छत्तीसगढ़धार्मिकरायपुरसक्तीसामाजिक

महंत जी का धर्म प्रेम–बाराद्वार में चल रही बालदिया परिवार की श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष महंत, कथा वाचक अनुराग कृष्ण कन्हैया जी से लिया आशीर्वाद,शाल-श्रीफल से किया उनका स्वागत

<em>महंत जी का धर्म प्रेम--बाराद्वार में चल रही बालदिया परिवार की श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष महंत, कथा वाचक अनुराग कृष्ण कन्हैया जी से लिया आशीर्वाद,शाल-श्रीफल से किया उनका स्वागत</em> Console Corptech
बाराद्वार में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य पंडाल
<em>महंत जी का धर्म प्रेम--बाराद्वार में चल रही बालदिया परिवार की श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष महंत, कथा वाचक अनुराग कृष्ण कन्हैया जी से लिया आशीर्वाद,शाल-श्रीफल से किया उनका स्वागत</em> Console Corptech
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत
<em>महंत जी का धर्म प्रेम--बाराद्वार में चल रही बालदिया परिवार की श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष महंत, कथा वाचक अनुराग कृष्ण कन्हैया जी से लिया आशीर्वाद,शाल-श्रीफल से किया उनका स्वागत</em> Console Corptech
श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने पहुंचे महंत

महंत जी का धर्म प्रेम–बाराद्वार में चल रही बालदिया परिवार की श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष महंत, कथा वाचक अनुराग कृष्ण कन्हैया जी से लिया आशीर्वाद,शाल-श्रीफल से किया उनका स्वागत

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति-20 सितंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत बाराद्वार में भागवत कथा श्रवण करने पहुंचे,बाराव्दार नगर में बालंदिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरणदास महंत कथा श्रवण करने पहुंचे, जहां उन्होंने ब्यास पीठ कथा वाचक अनुराग कृष्ण शास्त्री का शाल- श्रीफल भेंटकर कथा श्रवण कर पुण्य का लाभ लिया, कथा वाचक अनुराग शास्त्री ने तीसरे दिन स्वयंभू मनु शतरूपा जड़ भरत सती चरित्र ध्रुव चरित्र प्रहलाद चरित्र हिरण्यकश्यप भगवान श्री विष्णु को अपना शत्रु मानकर धरती से भगवान विष्णु की शक्ति सनातन को ही नष्ट कर देना चाहता था

देवहूति कर्दम जी के प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया गया कि गृहस्थ जीवन में सत्संग से ही घर मंदिर बनता है, मनुष्य की पांच कर्मेंद्रियां और उसकी पांच ज्ञानेंद्रिय इस गृहस्थ रूपी वहां के 10 घोड़े हैं , जिनके रास को भगवान बांके बिहारी को सौंप देने से गृहस्थ सुखपूर्वक चलने लगती है ,आचार्य ने सती प्रसंग के बारे में बताया भगवान शिव की पत्नी सती के मन में बड़ी आशा और उम्मीद थी कि मेरे मायके में मेरा बड़ा सम्मान होगा और पति का त्याग कर मायके चली गई जहां अपने पति भगवान शिव का अपमान देखकर क्रोध करते हुए अग्नि कुंड में समा गई आचार्य ने ने हिरण्यकश्यप भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए कहा की हरजगह भगवान विराजमान है तभी तो खंबे से भगवान प्रकट होकर भक्त प्रहलाद की जान बचाई और हिरण्यकश्यप का वध किया इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि गुलजार सिंह ठाकुर, जिला अध्यक्ष त्रिलोकचंद जायसवाल, जिला कोषाध्यक्ष अध्यक्ष नरेश गेवाडीन, विजय सूर्यवंशी, रेशमा विजय सूर्यवंशी, डी आर यादव, मंडी अध्यक्ष रूपनारायण साहू, प्रेस क्लब अध्यक्ष सुनील जिंदल, रामअवतार अग्रवाल, प्रकाश अग्रवाल कैलाश बंसल नारायण बंसल मुकेश बंसल गजाननबंसल अजय बंसल सहित कथा श्रवण करने सैकड़ो की संख्या कथा श्रवण करने भक्तगण श्रोता उपस्थित थे

प्रातिक्रिया दे

Back to top button