छत्तीसगढ़राजनैतिकरायपुरसक्तीसामाजिक

महंत का जलवा रहेगा बरकरार- भले ही ना बनी हो सरकार, जांजगीर चाम्पा संसदीय क्षेत्र में प्रभावशाली लीडर के रूप में रहेगी डॉ. चरणदास महंत की भूमिका, राजनैतिक इतिहास के पन्नों में दर्ज संसदीय क्षेत्र की आठो सीटों पर है कांग्रेस का कब्जा, संसदीय क्षेत्र के विधायकों की एकजुटता से ही कांग्रेस निभायेगी सशक्त विपक्ष की भूमिका

<em>महंत का जलवा रहेगा बरकरार- भले ही ना बनी हो सरकार, जांजगीर चाम्पा संसदीय क्षेत्र में प्रभावशाली लीडर के रूप में रहेगी डॉ. चरणदास महंत की भूमिका, राजनैतिक इतिहास के पन्नों में दर्ज संसदीय क्षेत्र की आठो सीटों पर है कांग्रेस का कब्जा</em>, संसदीय क्षेत्र के विधायकों की एकजुटता से ही कांग्रेस निभायेगी सशक्त विपक्ष की भूमिका Console Corptech
शक्ति विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ चरणदास महंत

महंत का जलवा रहेगा बरकरार- भले ही ना बनी हो सरकार, जांजगीर चाम्पा संसदीय क्षेत्र में प्रभावशाली लीडर के रूप में रहेगी डॉ. चरणदास महंत की भूमिका, राजनैतिक इतिहास के पन्नों में दर्ज संसदीय क्षेत्र की आठो सीटों पर है कांग्रेस का कब्जा

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति- छत्तीसगढ़ राज्य में 3 दिसंबर को आए विधानसभा चुनाव की मतगणना परिणाम के बाद भले ही प्रदेश में भरोसे की सरकार की विदाई हो गई है,किंतु राजनैतिक इतिहास में जांजगीर- चांपा लोकसभा क्षेत्र जो की तीन जिलों में बटा हुआ है,जांजगीर चांपा जिला, शक्ति जिला एवं बलौदा बाजार भाटापारा जिला, जिसमें जांजगीर-चांपा जिले की तीन विधानसभा अकलतरा, पामगढ़ एवं जांजगीर चाम्पा,शक्ति विधानसभा क्षेत्र की तीन विधानसभा शक्ति, चंद्रपुर, जैजैपुर एवं बलौदा बाजार भाटापारा जिले की दो विधानसभा कस्डोल तथा बिलाईगढ़ शामिल है

03 दिसंबर के मतगणना परिणाम ने जहां इस संसदीय क्षेत्र में अपने खात्मे से भाजपा खेमे में बेचैनी ला दी है,तो वहीं इन आठो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की एकतरफा जीत ने कांग्रेस के खेमे में खुशी की लहर भी पैदा कर दी है, आने वाले अप्रैल-मई 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं, तथा पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश का राजनैतिक रूप से आकलन करें तो जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र से ही एकमात्र आठो सीटों पर कांग्रेस को विजय मिली है,जिसके चलते पूर्व से ही जहां दशकों से इस क्षेत्र में डॉक्टर चरणदास महंत का राजनीतिक प्रभाव रहा है, एवं 2008 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी जहां महंत को विधानसभा अध्यक्ष के पद से नवाजा गया,तो वहीं अविभाजित जांजगीर चांपा जिले में भी डॉक्टर चरण दास महंत का ही राजनीतिक रूप से प्रशासनिक एवं सत्ता पर एक तरफ़ा प्रभाव देखा जाता था, जिसका कहीं ना कहीं प्रमुख कारण डॉक्टर चरण दास महंत की सूझबूझ, कुशल नेतृत्व एवं कार्य कुशलता को माना जा रहा है, तथा डॉक्टर चरणदास महंत भले ही कांग्रेस पार्टी से प्रतिनिधित्व करते हैं किंतु तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार में भाजपाई भी उनके विधानसभा अध्यक्ष के रूप में एक कुशल नेतृत्व की प्रशंसा करते नहीं थकते थे, तथा विधानसभा अध्यक्ष महंत ने भी विधानसभा के सत्र के दौरान जहां एक अच्छा समन्वय बनाकर विधानसभा को चलाने का प्रयास किया तो वहीं उनके पूरे कार्यकाल में देखा जाए तो कभी भी कोई वाद विवाद की स्थिति निर्मित नहीं हुई

तथा 2023 के विधानसभा चुनाव ने राजनीतिक समीकरण बदले हैं, एवं इस लिहाज से देखा जाए तो पूरे जांजगीर चाम्पा संसदीय क्षेत्र में महंत की लीडरशिप से भी इनकार नहीं किया जा सकता,आज लगभग विधायक उनके ही समर्थक या की उनके प्रभाव में माने जा सकते हैं, एवं आने वाले दिनों में जिस तरह से कांग्रेस पार्टी विपक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभायेगी इस लिहाज से डॉ.चरणदास महंत की लीडरशिप एवं आने वाले दिनों में संगठन के कार्यों तथा विपक्ष की भूमिका में डॉक्टर चरणदास महंत की भी प्रमुख भूमिका रहेगी ,ऐसा राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं

तथा आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी चुना जाएगा जिसमें भी ऐसा प्रतीत होता है कि विधानसभा अध्यक्ष महंत की कार्य कुशलता एवं उनकी आक्रामकता को भी देखते हुए उन्हें कहीं नेता प्रतिपक्ष की भी जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी ना सौंप दें ,एवं वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्रदेश में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी की एक तरफ़ा लहर के बावजूद शक्ति विधानसभा क्षेत्र से डॉ.चरणदास महंत ने जीत दर्ज की है वह कोई सामान्य जीत नहीं है, तथा भले हो कम वोटो से ही जीत को स्वीकार करना पड़ा किंतु जिस तरह से पूरे प्रदेश में इस बात को लेकर राजनैतिक चर्चा थी कि छत्तीसगढ़ में जो विधानसभा अध्यक्ष एक बार बन जाता है वह दोबारा चुनाव नहीं जीतता, इस परंपरा को महंत ने ध्वस्त करते हुए जीत दर्ज की है, तथा शक्ति विधानसभा क्षेत्र से महंत को टिकट मिलने के बाद जहां उनके ही लोगों ने उनसे किनारा कर पूरे क्षेत्र में उनके खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास किया, किंतु विरोधियों की इस आक्रामकता एवं विरोधात्मक कार्यो ने भी कहीं ना कहीं उन्हें कमजोर नहीं किया,तथा उल्टा ही महंत एक बड़ी राजनैतिक ताकत बनकर पूरे क्षेत्र में अपने कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव लड़ा तथा लोग महंत की राजनीतिक सूझबूझ एवं उनके कार्य कुशलता कि कहीं ना कहीं दुहाई भी देते हैं तथा अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में डॉक्टर चरणदास महंत की राजनीतिक भूमिका कितनी प्रभावशाली रहेगी

प्रातिक्रिया दे

Back to top button