पोरथा ग्राम पंचायत में कुछ जनप्रतिनिधियों पर ही लगा विकास में बाधा बनने का आरोप-सरपंच सहित ग्रामीणों ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन, 15 दिनों में कार्रवाई न करने पर कलेक्ट्रेट घेराव की दी चेतावनी, पूरे जिले में पूर्ण शिक्षित गांव के रूप में है पोरथा की पहचान, वर्तमान स्थिति को देख सांसद, विधायक सहित प्रशासन को भी करना चाहिए समन्वय बनाने का प्रयास




पोरथा ग्राम पंचायत में कुछ जनप्रतिनिधियों पर ही लगा विकास में बाधा बनने का आरोप-सरपंच सहित ग्रामीणों ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन, 15 दिनों में कार्रवाई न करने पर कलेक्ट्रेट घेराव की दी चेतावनी, पूरे जिले में पूर्ण शिक्षित गांव के रूप में है पोरथा की पहचान, वर्तमान स्थिति को देख सांसद, विधायक सहित प्रशासन को भी करना चाहिए समन्वय बनाने का प्रयास
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सकती- नवगठित शक्ति जिले के शक्ति विकासखंड की ग्राम पंचायत पोरथा में बड़ा ही अजीबो गरीब मामला देखने को मिल रहा है, तथा एक और जहां पंचायतो में विकास कार्यों के लिए पंच से लेकर सरपंच तक सभी जनप्रतिनिधि एकजुट होकर प्रयास करते हैं, किंतु पोरथा में तो कुछ मामला और ही नजर आता है,पोरथा पंचायत में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जब विकास कार्यों के लिए लाखों रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है, तो वहीं ग्राम पंचायत के ही कुछ असंतुष्ट पंचों द्वारा बैठकों में उपरोक्त विकास कार्यों के लिए शासन से प्राप्त राशि को आहरण न करने का प्रस्ताव पारित किया जा रहा है, जिसके चलते वर्तमान में ग्राम पंचायत पोरथा में निर्माण कार्यों पर लगभग ग्रहण लग गया है, तथा पोरथा जो कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा साल- 2018 में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार में इसे नगर पंचायत बनाने का भी घोषणा की गई थी, किंतु आज इस ग्राम पंचायत में वर्तमान में विकास कार्यों को लेकर जिस तरह से खींचातानी चल रही है, उससे आने वाले समय में विकास कार्यो का क्या होगा यह तो कहना मुश्किल है
किंतु ग्राम पंचायत पोरथा की सरपंच श्रीमती मधु श्याम राठौर सहित अनेको ग्रामीण महिलाओं ने 31 जुलाई 2024 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय शक्ति पहुंचकर करीब 155 ग्रामीणों का हस्ताक्षरयुक्त एक ज्ञापन सौपा है, तथा ज्ञापन में कहा गया है कि ग्राम पंचायत पोरथा के विकास कार्यों में निरंतर बाधा डालने वाले कुछ पंचगणों के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत पद से पृथक करने की कार्रवाई की जाए तथा यदि प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो वे सभी 15 दिन के पश्चात कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव करेंगे, वही इस संबंध में ग्राम पंचायत पोरथा के सरपंच का कहना है कि वर्तमान में ग्राम पंचायत में शासन द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए लाखों रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है, किंतु उपरोक्त स्वीकृत राशि पंचायत में आने के बावजूद आज पर्यंत तक उपरोक्त कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है
तथा इन कार्यों में प्रमुख रूप से कार्यालय जिला पंचायत जांजगीर चाम्पा द्वारा 29 मई 2023 को दी गई स्वीकृति स्वच्छता सेक्टर के अंतर्गत कंचन घर के पीछे नाली निर्माण कार्य ₹2 लाख रुपये, मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना अंतर्गत मुख्य मार्ग से प्राथमिक शाला तक सीसी रोड निर्माण 5 लाख 20 हजार रुपये,निर्मला घाट निर्माण कोतरा नाला से मानव चौहान घर के पास 2 लाख 60 हजार रुपए, मुख्य मार्ग से अस्पताल होते हुए रामचरण सोनी घर की ओर सीसी रोड 5 लाख 20 हजार रुपये शामिल है, साथ ही 6 अक्टूबर 2023 को कार्यालय जनपद पंचायत शक्ति द्वारा ग्राम पंचायत पोरथा में छतदार चबूतरा निर्माण 2 लाख 50 हजार रुपए के लिए कार्यादेश भी जारी कर दिया गया है, किंतु उपरोक्त कार्य भी कुछ पंचगणों की असहमति के चलते प्रारंभ नहीं हो पाया है
तथा ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत पोरथा में कुछ पंच निरंतर पंचायत के कार्यों में बाधा डालने का कार्य कर रहे हैं, तथा इसके चलते सितंबर 2023 में ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग से अस्पताल वाले रोड पर सड़क की जर्जर स्थिति को देखते हुए सड़क पर ही रोपा लगाकर विरोध प्रदर्शन भी किया था, जिसकी जानकारी एवं सूचना प्रशासन एवं तत्कालीन कलेक्टर को भी दी गई थी एवं बार-बार ग्राम पंचायत पोरथा द्वारा पंचायत में विकास कार्यों को लेकर निर्मित इस स्थिति से अवगत कराया जा रहा है, किंतु प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है एवं आने वाले समय में गांव के नागरिक अपनी इन विकास कार्यो संबंधी समस्याओं को लेकर बड़ा जन आंदोलन करेंगे साथ ही कलेक्टर का घेराव भी करेंगे
ज्ञात हो की ग्राम पंचायत पोरथा जिला मुख्यालय शक्ति शहर से लगी हुई एवं वर्तमान में जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय जेठा एवं शक्ति के बीच मुख्य मार्ग पर स्थित एक बड़ी पंचायत है, जहां की आबादी काफी है एवं इस ग्राम पंचायत में निवास करने वाले अनेको नागरिक आज छत्तीसगढ़ शासन सहित केंद्र में भी प्रशासनिक सहित अनेको विभागों में उच्च पदों पर सेवाएं दे रहे हैं,तथा इस ग्राम पंचायत पोरथा को एक पूर्ण शिक्षित गांव के रूप में जाना जाता है, तथा इसके बावजूद ग्राम पंचायत पोरथा में विकास कार्यों को लेकर उत्पन्न हो रही इस स्थिति से कहीं ना कहीं नागरिक बेहद परेशान है, एवं लोगों का कहना है कि आज विकास कार्यों के लिए स्वीकृति करवाने हेतु जनप्रतिनिधियों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है, तथा विकास कार्यों के लिए जहां नेताओं को भी मान- मनोवल करना पड़ता है, तो वही अधिकारियों के समक्ष भी बार-बार समस्याओं को रखने के बाद विकास कार्यों की स्वीकृति मिलती है, तथा विकास कार्यों की स्वीकृति मिलने के बाद इन कार्यों का पंचायत स्तर पर ना हो पाना समझ से परे है
तथा इस संबंध में ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती मधु राठौर का कहना है कि पंचायत के लगभग 10 पंचों द्वारा बहुमत की बात कहते हुए शासन द्वारा स्वीकृत विकास कार्यों को नियम विरुद्ध प्रस्ताव के माध्यम से लगातार अवरुद्ध किया जा रहा है, तथा यह पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 49 में दिए गए कर्तव्यों के विपरीत है, एवं विगत दिनांक 24 जुलाई 2024 को ग्राम पंचायत भवन में जाकर उपरोक्त सभी पंचगणों से यह निवेदन भी किया गया था कि अस्पताल एवं भाटापारा जाने वाले प्रमुख मार्ग जो कि कीचड़ से लबालब है एवं इस मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं जिसके चलते इस अस्पताल में आने वाले मरीजों को दिक्कतें हो रही है अतः उपरोक्त स्वीकृत जनहित के कार्य के प्रस्ताव को पारित कर बनाने हेतु सहमति दें, किंतु इसके बावजूद उपरोक्त पंचगणों द्वारा इस संबंध में कोई सहयोगात्मक रवैया नहीं अपनाया गया है
उल्लेखित हो कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पंचायती राज को और मजबूत बनाते हुए पंचायतो में विकास के अनेकों कार्य किये जा रहे हैं, तथा राज्य सहित केंद्र की भी विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रमुखता के साथ लागू हो रही है, एवं पोरथा पंचायत में अगर यही स्थिति चलती रही तो आने वाले समय में आपसी समन्वय के आभाव में विकास के काम देखने को ही नहीं मिलेंगे तथा यह पंचायत विकसित पंचायत बनने की बजाय कहीं ना कहीं पीछे चली जाएगी एवं ग्राम पंचायत पोरथा की वर्तमान स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि यहां सरपंच सहित पंचगण में आपसी समन्वय के आभाव को देखते हुए क्षेत्र के सांसद, विधायक एवं प्रशासन के भी अधिकारियों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए, तथा किन कारणों से आपसी समन्वय की कमी जनप्रतिनिधियों के बीच में है, इसे गंभीरता से समझते हुए उसका एक ठोस रास्ता निकालना चाहिए,जिससे गांव में विकास के कार्य निर्विवाद गति से हो एवं पूरा गांव खुशहाली की ओर अग्रसर हो, तथा यह बात तो सत्य है कि चाहे शहरी क्षेत्र हो या की ग्रामीण क्षेत्र हो अगर जनप्रतिनिधियों के आपसी विवाद छोटे-छोटे कारणों को लेकर चलते रहेंगे तो निश्चित रूप से इसका खामियाजा वहां की आम जनता को भुगतना पड़ता है, तथा आने वाले महीनो में फिर से छत्तीसगढ़ प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव होने हैं एवं इन चुनाव में फिर से कहीं ना कहीं वर्तमान जनप्रतिनिधियों को भी पंचायत स्तर पर पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य में भाग लेने का अवसर मिलेगा तो कहीं ना कहीं गांव की जनता भी अपने एक सक्रिय एवं योग्य जन प्रतिनिधियों को ही दोबारा अवसर देने की सोचती है, तो कहीं ना कहीं ऐसी खींचतान का खामियाजा जनप्रतिनिधियों को ही भुगतना होगा


