कांग्रेस में दिखाई नेताओं को उनकी औकात-सत्ता रहते राज करो, सरकार गई तो आरोप लगाओ, 14 दिसंबर को कांग्रेस ने किया दो पूर्व विधायकों को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित, और भी दिग्गज नेताओं पर चलेगा अनुशासन का डंडा
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री संगठन एवं प्रशासनिक मलकीत सिंह बैदू ने 14 दिसंबर 2023 को एक आदेश जारी कर बलरामपुर के पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह एवं मनैनद्रगढ़ के पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल को पार्टी संगठन के खिलाफ बयान बाजी एवं अनुशासनहीनता के चलते कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है, उपरोक्त दोनों नेताओं ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ खुलकर बयान बाजी की थी तथा आरोप भी लगाए थे
ज्ञात हो की छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद जहां नेताओं की बयानबाजियो का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है, तो वहीं 5 सालों तक सत्ता में रहकर मलाई खाने वाले नेता अब अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं को एवं संगठन को दोषी ठहरा रहे हैं, तथा जब वे सत्ता में रहते मलाई खा रहे थे एवं सत्ता का सुख भोग रहे थे तब उन्हें अपने परिवार की कमियां नजर नहीं आई, किंतु सत्ता हाथ से फिसलती ही ऐसा आखिरकार क्या हो गया कि उन्हें अपना पूरा कांग्रेस संगठन परिवार ही खराब लगने लगा,किंतु कांग्रेस पार्टी ने भी ऐसे दोनों पूर्व विधायकों के खिलाफ कार्रवाई कर बहुत ही अच्छा संदेश दिया है, तथा ऐसे नेताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे आने वाले समय में राजनीतिक दलों में एक मर्यादा बनी रहे
तथा राजनैतिक दल चाहे कोई भी हो, आज सभी राजनैतिक दलों में यही स्थिति बनी हुई है एवं नेता जब सरकार चली जाती है तब सार्वजनिक रूप से बयानबाजी करते हैं, एवं सरकार रहते हुए चुपचाप सत्ता का सुख भोंगते हैं वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद और भी ऐसे बड़े नेता संगठन की रडार में है जिन्होंने खुलकर बयान बाजी करी है, किंतु यह बात भी सत्य है कि राजनीतिक दलों के शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं को भी जब टिकट की बारी आती है या की किसी संगठन में जिम्मेदारी देने की बात आती है तब उन्हें निष्ठावान एवं योग्य कार्यकर्ता नहीं दिखते उस समय जो लोग चापलूसी करते हैं एवं जो चमचागिरी करते हैं उन्हें तत्काल पद दे दिया जाता है, तथा ऐसे लोग पद पाने के बाद अपनी पार्टी का भला करने की बजाय अपनी स्वार्थ पूर्ति में लगे रहते हैं, किंतु राजनैतिक दलों को ऐसी घटनाओं के बावजूद न जाने क्यों समझ में नहीं आता तथा फिर जब भी चुनाव होंगे ऐसे चापलूस लोगों को ही टिकट मिल जाएगी