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भोजली विसर्जन–सकरेली कला में हर्षोल्लास से हुआ भोजली उत्सव का कार्यक्रम,देवी गंगा के सुमधुर गीत के साथ भोजली को दी गई बिदाई, कृषि अधिकारी रोशन पटेल हुए अतिथि के रूप में शामिल,रोशन ने कहा-भोजली छत्तीसगढ़ की जनता की आस्था का महापर्व

<em>भोजली विसर्जन--सकरेली कला में हर्षोल्लास से हुआ भोजली उत्सव का कार्यक्रम,देवी गंगा के सुमधुर गीत के साथ भोजली को दी गई बिदाई, कृषि अधिकारी रोशन पटेल हुए अतिथि के रूप में शामिल</em>,रोशन ने कहा-भोजली छत्तीसगढ़ की जनता की आस्था का महापर्व kshititech
सकरेली में आयोजित भोजली विसर्जन में शामिल कृषि अधिकारी रोशन पटेल
<em>भोजली विसर्जन--सकरेली कला में हर्षोल्लास से हुआ भोजली उत्सव का कार्यक्रम,देवी गंगा के सुमधुर गीत के साथ भोजली को दी गई बिदाई, कृषि अधिकारी रोशन पटेल हुए अतिथि के रूप में शामिल</em>,रोशन ने कहा-भोजली छत्तीसगढ़ की जनता की आस्था का महापर्व kshititech
सकरेली में आयोजित भोजली विसर्जन में शामिल कृषि अधिकारी रोशन पटेल
<em>भोजली विसर्जन--सकरेली कला में हर्षोल्लास से हुआ भोजली उत्सव का कार्यक्रम,देवी गंगा के सुमधुर गीत के साथ भोजली को दी गई बिदाई, कृषि अधिकारी रोशन पटेल हुए अतिथि के रूप में शामिल</em>,रोशन ने कहा-भोजली छत्तीसगढ़ की जनता की आस्था का महापर्व kshititech
सकरेली में आयोजित भोजली विसर्जन

भोजली विसर्जन–सकरेली कला में हर्षोल्लास से हुआ भोजली उत्सव का कार्यक्रम,देवी गंगा के सुमधुर गीत के साथ भोजली को दी गई बिदाई, कृषि अधिकारी रोशन पटेल हुए अतिथि के रूप में शामिल

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ति- शक्ति विकासखंड में शक्ति शहर से लगे आदर्श समीपस्थ ग्राम सकरेली कला में 31 अगस्त को भोजली विसर्जन किया गया, विगत कई वर्षों से गांव में पारम्परिक रूप से भोजली उत्सव मनाया जा रहा है,भोजली विसर्जन में गांव के महिलाएं, बच्चे, बूढ़े सभी ने हर्षोल्लास के साथ भाग लिया। महिलाएं पारम्परिक वेशभूषा में देवी गंगा देवी गंगा,लहर तुरंगा गीत गाकर उत्सव में शामिल हुए,सांय तालाब में भोजली विसर्जन किया गया। भोजली थाल आकर्षक ढंग से सजाया गया था। ऐसे ही 21 प्रतिभागी को बेहतरीन साथ सज्जा के लिए पुरस्कृत किया गया

सकरेली कला में आयोजित पारंपरिक भोजली उत्सव कार्यक्रम में ग्राम के सरपंच, पंच सहित रोशन लाल पटेल कृषि विभाग, डमरूधर साहू, यशंवत साहू, रामानुज साहूकमलेश पटेल, गंगाराम,भगत राम सहित गांव की महिलाएं उपस्थित रहे। आज भी गांवों में एक दूसरे के कान में भोजली डालकर जीवन भर मित्रता निभाने का कसमें खाते हैं,सौहार्द, और भाईचारा के साथ भोजली उत्सव हमें एक सूत्र में बंधे रहने का देता है,

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