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दृष्टि बाधितों के मसीहा लुई ब्रेल की जयंती पर शक्ति के दृष्टिबाधित विशेष विद्यालय में हुए विभिन्न आयोजन, अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद की शक्ति शाखा ने किया पुरस्कारों का वितरण तो वहीं अध्यक्ष राम अवतार अग्रवाल ने कहा- लुई ब्रेल ने किया था ब्रेल लिपि का आविष्कार, नेत्रहीन बच्चों की प्रस्तुति की हुई प्रशंसा

दृष्टि बाधितों के मसीहा लुई ब्रेल की जयंती पर शक्ति के दृष्टिबाधित विशेष विद्यालय में हुए विभिन्न आयोजन, अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद की शक्ति शाखा ने किया पुरस्कारों का वितरण तो वहीं अध्यक्ष राम अवतार अग्रवाल ने कहा- लुई ब्रेल ने किया था ब्रेल लिपि का आविष्कार, नेत्रहीन बच्चों की प्रस्तुति की हुई प्रशंसा kshititech
भक्ति के दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय में आयोजित वार्षिक उत्सव कार्यक्रम
दृष्टि बाधितों के मसीहा लुई ब्रेल की जयंती पर शक्ति के दृष्टिबाधित विशेष विद्यालय में हुए विभिन्न आयोजन, अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद की शक्ति शाखा ने किया पुरस्कारों का वितरण तो वहीं अध्यक्ष राम अवतार अग्रवाल ने कहा- लुई ब्रेल ने किया था ब्रेल लिपि का आविष्कार, नेत्रहीन बच्चों की प्रस्तुति की हुई प्रशंसा kshititech
भक्ति के दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय में आयोजित वार्षिक उत्सव कार्यक्रम
दृष्टि बाधितों के मसीहा लुई ब्रेल की जयंती पर शक्ति के दृष्टिबाधित विशेष विद्यालय में हुए विभिन्न आयोजन, अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद की शक्ति शाखा ने किया पुरस्कारों का वितरण तो वहीं अध्यक्ष राम अवतार अग्रवाल ने कहा- लुई ब्रेल ने किया था ब्रेल लिपि का आविष्कार, नेत्रहीन बच्चों की प्रस्तुति की हुई प्रशंसा kshititech
भक्ति के दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय में आयोजित वार्षिक उत्सव कार्यक्रम

दृष्टि बाधितों के मसीहा लुई ब्रेल की जयंती पर शक्ति के दृष्टिबाधित विशेष विद्यालय में हुए विभिन्न आयोजन, अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद की शक्ति शाखा ने किया पुरस्कारों का वितरण तो वहीं अध्यक्ष राम अवतार अग्रवाल ने कहा- लुई ब्रेल ने किया था ब्रेल लिपि का आविष्कार

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति- 4 जनवरी को पूरे विश्व में ब्रेल लिपि के जनक लुई ब्रेल की जन्म जयंती को कसेर पारा स्थित दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय में वार्षिक उत्सव के रूप में आयोजित किया गया, इस अवसर पर जहां सुबह से ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ तो नेत्रहीनों के लिए कुर्सी दौड़, मटका फोड़, साथ ही जन जागरूकता रैली का भी आयोजन किया गया, तथा इस रैली में अग्रसेन चौक के कार्यक्रम में पुलिस थाना शक्ति के टी आई बृजेश कुमार तिवारी, जिला यातायात प्रभारी कमल किशोर महतो, अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद पटेल सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे, उपरोक्त संपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय की अध्यक्ष श्रीमती बिंदेश्वरी आदिले, सचिव जसवंत कुमार आदिले, संरक्षक जसबीर सिंह चावला एवम प्राचार्य ज्योति महंत के मार्गदर्शन में किया गया, इस कार्यक्रम में जहां जांजगीर चाम्पा लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े एवं अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद शक्ति शाखा के अध्यक्ष रामावतार अग्रवाल सहित अन्य विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी सदस्य एवं गामान्य नागरिक भी मौजूद रहे

तो वहीं विद्यालय की ओर से सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े को विद्यालय के लिए शासकीय भूमि उपलब्ध करवाने की मांग की तथा इस दौरान अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद शक्ति शाखा के अध्यक्ष रामावतार अग्रवाल ने कहा कि आज ब्रेल लिपि के जनक के रूप में लुइस ब्रेल को पूरी दुनिया जानती है, तथा दृष्टि बाधितों के मसीहा के रूप में इन्होंने आज जो कार्य किया है, वह एक बड़ा काम है तथा शक्ति में भी दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय की स्थापना कर जहां नेत्रहीनों को उनके जीवन को उज्जवल बनाने की दिशा में निरंतर काम किया जा रहा है तो वहीं यह विद्यालय पूरे जिले में सेवा का एक सबसे बड़ा प्रकल्प है,इस दौरान अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद शक्ति शाखा के अध्यक्ष रामावतार अग्रवाल, सचिव अमरलाल अग्रवाल ठेकेदार, कपूर चंद अग्रवाल, ऋषि कुमार गोयल  सहित अन्य सदस्यों द्वारा शक्ति शाखा की ओर से कार्यक्रम में संपन्न सभी प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण किए गए तथा परिषद की शक्ति शाखा की ओर से उपरोक्त समस्त पुरस्कार प्रदान किए गए,जिस पर दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय प्रबंधन ने भी अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद सहित इस विद्यालय में सहयोग करने वाले सभी दानदाताओं का भी आभार व्यक्त किया, साथ ही इस कार्यक्रम में दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय की जन भागीदारी के सभी पदाधिकारी, सदस्य एवं  मीडिया के साथी गोविंद देवांगन,दादूदयाल केंवट भी मौजूद रहे

क्या है विश्व ब्रेल दिवस का महत्व, क्यों मनाया जाता है विश्व ब्रेल दिवस,आइए जाने

हर साल 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैश्विक स्तर पर दृष्टिबाधितों के लिए बेहद अहम दिन है। इस दिन को लुईस ब्रेल नाम के शख्स के जन्मदिन के मौके पर मनाते हैं। लुईस ब्रेल एक आविष्कारक थे, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया था। ब्रेल लिपि आंखों से देख न पाने वाले लोगों की भाषा है, जिसका उपयोग वे लिखने पढ़ने के लिए करते हैं। जन्मजात या किसी अन्य कारण से आंखों का रोशनी खो देने वाले लोगों को समाज के अन्य लोगों के समान स्थान देने और उन्हें शिक्षा व करियर में शारीरिक कमी के कारण वंचित न रहना पड़े, इसी उद्देश्य से लुईस ब्रेल नेे ब्रेल लिपि का आविष्कार किया और दृष्टिबाधितों को आत्मनिर्भर बनने में मदद की। उनके जीवन काल में उन्हें इस योगदान के लिए सम्मान नहीं मिला लेकिन बाद में विश्व ब्रेल दिवस मनाने की शुरुआत की गई और लुईस ब्रेल के जन्मदिन के मौके पर उन्हें याद करते हुए यह दिन समर्पित किया गया।

कौन थे लुईस ब्रेल ?

4 जनवरी 1809 में लुई्स ब्रेल का जन्म फ्रांस के कुप्रे नाम के गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम साइमन रेले ब्रेल था, जो पेशे से शाही घोड़ो के लिए काठी और जीन बनाने का काम करते थे। परिवार की आर्थिक हालत तंग थी, इस कारण लुईस महज तीन साल की उम्र से ही पिता के साथ काम पर जाने लगे थे। हालांकिएक हादसे में उनकी एक आंख पर चाकू घुस गया और आंख खराब हो गई। बाद में उनकी दूसरी आंख की रोशनी भी जाने लगी। तंगी के कारण उनका सही इलाज भी न हो सका। 8 साल की उम्र में लुईस ब्रेल को पूरी तरह से दिखाई देना बंद हो गया।

ब्रेल लिपि का आविष्कार कैसे हुआ?

लुईस ब्रेल ने हार नहीं मानी और नेत्रहीनों के स्कूल में दाखिला लिया। इस दौरान उन्हें सेना की एक ऐसी कूटलिपि के बारे में पता चला जो अंधेरे में भी संदेशों को पढ़ने में मदद करती थी। लुईस ने नेत्रहीनों के लिए भी इस तरह की लिपि के बारे में सोचा और ब्रेल लिपि का आविष्कार किया।

क्या है ब्रेल लिपि ?

आंखों से देख न सकने वालों के लिए ब्रेल लिपि वरदान की तरह है। नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि पढ़ने और लिखने का एक स्पर्शनीय कोड है। इसमें विशेष प्रकार के उभरे कागज का इस्तेमाल होता है, जिस पर उभरे हुए बिंदुओं को छूकर पढ़ा जा सकता है। टाइपराइटर की तरह की ही एक मशीन ‘ब्रेलराइटर’ के माध्यम से ब्रेल लिपि को लिखा जा सकता है। इसके अलावा स्टायलस और ब्रेल स्लेट के जरिए भी लिख सकते हैं। ब्रेल में उभरे हुए बिंदुओं को ‘सेल’ कहा जाता है।

विश्व ब्रेल दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में करीब 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते हैं। वहीं करीब 253 मिलियन लोगों में किसी न किसी तरह का कोई दृष्टि विकार है। इतनी बड़ी संख्या में दृष्टिबाधितों के होने पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 नवंबर 2018 को ये प्रस्ताव पास किया कि हर साल लुईस ब्रेल के जन्मदिन के मौके यानी 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाएगा।

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