मोक्षदा एकादशी- 1 दिसंबर को भगवत गीता के प्राकट्य दिवस दिवस पर सुप्रसिद्ध भागवत कथा आचार्य राजेंद्र जी महाराज के मुखारविंद से, आचार्य जी ने कहा- हमें समाज के लोगों को भगवत गीता जैसे महान ग्रंथो का करना चाहिए वितरण


मोक्षदा एकादशी- 1 दिसंबर को भगवत गीता के प्राकट्य दिवस दिवस पर सुप्रसिद्ध भागवत कथा आचार्य राजेंद्र जी महाराज के मुखारविंद से
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती-मार्गशीर्ष माह शुक्ल पक्ष की एकादशी अर्थात मोक्षदा एकादशी, आज 1 दिसंबर की पावन तिथि को ही हमारे सनातन और भारतीय । हिंदू जीवन पद्धति। की आस्था का प्रतीक भगवत गीता का प्राकट्य हुआ है,भगवत गीता प्राकट्य के संबंध में आचार्य राजेंद्र जी महाराज टेमर वाले ने बताया कि द्वापर युग में कौरवों । और पांडवों के बीच कुरुक्षेत्र धर्म भूमि में भयंकर युद्ध के अवसर पर संदेहग्रस्त अर्जुन को भगवान ने। सांख्य योग कर्मयोग और भक्ति की महिमा का उपदेश दिया था । भगवत गीता के 700 श्लोक । भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से प्रकट हुआ है अर्थात भागवत गीता भगवान श्री कृष्ण की वाणी है
व्यास जी महाराज ने इन श्लोक को संकलित कर भगवत गीता के रूप में हमें वरदान स्वरुप प्रदान किया,भगवत गीता अनुपमेय शास्त्र है । यह ज्ञान का अपार भंडार है । वराह पुराण में भगवान ने कहा है कि मैं गीता के आश्रय में ही रहता हूं गीता ही मेरा श्रेष्ठ घर है और इसी का आश्रय लेकर मैं तीनों लोकों का पालन भी करता हूं,भगवत गीता का मुख्य तात्पर्य अनादि काल से । अज्ञानवास संसार सागर में पड़े हुए जीवो को परमात्मा की प्राप्ति कराना है । यद्यपि गीता में जी पद्धति का निरूपण किया गया है वह सर्वथा भारतीय और ऋषि सेवित है । भगवत गीता का उपदेश समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए है यह किसी विशेष वर्ग अथवा । आश्रम के लिए नहीं,भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश देते हुए अलग-अलग श्लोक में मानवः , देही , नर.देहभृत । आदि शब्दों का प्रयोग कर मनुष्य मात्र को इसका अधिकारी बनाया है
भगवत गीता के प्राकट्य । दिवस एवं मुख्ता एकादशी को सभी सनातनियों को एवं आस्थावान लोगों को भगवत गीता का पाठ सामूहिक रूप से मंदिरों में अथवा अपने घरों में करना ही चाहिए l। संस्थाओं को अपने द्वारा समाज के लोगों को भगवत गीता साहित्य वितरण भी करते हुए उसका महत्व बताना होगा l। आचार्य राजेंद्र महाराज ने आग्रह किया कि जिस प्रकार हम एक दिन में सैकड़ो बार अपना मोबाइल खोल कर देखते हैं तो भगवत गीता । और रामचरितमानस रामायण जैसे ग्रंथ को भी खोलकर अपने ही परिवार में पाठ एवं स्वाध्याय करना चाहिए l


