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पानी समस्या को देखते हुए कलमा बैराज के 16 जून से खोले जाएंगे सभी गेट, आश्रम छात्रावासों में चौपाल लगाकर होगा प्रवेश, जिले में समूह विभिन्न योजनाओं से हो रहे समृद्ध

<em>पानी समस्या को देखते हुए कलमा बैराज के 16 जून से खोले जाएंगे सभी गेट, आश्रम छात्रावासों में चौपाल लगाकर होगा प्रवेश, जिले में समूह विभिन्न योजनाओं से हो रहे समृद्ध</em> kshititech
शक्ति जिले में चौपाल लगाकर आश्रम एवं छात्रावास में होगा प्रवेश
<em>पानी समस्या को देखते हुए कलमा बैराज के 16 जून से खोले जाएंगे सभी गेट, आश्रम छात्रावासों में चौपाल लगाकर होगा प्रवेश, जिले में समूह विभिन्न योजनाओं से हो रहे समृद्ध</em> kshititech
शक्ति जिले में चौपाल लगाकर आश्रम एवं छात्रावास में होगा प्रवेश
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शासन की योजनाओं से सकती जिले में समूह हो रहे समृद्ध

पानी समस्या को देखते हुए कलमा बैराज के 16 जून से खोले जाएंगे सभी गेट, आश्रम छात्रावासों में चौपाल लगाकर होगा प्रवेश, जिले में समूह विभिन्न योजनाओं से हो रहे समृद्ध

सक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति-जल संसाधन संभाग रायगढ़ के कार्यपालन अभियंता से प्राप्त जानकारी अनुसार महानदी पर निर्मित कलमा बैराज के सभी गेट 16 जून 2023 से 15 अक्टूबर 2023 तक खुले रहेंगे। जिससे बाढ़ में बैराज के नीचे महानदी में जल बहाव की मात्रा अचानक अत्यधिक बढ़ सकती है। बैराज के ऊपर और नीचे महानदी में मछली पकडऩा, फसल लगाना एवं नहाना इत्यादि सख्त मना है। उक्त सूचना का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति किसी प्रकार की हानि होने पर स्वयं जिम्मेदार होंगे

कलेक्टर के निर्देश पर आश्रम और छात्रावासों में प्रवेश के लिए चौपाल आयोजित कर चलाया जा रहा संपर्क अभियान

सक्ती-कलेक्टर श्रीमती नुपूर राशि पन्ना के निर्देशानुसार आदिवासी विकास विभाग जिला सक्ती द्वारा विकासखण्ड सक्ती अंतर्गत संचालित आश्रम व छात्रावासों के अधीक्षक द्वारा शैक्षणिक सत्र 2023-24 में स्वीकृत सीट में प्रवेश के लिए अधीक्षकों द्वारा चौपाल संपर्क कार्यक्रम के माध्यम से प्रवेश कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्री संजय कुमार सिंह, मंडल निरिक्षक सकती मयंक कुमार चन्द्रा के मार्गदर्शन में विकासखण्ड सक्ती के ग्रामों मे चौपाल कार्यक्रम चलाया जा रहा है। चौपाल कार्यक्रम में विकासखण्ड सक्ती में संचालित आश्रम और छात्रावासों में प्रवेश के लिए पुरे विकासखण्ड के अधीक्षकों की सामूहिक टीम बनाकर जनसंपर्क किया जा रहा है । सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार अनुसूचित जाति बालक छात्रावास सक्ती, बाराद्वार अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास सक्ती, बाराद्वार, लवसरा जर्वे, अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास सक्ती, खैरा, अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास सक्ती, अनुसूचित जनजाति बालक आश्रम केरीबंधा, आमापाली, मसनीयाखुर्द, अमलडीहा के कुल 660 सीटों के विरूध्द प्रवेश हेतु प्रवेश समिति का गठन किया है। जिनसे संपर्क कर प्रवेश संबंधी जानकारी और फार्म लिया जा सकता है। प्रवेश समिति में मयंक कुमार चन्द्रा (मंडल निरिक्षक ) 7869804809, उमेश्वर राठौर 8435485453, सुनील जगत 9340492502, कुशल देवांगन 8878493200 से संपर्क किया जा सकता है। आश्रम व छात्रावासों में प्रवेश निशुल्क है और वहाँ निशुल्क आवास तथा भोजन की सहायता दी जाती है। इसमें निर्धारित सीट अनुसार पात्र बच्चे प्रवेश ले सकते है। आवेदन पत्र में सलग्न प्रमाण पत्र को स्थानीय सरपंच और पार्षद से प्रमाणित कर प्रवेश पा सकते है। अधिक जानकारी हेतु प्रवेश समिति से संपर्क किया जा सकता है

वर्मी कम्पोस्ट, मुर्गीपालन से सफलता छू रहा ग्राम विकास स्व सहायता समूह,नंदौरखुर्द गौठान में आजीविका गतिविधियों से समूह को हो रही बेहतर आमदनी

सकती-नंदौरखुर्द के गौठान में ग्राम विकास स्व सहायता समूह ने आजीविका गतिविधियों के संचालन से सफलता के आसमान को छू लिया है। समूह की महिलाओं ने वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण करते हुए 1 लाख 84 हजार रूपए लाभांश प्राप्त किया तो वहीं मुर्गीपालन करते हुए आय अर्जित की। इस सफलता का श्रेय समूह की महिलाएं राज्य सरकार की एनजीजीबी योजना एवं गोधन न्याय योजना को दे रही हैं,सक्ती जिले के जनपद पंचायत सक्ती के ग्राम पंचायत नन्दौरखुर्द में समूह की महिलाएं राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के माध्यम से बनाए गए गौठान से जुड़ी और धीरे-धीरे आजीविका गतिविधियों से लाभ कमाने लगी। समूह की महिलाएं बताती हैं कि शुरूआत ऐसी नहीं थी, गांव में मेहनत मजदूरी करते हुए जीवनयापन कर रही थी, परिवार के पालन पोषण में आ रही दिक्कतों को देखते हुए समूह की महिलाएं चिंतित थी, ऐसे में जब गौठान का निर्माण किया गया और गोबर से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की बात उनके सामने आई तो समूह ने एक पल की देरी नहीं की और ग्राम विकास समूह की महिलाएं एकजुट होकर वर्मी कम्पोस्ट निर्माण से जुड़ने के लिए तैयार हो गईं। समूह के कुछ करने की ललक ही उन्हें आगे बढ़ाने के काम आई। समूह की अध्यक्ष श्रीमती कौशल्या देवांगन बताती हैं कि पशुपालकों से 1 लाख 42 हजार 573 किलोग्राम गोबर की खरीदी की गईं, जिसे स्व सहायता समूह ने लेकर वर्मी टैंक में केंचुआ, पानी आदि डालकर अपनी मेहनत से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने लगी। धीरे-धीरे उनकी यह मेहनत रंग लाने लगी, जिसके बाद से समूह ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। समूह ने 47 हजार 80 किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया। इस वर्मी कम्पोस्ट को सोसायटी को बेचकर समूह ने 1 लाख 84 हजार रूपए का लाभांश प्राप्त कर उन्नति के द्वार खोल लिये। इस राशि का समूह की महिलाओं ने उचित खर्च करते हुए परिवार की जरूरतों को पूरा किया। समूह की महिलाएं यहीं नहीं रूकी बल्कि उन्होंने आगे बढ़ने की ठान ली और मुर्गीपालन करते हुए 400 किलोग्राम ब्रायलर मुर्गी का उत्पादन करते हुए 40 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त की। गौठान से समूह आर्थिक रूप से सशक्त बनते हुए स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ रहा हैं,गौठान से न सिर्फ वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है, बल्कि अन्य आजीविका गतिवधियों को करते हुए समूह स्वरोजगार से जुड़ रही हैं। ऐसे ही गौठान में एक समूह जिसका नाम आशीर्वाद स्व सहायता समूह है वे भी जुड़कर गतिविधि की शुरुवात किए। जिसकी अध्यक्ष श्रीमती सरोजनी यादव सहित अन्य समूह की महिलाओं ने अमरूद बाड़ी की शुरूआत की। गौठान के क्षेत्र में मिली जगह में विगत वर्ष अमरूद के 400 पेड़ रोपे गये। लगातार पानी, खाद एवं देखरेख से पेड़ बड़े हो गए और आने वाले समय में इनमें फल भी आ जाएंगे, जिनके विक्रय से समूह की महिलाओं को आमदनी प्राप्त होगी।

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शासन की योजनाओं से सकती जिले में समूह हो रहे समृद्ध
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