देश भर में किसानों को खेती से अलग करने की साजिश रच उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही केंद्र की मोदी सरकार, मोदी सरकार पर बरसे अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड शिवसागर,चाम्पा में आयोजित थी छत्तीसगढ़ के किसानों की सभा, कॉमरेड अनिल शर्मा भी पहुंचे बैठक में, हसदेव अरण्य को लेकर भी आक्रोशित दिखे किसान साथी



देशभर में किसानों को खेती से अलग करने की साजिश रच उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही केंद्र की मोदी सरकार, मोदी सरकार पर बरसे अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड शिवसागर,चाम्पा में आयोजित थी छत्तीसगढ़ के किसानों की सभा, कॉमरेड अनिल शर्मा भी पहुंचे बैठक में
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- देश के किसानों को खेती से अलग करने की साजिश कर किसानों के जल जंगल जमीन और खेती को अपने कॉरपोरेट्स मित्रों (औधोगिक घरानों) को लुटवाने की जुगत मे लगी और 16 लाख करोड़ रुपयों से अधिक का कर्जा उधोगपतियों का माफ करने वाली केंद्र की सरकार को देश भर के समस्त किसानों के पूर्ण कर्जा जो कुछ लाख करोड़ रुपए है उसे माफ करना चाहिए। उक्त बातें अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड राजन शिवसागर ने अखिल भारतीय किसान सभा के छत्तीसगढ़ स्तरीय चांपा में हुये किसानों की बैठक में कही,अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड राजन शिवसागर ने उपस्थित छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों से आये किसान साथियों से परिचय लेते हुए विस्तार से साथियों के वक्तव्य को सुना और गंभीरता से किसानों से जुड़े मुद्दों पर बात किया उपस्थित साथियों ने अपने-अपने जिले की समस्याओं को बैठक में रखा। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सबकी बातों को सुनने के बाद में किसानों से जुड़े मुद्दों पर देश भर में चल रहे विभिन्न आंदोलनों पर विस्तार से प्रकाश डाला। अखिल भारतीय किसान सभा का निर्माण 1936 से आज तक के किसान हित में किये गये संघर्षों और योगदान को संक्षिप्त में बताया। वर्तमान में देश में चल रहे राजनितिक घटनाक्रमों का किसानो पर पड़ने वालें प्रभावों पर ध्यान आकर्षित किया
साथ ही राजन ने बताया कि पिछले समस्त सरकारों की तुलना में वर्तमान की नरेंद्र मोदी सरकार सबसे ज्यादा किसान विरोधी कार्यों और षड्यंत्रों में संलिप्त रही है। इस सरकार ने किसानों को बर्बाद करने वाले 03 काले कानून लाये जिसे रोकने के लिये देशभर के किसान संगठनों ने जिस में मुख्य राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और यूपी के किसानों ने आन्दोलन चला कर मोदी सरकार को घुटने पर लाया इस आन्दोलन में हमारे संगठन AIKS की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने बताया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश कमेटी में AIKS के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्व. कामरेड अतुल कुमार अंजान ने किसानों के पक्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिस तरह उधोगपतियों के प्रोडक्ट पर MRP होता है उसी तरह किसानों के समस्त उत्पाद परMSP (न्यूनत्तम समर्थन मुल्य) की गारंटी होना चाहिए। जिस तरह केन्द्र सरकार ने अपने मित्र उद्यो गपतियों के 16 लाख करोड़ रुपयों से अधिक का कर्जा माफ किया उसी तरह देश भर के समस्त किसानों के पूर्ण कर्जा कुछ लाख करोड़ रुपये है उसे माफ करना चाहिए जिसके लिए AIKS देश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाकर कर्जा माफी की मांग करेगी और कृषि उत्पादन के साधनों पर लगने वाले टेक्स को फ्री करने की भी मांग करेगी,उन्होंने बताया कि मोदी सरकार देश के किसानों को खेती से अलग करने की साजिश कर किसानों की जल, जंगल, जमीन और खेती को अपने कॉरपोरेट्स मित्रों को दे कर लुटवा रही है। मोदी सरकार देश की राष्ट्रपति और छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री आदिवासी चेहरा बनाकर आदिवासीयों को ही लुटने का षड़यंत्र कर रही है। छत्तीसगढ़ की हसदेव अरण्य क्षेत्र की लाखों-लाख हरे भरे पेड़ों को काटकर अपने मित्र अढ़ानी समूह को कोयले की खदान देकर हसदेव नदी का स्वरुप को बिगाड़ने जा रही है यह विकास नही विनाश है और लूटतंत्र की खुली छूट है
छत्तीसगढ़ स्तरीय किसान सभा के इस बैठक मे मध्यप्रदेश से आए किसान सभा के साथी जनक राठौर सहित कामरेड अनिल शर्मा, सत्यनारायन कमलेश, केराराम मन्नेवार, बजरंग पटेल, निसार अली ने भी अपने विचार रखे तथा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलो से आए साथियो ने अपने जिलो का रिपोर्ट पेश किया। बैठक की शुरुआत मे अखिल भारतीय किसान सभा के दिवंगत साथी अतुल अंजान को श्रद्धांजलि दी गयी साथ ही 22 दिसंबर 2024 दिन रविवार को छत्तीसगढ़ स्तरीय राज्य सम्मेलन कराने के लिए 11 सदस्यी समिति का गठन किया गया,बैठक में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों ले आए साथी कामरेड अनिल शर्मा, संतुदास महंत, सत्य नारायण कमलेश, मुकेश बोहरा, केराराम मन्नेवार, निसार अली, इन्द्रसेन सिंह ठाकुर, राजकुमार कौशिक, बसंत कुमार साहू, देवेन्द्र खांडेकर, बजरंग पटेल, बिहारी लाल कर्ष, रामासिंह गोंड, कन्हैया सिंह गोंड़, घासीराम गोंड़, धनीराम गोंड़, मनोहर सिंह कहरा, तिरिथ राम पटेल, बालाजी साहू, श्याम बिहारी बनाफर, कमलेश चौहान, राममूति दुबे, आनंद सिंह कंवर, केडी महंत, कैलाश पटेल, मनमोहनदास मानिकपुरी, रघुनन्दन साहू, ताराचंद साहू, चैतराम वारे, लकेश्वर चौहान, लखन राठौर, रामप्रसाद सिदार, हरि साहू, दशरथ केंवट, सुखसिंह इत्यादि साथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही