नहीं रहे नगर पालिका चाम्पा के पूर्व अध्यक्ष, समाजसेवी भाजपा नेता रामचरण सोनी, 19 मई को कोरबा में होगा दशगात्र एवम तेरहवीं का कार्यक्रम, भाजपा सहित विभिन्न संगठनों ने दी श्रद्धांजलि, शासकीय महाविद्यालय चाम्पा के पूर्व प्राध्यापक,पत्रकार शशिभूषण सोनी के पूज्य पिताजी थे रामचरण जी



नहीं रहे नगर पालिका चाम्पा के पूर्व अध्यक्ष, समाजसेवी भाजपा नेता रामचरण सोनी, 19 मई को कोरबा में होगा दशगात्र एवम तेरहवीं का कार्यक्रम, भाजपा सहित विभिन्न संगठनों ने दी श्रद्धांजलि, शासकीय महाविद्यालय चाम्पा के पूर्व प्राध्यापक,पत्रकार शशिभूषण सोनी के पूज्य पिताजी थे रामचरण जी
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ती- अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से चांपा शहर में भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाले नगर पालिका परिषद चाम्पा के पूर्व अध्यक्ष रामचरण सोनी का विगत दिनांक- 9 मई 2025 को निधन हो गया,वे कोरबा शहर के शहीद भगत सिंह कॉलोनी में निवास कर रहे थे, एवं उनका अंतिम संस्कार कार्य विधि विधान पूर्वक कोरबा में उनके परिजनों तथा गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में संपन्न हुआ, रामचरण सोने के निधन पर जहां भारतीय जनता पार्टी सहित विभिन्न संगठनों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है, तो वे अपने पीछे भरापूरा परिवार बिलखता छोड़ गए तथा उनके दशगात्र का कार्यक्रम शहीद भगत सिंह कॉलोनी के क्वार्टर नंबर- 18/ 19 कोरबा में 19 मई 2025 दिन- सोमवार को दोपहर 12:00 बजे से 3:00 तक होगा एवं भोग प्रसाद एवम तेरहवीं का कार्यक्रम 19 मई 2025 दिन- सोमवार को दोपहर 1:00 से 3:00 बजे तक सीनियर रिग्रेशन क्लब ऑफिसर क्लब कोरबा एरिया कोरबा में संपन्न होगा
श्री शशिभूषण सोनी चाम्पा ने अपने पूज्य पिताजी के निधन पर अपनी लेखनी के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त की
पूज्य पिताश्री श्रद्धेय रामचरण सोनी की स्मृति में अपनी लेखनी के जरिए एक अपनत्व भरी सच्ची श्रद्धांजलि ! एक बानगी प्रिय शांति थवाईत बहन जी की ओर से ऐसे कठिन समय में संवेदनाए-मेरे पिताश्री रामचरण सोनी एक ऐसे धर्म परायण व्यक्ति थे , जिन्होंने जिन्होंने अपना जीवन समाजसेवा , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा के साथ मजबूती से जुड़े तथा इसे राजनैतिक पार्टी,भाजपा जैसी राष्ट्रीय दल और नगर के हित के लिए अर्पित किया । उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत शिक्षकीय कार्य से किया और बाद में राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई और पार्टी के सिद्धांतों का पालन करते रहे ,उनकी स्मृतियां,शिक्षा और प्रेरक विचार सदैव मानसपटल पर रहेगी और परिवार का मार्गदर्शन करती रहेगी,श्रद्धा व्यक्त करने कभी-कभी पराए अपने हो जाते हैं और अपने पराएं हो जाते हैं,श्रीमति शांति थवाईत बहन जी अपनी लेखनी के माध्यम से प्रेरक संदेश देते रहती हैं। मेरी बहन श्रीमति लक्ष्मीवती सोनी की सहेली हैं । वो एक कर्तव्यनिष्ठ शिक्षिका के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त करती हैं । शिक्षण क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रही हैं, उन्होंने मेरे पूज्य पिताजी के प्रति शब्दों में जो भावनाएं लिखी हैं , वह दिल में उतर गई । एक साल पहले मां और अब #पिताजी अब हमसे बहुत दूर चले गए जहां से कोई वापस नहीं आता हैं,न जायते म्रियते वा कदाचि,संस्कृत के वाक्यांश को याद करके थोड़ी-सी सांत्वना जरुर मिलती हैं। आत्मा ना तो किसी काल में जन्मता है और न ही मरता हैं,क्योकि वह अजन्मा हैं, नित्य शाश्वत और पुरातन हैं।शरीर के नाश होने पर भी इसका नाश नहीं होता है-शशिभूषण सोनी
स्वर्गीय रामचरण सोनी जी सहज-सरल और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी- श्रीमति शांति थवाईत
चांपा नगर के प्रतिष्ठित नागरिक , वयोवृद्ध, राजनीतिक, समाज सेवी स्व रामचरण सोनी जी इस दुनिया को अलविदा कहते हुए दिनांक 9 मई 2025 को पंचतत्व में विलीन हो गये । 93 वर्षीय स्वर्गीय रामचरण सोनी जी एक सच्चे राष्टवादी थे । अपने जीवन की शुरुआत शिक्षकीय कार्य करते हुए किया , अपने शिक्षकीय जीवन में वे औरों के लिए आदर्श बने रहे , उनके जीवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक की विचारधारा ने इतना गहरा प्रभाव डाला कि वो आजीवन उस विचारधारा पर कार्य करते रहे और जुड़े रहे । शिक्षकीय कार्य के पश्चात् अपने पैतृक व्यवसाय यानि कि सोना-चांदी का व्यवसाय को अपनाते हुए ,संघ से जुड़ कर कार्य करना जारी रहा । अब उनका क़दम राजनीति में पड़ा और वो सबसे पहले जनसंघ, जनता पार्टी और फ़िर भाजपा में अंत तक कार्य करते रहे। पार्टी के सिद्धांतों का पालन करते हुए अनेको पदों को सुशोभित करते हुए वो सबसे पहले पार्षद चुनाव लड़ें और प्रचंड बहुमत से विजयी हुए और बाद में जनता पार्टी शासन-काल में नगर पालिका परिषद चांपा के नगर अध्यक्ष बने । उनका स्वभाव सहज-सरल और सबसे मधुर रहा,उनके साथ मेरी भी कुछ यादें जुड़ी हैं जो कि आप लोगों से साक्षा कर रही हूं । जब हम प्रायमरी कक्षा में मठ स्कूल मे पढते थे तो ,भवन न होने के कारण हमे प्रार्थना के बाद (चौथी व पांचवी कक्षा ) बाबूजी स्कूल हटवारा चौक जाना पडता था । बाबूजी स्कूल जाने के लिए सोनार पारा से जाना पड़ता था हमारे स्कूल जाने व आने के समय में वे घर के दरवाज़े पर बैठें मिलते थे और प्रणाम करने पर रोज पढ़ाई-लिखाई की जानकारी लेते थे ।चूंकि उनकी बेटी लक्ष्मी वती मेरी प्रिय सहेली थी तो मुझसे उनका जुड़ाव ज्यादा हो गया था । उनके घर पानी पीने के लिए रुक जाना ,कभी-कभी कुछ खा पी लेना यह हमारी दिनचर्या का हिस्सा था । उनके चेहरे में मैंने कभी भी गुस्से का भाव नही देखा ,वो बहुत संतुष्ट जीव थे ,हर परिस्थितियों में अपने आपको ढाल लेते थे । उम्र बढ़ने के साथ-साथ देखा जाता हैं कि व्यक्ति थक जाता हैं लेकिन वो कभी थके नही थे ,मन से मजबूत थे । माननीय अटल बिहारी बाजपेयी जी से पत्र व्यवहार राजनीति में उनकी सजगता को दर्शाती है । जब वे नगरपालिका के अध्यक्ष रहे नगरहित में अनेको कार्य किये , जिन्हें आज़ भी याद किया जाता हैं,आज वो अपने पीछे तीन पुत्र व तीन पुत्रियों सहित भरा-पूरा परिवार छोड गये हैं , दैहिक रुप में हमारे समक्ष नही हैं पर उनके आदर्श आज भी हमारे दिलो मे जिंदा रहेगे जल, ऐसे बिरले ही होते है जो ,सबके दिलो मे जगह बनाते है,कर्म से जो श्रेष्ठ कहलाते है ,
समता का भाव सबमे देखते है,
जो कठिन परिस्थितियों मे भी ,
अपना धैर्य नही खोते हैं,जिंदगी जिंदादिली से जीते हैं,एक कर्तव्य निष्ठ शख्स के रुप मे हमेशा याद किये जाते हैं ! हे दिव्य आत्मा ,आपको शत शत प्रणाम है नमन है , ईश्वर आपको अपने श्री चरणो मे स्थान दे