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नारायणी की होगी आराधना- 29 नवंबर को मंगसीर नवमी पर दादी उत्सव का होगा आयोजन, शक्ति के श्री राधा कृष्ण मंदिर में श्री दादी परिवार ने किया है कार्यक्रम, मिलेगा आपको दादी का खजाना, आज ही करें संपर्क, इस दिन की पूजा से भगवान कृष्ण की कृपा मिलती है भक्तों को, जानिए क्या है नारायणी की महिमा

नारायणी की होगी आराधना- 29 नवंबर को मंगसीर नवमी पर दादी उत्सव का होगा आयोजन, शक्ति के श्री राधा कृष्ण मंदिर में श्री दादी परिवार ने किया है कार्यक्रम, मिलेगा आपको दादी का खजाना, आज ही करें संपर्क, इस दिन की पूजा से भगवान कृष्ण की कृपा मिलती है भक्तों को, जानिए क्या है नारायणी की महिमा kshititech

नारायणी की होगी आराधना- 29 नवंबर को मंगसीर नवमी पर दादी उत्सव का होगा आयोजन, शक्ति के श्री राधा कृष्ण मंदिर में श्री दादी परिवार ने किया है कार्यक्रम, मिलेगा आपको दादी का खजाना, आज ही करें संपर्क, इस दिन की पूजा से भगवान कृष्ण की कृपा मिलती है भक्तों को, जानिए क्या है नारायणी की महिमा

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति-आगामी 29 नवंबर को मंगसिर नवमी पर दादी उत्सव का आयोजन शक्ति शहर के श्री राधा कृष्ण मंदिर में श्री दादी परिवार द्वारा किया गया है,उपरोक्त कार्यक्रम की जानकारी देते हुए दादी परिवार के सदस्यों ने बताया कि इस अवसर पर भव्य श्रृंगार,56 भोग, भंडारा प्रसाद ,एवं दादी का खजाना भी होगा तथा दादी का खजाना प्राप्त करने के लिए ₹100/-रुपये का सेवा शुल्क निर्धारित है,दादी भक्त खजाने की रसीद कटवा कर खजाना प्राप्त कर सकेंगे, आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि दादी उत्सव से संबंधित किसी भी प्रकार की अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर- 9406035244 एवं 7974346 469 पर संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं दादी परिवार शक्ति ने सभी श्रद्धालु भक्तजनों से इस अवसर पर कार्यक्रम में सम्मिलित होकर पुण्य का भागी बनने का आग्रह किया है

दादी उत्सव को लेकर चल रही तैयारिया

दादी परिवार शक्ति द्वारा दादी उत्सव के आयोजन के लिए व्यापक रूप से तैयारी चल रही है,तथा मंदिर परिसर में इस अवसर पर जहां आकर्षक साज-सज्जा की जाएगी तो वहीं दादी जी के भजनों के साथ दादी भक्त महिलाएं भी दादी की आराधना करेंगी एवं इस कार्यक्रम में शहर सहित आसपास के क्षेत्र से भी दादी भक्त महिलाएं शामिल होंगी

मांगसीर नवमी का क्यों होता है आयोजन, जानिए नारायणी की महिमा

श्रीराणी सती दादी जी की मंगसीर बदी नवमी को किया जाता है, यह दिन उनके बलिदान और दिव्य शक्ति को स्मरण करने के लिए विशेष महत्व रखता है। राणी सती दादी ने अपने पति की मृत्यु के बाद सती होने का नारायणी देवी के नाम से भी जाना जाता है, संस्कृति और धर्म मेंसाहस, त्याग और निष्ठा का प्रतीक मानी जाती हैं। उनकी कथा प्रेरणादायक और मार्मिक है, जो उनकी अमर गाथा को सजीव करती है। मंगसीर बदी नवमी का दिन उनके बलिदान और उनकी दिव्य शक्ति को स्मरण करने के लिए विशेष महत्व रखता है। यह कथा महाभारत काल से जुड़ी है। मंगसीर मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को श्री राणी सती दादी जी की जयंती मनाई जाती है,जिसे मंगसीर बदी नवमी के रूप में जाना जाता है। यह दिन श्री राणी सती दादी जी की मार्मिक कथा को याद करने का अवसर है,जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद सती होने का फैसला लिया। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी भक्ति और समर्पण को देखकर उन्हें बचा लिया और उन्हें अपने चरणों में स्थान दिया,बदी नवमी का महत्व बहुत अधिक है। इस दिन की पूजा और आराधना से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है,और जीवन में सुख और समृद्धि आती है। नारायणी देवी के सती होने के बाद उन्हें राणी सती दादी जी के रूप में पूजा जाने लगा। राणी सती दादी मारवाड़ी समाज की कुलदेवी भी है, मंगसीर बदी नवमी के दिन झुंझुनू स्थित राणी सती मंदिर सहित पूरे देश के दादी के मंदिरों में विशाल महोत्सव का आयोजन होता है।

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