9 नवंबर को बिलासपुर में प्रारंभ हुआ अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन प्रथम दिवस, उत्कृष्ट कार्यकर्ताओं का हुआ सेवा सम्मान, तो वहीं 10 नवंबर को भी जारी रहेगा अधिवेशन, परिषद के संगठन को मजबूत बनाने हुए अनेकों निर्णय, देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे सैकड़ो सदस्य, छत्तीसगढ़ शासन से सम्मानित राजेंद्र राजू का भी परिषद ने किया सम्मान


9 नवंबर को बिलासपुर में प्रारंभ हुआ अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन प्रथम दिवस, उत्कृष्ट कार्यकर्ताओं का हुआ सेवा सम्मान, तो वहीं 10 नवंबर को भी जारी रहेगा अधिवेशन, परिषद के संगठन को मजबूत बनाने हुए अनेकों निर्णय, देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे सैकड़ो सदस्य, छत्तीसगढ़ शासन से सम्मानित राजेंद्र राजू का भी परिषद ने किया सम्मान
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति-अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद का 25 वां वार्षिक अधिवेशन आम सभा व 18 वें द्वि दिवसीय विकलांग विमर्श विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन गीता देवी रामचंद्र अग्रवाल विकलांग अस्पताल अनुसंधान एवं निशुल्क सेवा केंद्र सीपत रोड कोनी बाईपास मौका बिलासपुर के भव्य सभागार में न्यायमूर्ति श्री चंद्रभूषण वाजपेई न्यायाधीश उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के मुख्य आतिथ्य , डॉ विनय कुमार पाठक राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद की अध्यक्षता एवं श्रीमती विद्या केडिया ,वीरेन्द्र पाण्डेय रायपुर डाॅ सुरेश माहेश्वरी अमलनेर के विशिष्ट आतिथ्य में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ,मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति ने कहा कि जहां निस्वार्थ सेवा भावना के द्वारा पूरे देश में विकलांगों की सेवा के लिए सलग्न है वहीं विकलांगों की चेतना जागृत करने के लिए विकलांग विमर्श की शुरुआत बिलासपुर की इसी परिषद से होकर विश्व क्षितिज पर भी चर्चित हो रही है । अध्यक्षता की आसंदी से उद्बोधित उद्गार के उपक्रम में डॉक्टर विनय कुमार पाठक ने कहा कि विकलांगों में चेतना जागृत करने की दृष्टि से विकलांग विमर्श की शुरुआत 21वीं सदी से शुरू हुई और आज देश के अनेक विश्व विद्यालय में इस पर शोध हो रहे हैं तथा अस्मिता मूलक विमर्श के अंतर्गत इसकी चर्चा सर्वत्र हो रही है
*कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ श्री राम निहोर राजपूत के द्वारा वंदे मातरम् एवं डॉ राघवेंद्र कुमार दुबे के गीत की प्रस्तुति के साथवहुई,अतिथियों के स्वागत के उपरांत जहां डॉक्टर हुकुमचंद यादव द्वारा लिखित “विकलांग विमर्श :डॉ सुरेश माहेश्वरी का चिंतन “नामक ग्रंथ का लोकार्पण किया गया ।वहीं विगत 25 वर्षो का वार्षिक प्रतिवेदन की प्रस्तुति महामंत्री मदनमोहन अग्रवाल द्वारा एवं वार्षिक लेखा प्रतिवेदन की प्रस्तुति कोषाध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल द्वारा की गई।इस अवसर पर छत्तीसगढ़ महाराजा अग्रसेन समाज सेवा राज्य अलंकरण से सम्मानित होने वाले सुप्रसिद्ध समाजसेवी श्री राजेंद्र अग्रवाल राजू का एवं बिलासपुर के सुप्रसिद्ध साहित्यकार समीक्षक डॉ विनोद कुमार वर्मा जी को लाला जगदलपुरी राज्य अलंकरण से सम्मानित होने के लिए विकलांग चेतना परिषद के द्वारा सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के द्वितीय चरण में विकलांग विमर्श विषय राष्ट्रीय संगोष्ठी तकनीकी सत्र की शुरुआत हुई इसके अंतर्गत पूरे देश से पधारे हुए शोधार्थियों एवं विद्वानों द्वारा शोध पत्र की प्रस्तुति की गई ,वहीं विकलांग परक कविताओं पर केंद्रित कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें देशभर से पधारे कवियों एवं कवयत्रियों ने काव्य पाठ किया,अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के महामंत्री श्री मदन मोहन अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि द्वितीय दिवस दिनांक 10 नवंबर 2025 को सुबह जहां विकलांग विमर्श राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा और द्वितीय सत्र में समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा कार्यक्रम का संचालन श्री राजेन्द्र अग्रवाल ने एवं आभार प्रदर्शन श्री मदनमोहन अग्रवाल ने किया।अपराह्न में तकनीकी सत्र डॉक्टर ए.के.यदु,श्रीमती तुलसी देवी तिवारी,डॉक्टर अनिता सिंह और विष्णु कुमार तिवारी के अध्यक्ष मंडल में डाक्टर नीता ठाकुर, निवेदिता वर्मा, डॉक्टर प्राची थवाईत, श्रीमती रीना झा, द्रौपदी साहू, डॉक्टर दीनदयाल यादव, मणिशंकर, रेनू वाजपेयी आदि ने शोध-पत्र प्रस्तुत किया
इस अवसर पर अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद द्वारा श्री सत्येंद्र अग्रवाल रायपुर डीपी गुप्ता संगठन मंत्री बिलासपुर राजेश पांडे संगठन मंत्री बिलासपुर आर के गेंदले सहित मुरारी लाल परमार बिलासपुर डॉक्टर सुरेश माहेश्वरी राष्ट्रीय प्रवक्ता आदि का विशेष रूप से सेवा सम्मान किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में बाल गोविंद अग्रवाल नित्यानंद अग्रवाल दीनदयाल यादव मनोहर लाल मिश्रा जी एस कुशवाहा रायपुर योगेश शर्मा रायपुर अरविंद दीक्षित विमल प्रकाश त्रिपाठी आर एस मिश्रा प्रकाश टांक आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही.के सी भारद्वाज ने चेतना परिषद के सभी कार्यों में पूर्ण रूप से सहयोगी रहने की बात कही।


