग के अधिकारियों का फिर पड़ा छापा, कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों का हुआ प्रशिक्षण,2 एवम 3 सितंबर को मतदान केंद्रों में विशेष शिविर
सकती छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति-सक्ती कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना के निर्देशन में क़ृषि विभाग द्वारा कीटनाशक दवा विक्रेताओं के विक्रय परिसर का निरंतर जांच किया जा रहा है। निजी विक्रेताओं के साथ साथ अब सहकारी क्षेत्र के विक्रेताओं पर भी नजर रखी जा रही है,कलेक्टर सक्ती श्रीमती नूपुर राशि पन्ना के निर्देशन एवं उप संचालक कृषि के मार्गदर्शन में जिले के निजी क्षेत्र के साथ साथ सहकारी क्षेत्र के दुकानों का भी निरीक्षण किया जा रहा है। विगत दिवस अनुविभागीय स्तरीय निरीक्षण टीम के द्वारा सेवा सहकारी समिति जर्वे का औचक निरीक्षण किया गया। समिति में भंडारित 20 कीटनाशक दवाओं का स्त्रोत प्रमाण पत्र नहीं पाया गया। निरीक्षण टीम के द्वारा सभी दवाओं को 21 दिन का विक्रय प्रतिबंधित कर समिति को नोटिस जारी किया गया है, विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों के कीटनाशक दवा दुकानों का भी जांच किया जा रहा है। डभरा क्षेत्र के कुसुमझर में संचालित जायसवाल कृषि केंद्र के विक्रय परिसर में एक्सपायरी डेट की हेकसाकोनाजोल एवं बिफ्रेनथीन नामक दवा बरामद हुई है। निरीक्षण टीम डभरा के द्वारा इन दवाओं को सील बंद करते हुवे अलग कर जांच के दायरे में रखा गया है तथा विक्रेता को नोटिस जारी किया गया है। जवाब संतोषजनक नहीं पाये जाने पर अधिनियम के अन्तर्गत कार्रवाई की जायेगी।
समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन पर एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित, कृषि विभाग के मैदानी अमलो को दिया गया प्रशिक्षण,कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कृषि वैज्ञानिकों का रासायनिकv उर्वरक एवं कीटनाशक दवा का संतुलित उपयोग पर व्याख्यान का हुआ आयोजन,कृषि वैज्ञानिकों का सलाह, जैविक खाद का उपयोग बढ़ाएं
सक्ति-किसानो द्वारा खेती में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक दवा का असंतुलित उपयोग करने पर मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती है और उपजाऊ पन घटता है। उर्वरक एवं कीटनाशक दवा के असंतुलित उपयोग सेअनाज की गुणवत्ता प्रभावित होती है साथ ही मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी पड़ता है,उपसंचालक कृषि विभाग सक्ती से प्राप्त जानकारी अनुसार कृषि उत्पादन आयुक्त छत्तीसगढ़ राज्य के द्वारा नत्रजनीय उर्वरक के अधिक उपयोग पर रोकथाम के लिए कार्यशाला आयोजित कर कृषि विभाग के मैदानी अमलो को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए है। जिसके तहत कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना के निर्देशन पर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र जांजगीर के वैज्ञानिकों द्वारा मैदानी अमलो को प्रशिक्षण दिया गया। उनके द्वारा उर्वरको के संतुलित उपयोग तथा अन्य वैकल्पिक व्यवस्था पर विस्तार से जानकारी दी गई,कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव दीक्षित ने कहा कि किसानो द्वारा नत्रजनीय उर्वरक यूरिया का अधिक उपयोग करने से मिट्टी की जल धारण क्षमता कम होती है और मिट्टी अम्लीय होने से धीरे धीरे मिट्टी की उपजाऊ पन कम होती है। उन्होंने कहा कि किसानों को समझाइश दी जाये कि नत्रजनीय उर्वरक का उपयोग कम करें, पोटास का उपयोग करें, साथ ही गोठानो में मिलने वाली वर्मीखाद का उपयोग करें। उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक किया जाये कि नत्रजन, स्फुर, पोटास का संतुलन बनाए रखें, इसके साथ ही जिंक , सल्फर, कैल्शियम फास्फोरस आयरन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस खाद का उपयोग करें। जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बनी रहेगी, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक शशिकांत सूर्यवंशी ने कहा कि सही समय पर, सही मात्रा में, सही खाद का उपयोग करने पर भी अधिकतम उपज प्राप्त हो सकती है। अधिक मात्रा में यूरिया के उपयोग से पौधा हर भरा होता है, पर कीट व्याधि की आक्रमण बढ़ती है। जिसके बचाव के लिए कीटनाशक दवा का उपयोग करना पड़ेगा। इससे अनावश्यक खर्च बढ़ेगा, तथा मिट्टी भी प्रदूषित होगी,उप संचालक कृषि सक्ती ने कहा कि यूरिया के अधिक उपयोग से खेती में लाभ नहीं होगा। इसलिए किसान मैदानी अमलो के सलाह के अनुसार खाद का उपयोग करें। इससे स्वयं का अनावश्यक खर्च नहीं होगा साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बनी रहेगी। इस कार्यशाला में अनुविभागीय अधिकारी कृषि श्री कृतराज, सभी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं सभी विकास खंड के मैदानी अमले उपस्थित थे।
फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली का द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम,02 एवं 03 सितम्बर को सभी मतदान केंद्रों पर होगा विशेष शिविरों का आयोजन,दावा-आपत्तियां प्राप्त करने की समय-सीमा अब 11 सितंबर तक
सक्ति-भारत निर्वाचन आयोग द्वारा फोटोयुक्त निर्वाचक नामावलियों का द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अर्हता तिथि 01 अक्टूबर 2023 के संबंध में फोटोयुक्त निर्वाचक नामावलियों का द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2023 अर्हता तिथि 01 अक्टूबर 2023 में दावा-आपत्ति प्राप्त करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त को बढ़ाकर अब 11 सितम्बर 2023 सोमवार तक किया गया है। अब निर्वाचक नामावली का संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत नवीन मतदाताओं के नाम जोड़ने सहित मृत एवं स्थानांतरित मतदाताओं के नाम विलोपन और लिंग, आयु, पता इत्यादि संशोधन का कार्य उक्त नियत तिथि तक किया जाएगा,इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय रायपुर द्वारा सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को परिपत्र जारी कर दिया गया है। परिपत्र में कहा गया है कि अब राज्य के सभी मतदान केन्द्रों में 02 सितंबर शनिवार एवं 03 सितंबर रविवार को पूर्व की भांति विशेष शिविर का आयोजन भी किया जावे। उक्त शिविर तिथियों पर सम्बंधित मतदान केन्द्रों के लिये नियुक्त बूथ लेवल अधिकारी, अभिहित अधिकारियों को मतदान केन्द्रों में कार्यालयीन निर्धारित समयावधि में अनिवार्यतः आवश्यक फार्मों के साथ उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया जावे। निर्धारित तिथि 11 सितम्बर 2023 तक प्राप्त दावा-आपत्तियों का निराकरण 28 सितम्बर 2023 तक किया जाकर मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन पूर्व की भांति 04 अक्टूबर 2023 को किया जावेगा। फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली का द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम की संशोधित अवधि एवं मतदान केंद्रों पर विशेष शिविर आयोजन के संबंध में समस्त राजनैतिक दलों को अवगत कराते हुए जमीनी स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार करने कहा गया है।