

नाबालिक किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा,फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवंत सारथी का निर्णय, विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने करी पैरवी
सक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल किख़बर
शक्ति- फास्ट ट्रैक कोर्ट शक्ति के विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध दोष सिद्ध पाए जाने पर 20 वर्षीय आरोपी को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है। विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने बताया कि 16 वर्ष 7 माह 21 की नाबालिक अभियोक्त्री जो कक्षा ग्यारहवीं पढ़ रही थी को घटना दिवस को उसके पिता मोटरसाइकिल से सवेरे 11:00 बजे पढ़ाई करने के लिए स्कूल में छोड़ा था तथा स्कूल की छुट्टी होने के पश्चात 4:00 बजे उसे लेने के लिए गया था तो नाबालिक अभियोक्त्री स्कूल में नहीं थी, उसके पिता ने आसपास पता तलाश किया किंतु उसकी कोई पता नहीं चलने पर अभियुक्त के विरुद्ध नाबालिक पीड़िता के पिता ने शंका जताते हुए उसकी नाबालिक पुत्री को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराया गया । विवेचना के दौरान नाबालिक पीड़िता को अभियुक्त से बरामद किया गया एवं उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के खिलाफ धारा 363 ,366 ,376 की उप धारा – दो (ढ) भारतीय दंड संहिता एवं धारा 06 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय एफ टी एस सी शक्ति में पेश किया गया था,विशेष न्यायाधीश शक्ति ने उभय पक्षों को पर्याप्त समय अपने पक्ष रखने के लिए देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया। अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे प्रमाणित कर दिए जाने से अभियुक्त अजय कुमार कुर्रे पिता सेवक राम कुर्रे उम्र 20 वर्ष थाना बाराद्वार जिला शक्ति को विशेष न्यायाधीश यशवंत कुमार सारथी द्वारा सिद्ध दोष पाए जाने पर दोष सिद्ध घोषित किया गया तथा अभियुक्त को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 06 के अपराध के लिए 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹ 10,000 के अर्थदंड से एवं धारा 363 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड तथा धारा 366 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है ।अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया