115 वें भजन मेले का हुआ भव्य शुभारंभ- राम के नाम से ही कृतार्थ हो सकता है मानव जीवन,कोई भी जाति, धर्म का व्यक्ति जिसका खानपान और मन शुद्ध हो वह बन सकता है रामनामी- तिहारूराम रामनामी,रामनामी मेले में दूर दूर के गावो से आकर रामनामियो के साथ पूरी रात रहते है आमजन
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति-रामनामी मेला जिसके बारे में शायद सभी लोगो को पता न हो। यह मेला वास्तव में राम भक्तों का एक अनोखा मेला है। जिसमे पौष शुक्ल पक्ष एकादशी से त्रयोदशी तक 3 दिवस इस मेले में रामनामी राम भक्तों द्वारा राम नाम का भजन लगातार किया जाता है। रामनामी मेले के दौरान ये रामभक्त राम राम जैतखाम चबूतरे में पूरे दिन और रात रहते है और राम भजन करते है, जो किसी तप से कम नहीं। वर्तमान कलयुग के समय में भी इस तरह से रामनामी होना और पूरे सद्भाव, सदविचार, शाकाहार के साथ बिना किसी बुराई के इस तरह का सद्भावपूर्ण मेला आयोजित होना वास्तव में आज के परिवेश में अनुकरणीय है। वास्तव में यह रामनामी प्रभु श्री राम के सच्चे भक्त है, रामनामी मेले में आए तिहारूराम रामनामी ने बताया कि राम के नाम से ही मानव जीवन कृतार्थ हो सकता है। रामनामी समाज में किसी भी प्रकार के जाति, धर्म, लिंग का भेद नहीं है। कोई भी व्यक्ति जिसका खान पान शुद्ध हो, जिसके मन में सद्भाव हो, सद्विचार हो, जो शराब आदि किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन न करता हो और जिसका मन शुद्ध हो वह जरूर रामनामी बन सकता है। चाहे वह किसी भी जाति, धर्म का हो
प्रत्येक वर्ष महानदी के दोनो पार बारी बारी से आयोजित होने वाले रामनामी मेले में दूर दूर के गावो से आकर आमजन रामनामियो के साथ पूरी रात रहते है और शांतिपूर्वक रामनामी मेले में शामिल होते है, ऐतिहासिक रामनामी बड़े भजन मेला का शुभारंभ 21 जनवरी को पूरे जैजैपुर नगर की प्रमुख गलियों में भव्य कलश यात्रा निकाल कर की गई। जिसमे क्षेत्र के कुंवारी लड़कियों सहित अन्य इच्छुक लोग उत्साह पूर्वक शामिल हुए। सक्ती जिले में 115वां बड़े भजन मेला का शुभारंभ हुआ है। जिसे लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल है और दूर दूर से ग्रामीण आकर इस मेले में शामिल हो रहे है। सक्ती जिले में आयोजित रामनामी बड़े भजन मेला का 23 जनवरी को भंडारा और अगले वर्ष भजन मेला स्थल के घोषणा के साथ समापन किया जाएगा