50 सैनिक मारे गए पाकिस्तान के- अफगानिस्तान, पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव, भारी गोलीबारी एवं ड्रोन हमले से मची तबाही, 200 लडॉके ढेर, 19 पोस्ट पर कब्जा, क्यों हो रहा है अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के बीच तनाव, जानिए सारी खबर विस्तार से आपकी अपनी GL न्यूज वेबसाइट पर


50 सैनिक मारे गए पाकिस्तान के- अफगानिस्तान, पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव, भारी गोलीबारी एवं ड्रोन हमले से मची तबाही, 200 लडॉके ढेर, 19 पोस्ट पर कब्जा
सक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति-अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। 11 से 12 अक्टूबर की रात दोनों देशों की सीमा पर भारी गोलीबारी और ड्रोन हमलों में कई सैनिक मारे गए। यह तब हुआ जब तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत दौरे पर हैं। उन्होंने दिल्ली में कहा ‘अगर शांति प्रयास असफल हुए तो अफगानिस्तान के पास और भी रास्ते हैं। अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के बीच तनाव की शुरुआत 10 अक्टूबर को काबुल और पक्तिका में हुई एयरस्ट्राइक से हुई, जिसका आरोप अफगानिस्तान ने पाक पर लगाया। शनिवार देर रात अफगान सेना ने पाकिस्तानी पोस्टों पर जवाबी हमला किया। काबुल का दावा है कि उसने 20 पाक चौकियां तबाह कीं, 58 पाक सैनिक मारे, और कई हथियार कब्जे में लिए। अफगान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा- यह हमारी संप्रभुता के उल्लंघन का जवाब था, अगर दुबारा हमला हुआ तो और सख्त कार्रवाई होगी।’पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि तालिबान और टीटीपी लड़ाकों ने पहले हमला किया, जिसमें 23 पाक सैनिक मारे गए और 29 घायल हुए। इसके बाद पाक सेना ने जवाबी कार्रवाई में 19 अफगान पोस्ट कब्जे में लिए, जिनमें 200 तालिबान लड़ाके मारे गए। उधर, कतर के विदेश मंत्रालय ने दोनों पक्षों से बातचीत और संयम को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।
आतंक बनाम आतंक के आरोप,टीटीपी के ठिकाने तबाह किएः पाक
पाकिस्तान के गृह मंत्री नकवी ने कहा अफगान से – तालिबान और टीटीपी के आतंकियों के हमले हो रहे हैं। हाल ही में ऑरकजई में हमले में मेजर सहित 13 सैनिक मारे गए। टीटीपी को अफगान सरकार शरण दे – रही है। 11 अक्टूबर की रात पाक सेना ने ‘प्रिसीजन स्ट्राइक्स’ कर तालिबान के ठिकाने नष्ट किए।
आईएस को पनाह दे रहा पाकः तालिबान
अफगान रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने काबुल और पक्तिका में हवाई हमले कर देश – की संप्रभुता का उल्लंघन किया। यह कार्रवाई आईएसआईएस के के ठिकानों के नाम पर हुई, पर वास्तव में निर्दोष नागरिक मारे गए,पाकिस्तान अपने यहां आईएस आतंकियों को पनाह दे रहा है, – जो अंतरराष्ट्रीय हमलों की साजिश रचते हैं।
2025 में 6 बार पाक-अफगान तनाव कई बार निर्दोषों पर पाक के हमले
10 जनवरी 2025: पाक ने अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक्स किए; इसके लिए अफगान में सक्रिय चरमपंथी समूहों को जिम्मेदार बताया था।2 से 4 मार्च 2025: तोरखम/सीमा पर दोनों पक्षों की फायरिंग; दोनों पक्षों से कई घायल हुए।23 मार्च 2025: वजीरिस्तान में पाक ने 16 लड़ाकों के मारे जाने का दावा किया और अफगान सरकार से सुरक्षा कड़ी करने की मांग दोहराई।25-28 अप्रैल 2025: वजीरिस्तान के पास बड़े पैमाने पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम; पाक सेना ने 71 मिलिटेंट्स के मारे जाने खबर मिली।28 अगस्त 2025: नंगरहार और खोस्त में पाक एयरस्ट्राइक; 3 नागरिकों की मौत, 7 घायल हुए।11-12 अक्टूबर 2025:अब यह तनाव।
हम शांति चाहते हैं; कोई हमला करेगा, तो जवाब देने की पूरी क्षमताः मुत्ताकी
‘अफगानिस्तान किसी बाहरी आक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेगा। अगर शांति प्रयास नाकाम हुए तो हमारे पास और भी रास्ते हैं। हम पाक जनता से दुश्मनी नहीं चाहते, लेकिन अगर हमारी संप्रभुता पर हमला हुआ तो जवाब तुरंत और कड़ा मिलेगा-आमिर खान मुत्ताकी, अफगान विदेश मंत्री, नई दिल्ली में
पाकिस्तान-अफगानिस्तान बीच तनाव के 4 कारण ये भी
01- 132 साल पुराना डुरंड लाइन विवाद करीब 132 साल पहले 1893 में ब्रिटिश राज ने जो सीमा तय की थी, अफगानिस्तान ने उसे कभी मान्यता नहीं दी। करीब 2,640 किमी लंबी यह लाइन अफगान पश्तून इलाकों को दो हिस्सों में बांटती है। इसी को लेकर दोनों देशों में आए दिन झड़पें होती हैं।
02- 30 लाख अफगान लोगों का डिपोर्टेशन पाकिस्तान में करीब 30 लाख अफगान शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें से 14 लाख के पास रजिस्ट्रेशन कार्ड हैं, बाकी को ‘गैरकानूनी’ बताते हुए पाकिस्तान ने निकालने का अभियान चलाया है। तालिबान ने इसे ‘मानवीय संकट’ कहा और चेतावनी दी कि लाखों लोगों को जबरन लौटाना दुश्मनी बढ़ाएगा।
03- अफगानिस्तान की लैंड-लॉक्ड स्थिति अफगानिस्तान का लगभग पूरा व्यापार कराची और ग्वादर पोर्ट के जरिये होता है। पाकिस्तान जब चाहे सीमा पार के रास्ते बंद कर सकता है। इससे अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है।
04- ट्रम्प और मुनीर की बढ़ती हुई दोस्ती अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस वापस लेने के बयान पर अफगानिस्तान ने आपत्ति जताई है। पाकिस्तान को पाशनी पोर्ट देने की अमेरिकी दिलचस्पी से तालिबान सतर्क हो गया है। अफगान विशेषज्ञों का कहना है कि वॉशिंगटन-इस्लामाबाद की बढ़ती दोस्ती से काबुल को अपनी सुरक्षा और संप्रभुता पर खतरा महसूस हो रहा है।