आरकेएम पावर प्लांट के कर्मचारियों द्वारा किसान के खेतों में लगे पेड़ों को काटे जाने की शिकायत करी किसान बुद्धेश्वर पटेल ने, पटेल ने कहा- मामला एसडीएम कोर्ट डभरा में है लंबित, फिर भी प्लांट के अधिकारी कर्मचारी कर रहे तानाशाही



आरकेएम पावर प्लांट के कर्मचारियों द्वारा किसान के खेतों में लगे पेड़ों को काटे जाने की शिकायत करी किसान बुद्धेश्वर पटेल ने, पटेल ने कहा- मामला एसडीएम कोर्ट डभरा में है लंबित, फिर भी प्लांट के अधिकारी कर्मचारी कर रहे तानाशाही
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती- छत्तीसगढ़ प्रदेश के अविभाजित जांजगीर चांपा जिले के समय चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत डभरा विकासखंड में अनेकों औद्योगिक इकाइयां शासन की औद्योगिक शर्तों के तहत स्थापित की गई तथा इन्हीं में से एक डभरा विकासखंड के उच्चपिंडा में स्थापित आरकेएम पावर प्लांट है,जहां क्षेत्र के किसानों ने इस औद्योगिक इकाई के लगने के समय अपना पूर्ण रूप से सहयोग देते हुए इस यूनिट की स्थापना करवाई, किंतु सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्लांट प्रबंधन द्वारा प्लांट लगाते समय किसानों से किए गए वायदों को धीरे-धीरे प्रबंधन ने अनदेखी करते हुए अपने किए हुए करार का उल्लंघन करना चालू कर दिया, जिसके चलते अनेकों लोग इसके शिकार बताए जाते हैं, इसी में से एक डभरा विकासखंड के ग्राम कोमो का निवासी 41 वर्षीय बुद्धेश्वर पटेल पिता ओशराम पटेल है जिसने बताया कि जब प्लांट लग रहा था तो उसकी भी जमीन उस क्षेत्र में आई तथा प्लांट प्रबंधन ने शुरू में तो उसको नौकरी में रखा, किंतु 2 साल बाद नौकरी से निकाल दिया तथा आज वह दर-दर की ठोकरे खा रहा है, तथा उसने अपनी जमीन पर सागौन,निलगिरी एवं अर्जुन के पौधे भी लगाए थे एवं बुद्धेश्वर पटेल द्वारा साल 2022 में ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय डभरा में उपरोक्त शिकायत कर मामला दर्ज करवाया था एवं आज दिनांक तक बुद्धेश्वर पटेल से मिली जानकारी के अनुसार उपरोक्त मामला लंबित है, तथा उसके बावजूद RKM पावर प्लांट के कुछ अधिकारी- कर्मचारियों द्वारा उनकी जमीन पर लगे इन पेड़ों को काटने की तैयारी की जा रही है तथा बुद्धेश्वर पटेल के अनुसार उपरोक्त मामले को लेकर वह काफी परेशान है एवं जिस तरह से पावर प्लांट प्रबंधन के लोग तानाशाही कर रहे हैं इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए एवं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए, ज्ञात हो की क्षेत्र में बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित कर दी गई है, किंतु जब उद्योग लगते हैं तब नियम शर्तों की बात होती है, तथा बाद में उद्योग लगने के बाद नियम शर्तों का पूर्ण रूप से उल्लंघन करते ऐसे उद्योगों को देखा जाता है,किंतु शासन का भी ऐसे उद्योगों पर दबाव नहीं होने के चलते ये अनियंत्रित हो चले हैं, जिससे आम जनता परेशान हो गई है