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कांग्रेसियों का भाजपा प्रवेश- आखिर में छलक ही गई महंत जी का पीड़ा-नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा- भाजपा पूरे प्रदेश में कांग्रेस के जन प्रतिनिधियों पर भाजपा में आने बना रही दबाव, स्वस्थ लोकतंत्र पर हो रहा कुठाराघात, (यह तो राजनीति है भैय्या जी, यहां सब चलता है)

कांग्रेसियों का भाजपा प्रवेश- आखिर में छलक ही गई महंत जी का पीड़ा-नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा- भाजपा पूरे प्रदेश में कांग्रेस के जन प्रतिनिधियों पर भाजपा में आने बना रही दबाव, स्वस्थ लोकतंत्र पर हो रहा कुठाराघात, (यह तो राजनीति है भैय्या जी, यहां सब चलता है) kshititech
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं शक्ति के विधायक डॉक्टर चरण दास महंत
कांग्रेसियों का भाजपा प्रवेश- आखिर में छलक ही गई महंत जी का पीड़ा-नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा- भाजपा पूरे प्रदेश में कांग्रेस के जन प्रतिनिधियों पर भाजपा में आने बना रही दबाव, स्वस्थ लोकतंत्र पर हो रहा कुठाराघात, (यह तो राजनीति है भैय्या जी, यहां सब चलता है) kshititech
तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार में भाजपाइयों का शक्ति विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रवेश
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तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार में भाजपाइयों का शक्ति विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रवेश

कांग्रेसियों का भाजपा प्रवेश- आखिर में छलक ही गई महंत जी का पीड़ा-नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा- भाजपा पूरे प्रदेश में कांग्रेस के जन प्रतिनिधियों पर भाजपा में आने बना रही दबाव, स्वस्थ लोकतंत्र पर हो रहा कुठाराघात

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति-छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत के गृह जिले शक्ति से एवं उनके स्वयं के विधानसभा क्षेत्र शक्ति के मुख्यालय शक्ति से जनपद पंचायत के अध्यक्ष राजेश राठौर सहित कुछ कांग्रेसियों के विगत दिनों भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश का दर्द आखिरकार महंत जी का छलक ही पड़ा, नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा हमारे क्षेत्र नहीं अपितु पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के जनपद सदस्य, जनपद अध्यक्ष, नगर पालिका के सदस्य एवं महापौरो पर दबाव बनाकर उन्हें कांग्रेस से भाजपा में लाने का काम कर रही है, तथा भारतीय जनता पार्टी ऐसा काम करके स्वस्थ लोकतंत्र पर कुठाराघात कर रही है, एवं भाजपा ने पूरे देश में जो 400 सीटों का हल्ला मचा रखा है, ऐसा कुछ नहीं है तथा भाजपा का यह हल्ला केवल सपना बनकर रह जाएगा

नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर कांग्रेस पार्टी जीत दर्ज करेगी एवं आने वाले समय में प्रदेश की जनता कांग्रेस पार्टी को अपना आशीर्वाद देगी, ज्ञात हो कि विगत दिनों प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के शक्ति प्रवास के दौरान जनपद पंचायत शक्ति के कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष राजेश राठौर ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था, साथ ही नेता प्रतिपक्ष महंत के गृह जिले शक्ति से भी काफी संख्या में कांग्रेसी भाजपा प्रवेश कर रहे हैं, एवं महंत जी की पीड़ा यह जायज भी है, क्योंकि आज विगत विधानसभा चुनाव में जांजगीर चांपा लोकसभा क्षेत्र की आठो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस पार्टी के विधायक की जीत के पीछे कहीं ना कहीं महंत जी के प्रभाव की बात कही जाती है, तथा उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में मची राजनैतिक उठा पटक के बावजूद अपने प्रभाव को बनाए रखा,जिसका परिणाम विधानसभा चुनाव 2023 के संपन्न होने के बाद उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाकर कांग्रेस पार्टी ने उन्हें तोहफा दिया, किंतु अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही जिस तरह से कांग्रेस पार्टी के लोग भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश कर रहे हैं उससे कहीं ना कहीं नेता प्रतिपक्ष की जवाबदारी भी ज्यादा बढ़ जाती है,किंतु अब देखना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस पार्टी इन बदलती राजनैतिक परिस्थितियों के बीच कैसे अपने जनप्रतिनिधियों को विश्वास में रख पाती है, तथा वही नेता प्रतिपक्ष महंत के गृह विधानसभा मुख्यालय शक्ति की बात करें तो विगत महीनो कांग्रेस पार्टी के ही कुछ स्थानीय बड़े शहरी क्षेत्र के नेताओं की भी भाजपा प्रवेश की बात कही जा रही थी, किंतु नेता प्रतिपक्ष महंत के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बाद कहीं ना कहीं इन शहरी क्षेत्र के नेताओं के भाजपा प्रवेश की अटकलो पर विराम लग पाया,किंतु दूसरी तरफ देखा जाए तो यह तो राजनीति का आज उसूल हो गया है कि प्रदेश में जिस पार्टी की सत्ता होती है, लोगों का आकर्षण कहीं ना कहीं उधर ही रहता है, प्रदेश में जब साल 2018 के बाद भूपेश बघेल की सरकार थी तब कहीं ना कहीं भाजपा समर्थित जन प्रतिनिधियों ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में प्रवेश किया, तथा शक्ति के ही शहर की बात करें तो नगर पालिका शक्ति के पूर्व अध्यक्ष रहे,पूर्व भाजपा मंडल महामंत्री एवं भाजपा के दिग्गज नेता के रूप में पहचान रखने वाले नरेश गेवाडीन एवं उनकी धर्मपत्नी जो कि नगर पालिका शक्ति की पार्षद भी थी उन्होंने भी ठीक नगर पालिका चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष महंत जी के कार्यो से प्रभावित होकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था, तथा नरेश गेवाडीन आज कांग्रेस पार्टी के जिला संगठन में शीर्ष नेतृत्व पर पहुंच चुके हैं,तथा कांग्रेस ने उन्हें जिला कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंप दी

तथा नेता प्रतिपक्ष महंत जी ने जो विगत दिनों कांग्रेसियों के भाजपा प्रवेश पर जो अपना बयान दिया है उस कार्य तो को तो कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी सत्ता रहते किया है, ऐसा राजनैतिक सूत्रों का मानना है,तथा राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि जब छत्तीसगढ़ प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता थी एवं नगर पालिका शक्ति के चुनाव हो रहे थे तब भारतीय जनता पार्टी ने भाजपा समर्थित वार्ड नं 17 की पार्षद श्रीमती रीना गेवाडीन को अपना प्रत्याशी घोषित किया था, किंतु श्रीमती रीना के गेवाडीन को अध्यक्ष चुनाव में नामांकन फॉर्म न भरने तत्कालीन अविभाजित जांजगीर-चांपा जिले के प्रभारी मंत्री एवं छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने शहर के एक उद्योगपति एवं कांग्रेस संगठन से जुड़े पदाधिकारी के निवास पर बुलाकर उनके पति पर कहीं ना कहीं दबाव बनाया, जिसके चलते ऐसा सूत्रों का कहना है कि रीना गेवाडीन ने भाजपा से अध्यक्ष पद हेतु नामांकन दाखिल करने से भी मना कर दिया था, तथा रीना के नामांकन दाखिल करने से मना करने के बाद भाजपा ने आनन-फानन में शहर के सफेद महल की राजकुमारी वार्ड नं 03 की पार्षद सुश्री सिद्धेश्वरी सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया तथा बाद में भारतीय जनता पार्टी ने नगर पालिका चुनाव में उत्पन्न हुई इन परिस्थितियों को देखते हुए नरेश गेवाडीन एवं उनकी धर्म पत्नी श्रीमती रीना गेवाडीन पर अनुशासन आत्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था

तो आखिरकार राजनीति में तो यह सब चलता ही रहता है, तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखा जाए तो जब सट्टा बदलती है, तब ग्रामीण क्षेत्र के भी सरपंच, जनपद सदस्य, समय के हिसाब से चलते नजर आते हैं,तथा उन्हें तो ऐसा लगता है कि जिस पार्टी की प्रदेश में सत्ता है हमें उन्हीं के साथ चलना है, की तर्ज पर वे साथ देते नजर आते हैं, नेता प्रतिपक्ष महंत जी के गृह क्षेत्र में ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार की बात करें तो शक्ति विकासखंड के काफी संख्या में भाजपा समर्थित सरपंचों ने भी कांग्रेस का दामन थामा था, तथा ग्रामीण जनप्रतिनिधियों की तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार में कांग्रेस प्रवेश होड़ मची हुई थी

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