ओ पी की PC- इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री बने रहने के लिए लोकतंत्र की करी हत्या, पूरे देश में लगाया था आपातकाल-ओ पी चौधरी (वित्त मंत्री),जांजगीर में 24 जून को पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे प्रदेश के वित्त मंत्री चौधरी, चौधरी ने कहा-आपातकाल में डेढ़ लाख कार्यकर्ताओं को जेलो में ठूंसा गया, मीडिया की स्वतंत्रता का भी किया गया हनन


इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री बने रहने के लिए लोकतंत्र की करी हत्या, पूरे देश में लगाया था आपातकाल-ओ पी चौधरी (वित्त मंत्री), 24 जून को पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे प्रदेश के वित्त मंत्री चौधरी, चौधरी ने कहा-आपातकाल में डेढ़ लाख कार्यकर्ताओं को जेलो में ठूंसा गया, मीडिया की स्वतंत्रता का भी किया गया हनन
सक्ती छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती-भारत देश के लोकतांत्रिक इतिहास में आजादी के बाद सबसे बड़ा काला अध्याय लेकर आया 25 जून 1975 का दिन- ओपी चौधरी, जांजगीर पहुँचे जिले के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश चौधरी ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री बने रहने के लिए लोकतंत्र की हत्या की और देश में आपातकाल लगा दिया था।
25 जून, 1975 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की सबसे खौफजदा तारीख थी, क्योंकि इस दिन लोकतंत्र की हत्या की गई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 की रात को देश में आपातकाल लागू कर दिया था।
लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे बड़ा काला अध्याय– चौधरी
प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि 25 जून, 1975 अर्थात आजादी के बाद के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे बड़ा काला अध्याय लेकर आया। देश में कांग्रेस पार्टी का शासन था, कांग्रेस पार्टी का एक छत्र राज था, इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थी। उच्च न्यायालय का फैंसला इंदिरा गांधी को अपने पद से उतारता था, परन्तु अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए एवं प्रधानमंत्री बने रहने के लिए उन्होनें लोकतंत्र की हत्या कर दी।उन्होेंने कहा कि 25 जून 1975 अर्थात आजादी के बाद के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे बड़ा काला अध्याय लेकर आया। उन्होंने कहा इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री बने रहने के लिए लोकतंत्र की हत्या की और देश में आपातकाल लगा दिया था
एक लाख चालीस हजार से अधिक नेताओं को जेल में डाला गया
श्री चौधरी ने कहा कि आधी रात्रि समय जब पूरा देश गहरी नींद में सो रहा था, इंदिरा ने देश में आपातकाल लगा दिया।रातों-रात एक लाख चालीस हजार हजार से अधिक छोटे-बड़े नेताओं को जेल की काल कोठरी के पीछे डाल दिया। अखबारों की,मीडिया की स्वतंत्रता छीन ली गई। सभी मीडिया हाऊसिज पर पहरा बिठा दिया गया और वही छपने लगा जो इंदिरा जी कहती थी और जिन्होनें विरोध किया उन्हें नेस्ते नाबूत कर दिया गया
विरोध करने वाले लोगों से साथ हुई बर्बरता
श्री चौधरी ने कहा कि आपातकाल के खिलाफ देशभर में आंदोलन शुरू हुए जिसका नेतृत्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ व अन्य संगठनों ने किया। सत्याग्रह करने वाले नेताओं/कार्यकर्ताओं पर बर्बरता की इंतहा हुई। उन पर झूठे मुकदमे दर्ज हुए और अंग्रेजों द्वार किए गए अत्याचारों को पीछे छोड़ दिया गया। ‘‘इंदिरा ईज इंडिया, इंडिया ईज इंदिरा’’ यह स्लोगन देश पर चस्पा किया गया।