

मैसूर की साहित्य मधुशाला ने 21 सितंबर को की ऑनलाइन मासिक काव्य गोष्ठी,संस्था की संस्थापक उषा केडिया ने किया संचालन
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति-साहित्य मधुशाला (मैसूर ) की मासिक काव्य गोष्ठी में बरसे अध्यात्म एवं प्रेम रस के रंग,मैसूर की जानी मानी संस्था साहित्य मधुशाला द्वारा 21 सितंबर को ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया,जिसमें देश विदेश के रचनाकारों ने अपनी रचना से मंच को महका दिया
कार्यक्रम की अध्यक्षता नीमरामा ( राजस्थान) के जाने माने साहित्यकार धर्मपाल ‘धर्म’ ने दीप प्रज्वलन एवं माँ सरस्वती वंदना की वंदना से की।कार्यक्रम का सुंदर संचालन संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती उषा जैन केडिया ने अपने चिर-परिचित अन्दाज़ में चार पंक्तियों के माध्यम से सबको बारी बारी से रचना प्रस्तुत करने हेतु आमंत्रित करके किया,कार्यक्रम का आग़ाज़ काठमांडू नेपाल से जुड़े कवि जय प्रकाश ने एक नज्म ‘अपने पर भरोसा’ से कियाकोलकाता से जुड़ी कवयित्री संगीता चौधरी ने कोलकाता में हुये हादसे पर ‘क्या लाज नहीं आती‘ मार्मिक कविता प्रस्तुत कर माहौल को संवेदना के रंग से भर दिया,युवा कवि ब्रजेंद्र मिश्र ने …हम काव्य किसानी करते रचना की बहुत सुंदर प्रस्तुत दीभिलाई से जुड़े कवि हरिप्रकाश गुप्ता ने देश प्रेम पर ‘हम भारत के सिपाही ‘ रचना की प्रस्तुति दी।बैंगलोर के जाने माने कवि जैन राजेंद्र गुलेच्छा राज ने क्षमा के महत्व को दर्शाते हुए ‘जो भूलो को भुला दे, वो मानव है महान’ सुमधुर गीत प्रस्तुत किया।बैंगलुरु की ही कवियत्री दीपिका मिश्रा जी ने अपनी कविता के माध्यम से ‘मैं खुश हूँ’ रचना के माध्यम से खुश रहने का राज बताया।राजस्थानजयपुर से जुड़ी कवयित्रीअनुपमा ‘जब कभी तन्हा होती हूँ ‘ रचना को प्रस्तुत किया।सरिया की कवयित्री डिम्पल ने अपनी रचना ‘वक्त तो वक्त है’ रचना द्वारा वक्त की क़ीमत की ओर इशारा किया।खरसिया ( छ॰ग॰)की कवियित्री अनामिका ने बाल मजदूरो पर छोटू अरे ओ छोटू रचना की प्रस्तुति दी
राजस्थान के जाने माने कवि व कार्यक्रम के अध्यक्ष धर्मपाल ‘ धर्म’ ने अपनी हास्य कविता ‘ बात है राम लीला की’ सुना मंच को हास्य मय कर दिया।संस्था कि अध्यक्ष एवं संचालिका कवयित्री उषा केडिया ने ‘हे प्रभु अरदास हमारी सुन लीजिए ‘ रचना की प्रस्तुति दी,उसके बाद प्रस्तुतियों पर कार्यक्रम के अध्यक्ष कवि धर्मपाल ‘ धर्म’ ने सभी रचनाओं की बहुत ही सुंदर समीक्षाएं की। संगीता चौधरी कोलकाता द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात गोष्ठी का विधिवत समापन हुआ,साहित्य मधुशाला से देश विदेश से हिन्दी के अनेक रचनाकार जुड़े हुए हैं। संस्था की गतिविधियों में प्रतिमाह गोष्ठी, समसामयिक विषयों पर प्रतिस्पर्धाएँ होती रहती है।