आवाज दो, हम एक हैं- 2 अक्टूबर को विभिन्न गुटों में बंटे छत्तीसगढ़ के पत्रकार दिखेंगे एक मंच पर, पहली बार पत्रकारिता संकल्प को लेकर होगा वृहद आंदोलन, हजारों की संख्या में पहुंचेंगे पत्रकार
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सकती- विगत कई दशकों से निरंतर पत्रकार साथी अपनी विभिन्न मांगों तथा पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर मांग करते चले आ रहे हैं, किंतु यह विडंबना है कि राज्य एवं केंद्र में सरकारे बदल रही हैं,अलग अलग राजनैतिक दलों का वर्चस्व सत्ता में नजर आता रहता है, तथा ये राजनैतिक दलों के जन प्रतिनिधि, सांसद- विधायक अपने हितों के लिए तो संघर्ष कर अपनी मांगे पूरी करवा लेते हैं,किंतु किंतु कोई भी राजनैतिक दल पत्रकार साथियों के हित के लिए एवं पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर कोई ठोस सकारात्मक पहल करता नजर नहीं आ रहा है
तथा अंततः पत्रकार साथी एक होकर, एकजुट होकर अपनी लड़ाई सड़कों पर उतरकर स्वयं लड़ने के मूड में है, तथा विगत दिनों प्रदेश भर के पत्रकार संगठनों ने एक साथ एकत्रित होकर पत्रकारिता संकल्प के लिए संघर्ष करने का मन बनाया है तथा आगामी 2 अक्टूबर 2024 दिन- बुधवार को राजधानी रायपुर के ग्रास मेमोरियल ग्राउंड आकाशवाणी चौक रायपुर में संयुक्त पत्रकार महासभा के तत्वाधान में पत्रकारिता संकल्प को लेकर आवाज दो- हम एक हैं, प्रदर्शन का भव्य आयोजन किया गया है, तथा इस कार्यक्रम को लेकर जहां छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिलों से सैकड़ो की संख्या में पत्रकार साथी राजधानी रायपुर पहुंचेंगे तो वही प्रदेश के सभी पत्रकार संगठनों के प्रमुखों को भी अधिक से अधिक संख्या में इस कार्यक्रम में पत्रकार साथियों को सूचित करने एवं उन्हें लाने की भी जिम्मेदारी दी गई है, तथा सोशल मीडिया सहित विभिन्न संचार के माध्यमों से भी प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र तक में काम करने वाले पत्रकार साथियों को इस कार्यक्रम की सूचना दी जा रही है, एवं अनिवार्य रूप से इस कार्यक्रम में पहुंचने की भी अपील की गई है, वहीं इस आयोजन को लेकर जहां पत्रकार साथियों में भी भारी उत्साह है,तो वहीं यह पहला एक ऐसा अवसर होगा जब छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद विभिन्न गुटों में बंटे पत्रकार संगठन के साथी एक साथ एक मंच पर नजर आएंगे तथा निश्चित रूप से आज पूरी दुनिया में जहां पत्रकारो को चौथे स्तंभ का दर्जा दिया गया है तो वहीं यह चौथा स्तंभ आगामी दो अक्टूबर को अपनी एकजुटता के साथ राजधानी रायपुर में अपना शक्ति प्रदर्शन कर राज्य सरकार एवं केंद्र की सरकारों को पत्रकार सुरक्षा कानून सहित पत्रकार हितों के लिए काम करने हेतु मजबूर कर देगा, वहीं संयुक्त पत्रकार महासभा ने 2 अक्टूबर के इस कार्यक्रम में सभी पत्रकार साथियों को पहुंचने का भी आग्रह किया है
ज्ञात हो की पूरे देश सहित छत्तीसगढ़ में भी पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर निरंतर मांग की जा रही है, साथ ही पत्रकारों के लिए विगत कई दशकों से निरंतर विभिन्न प्रकार की सुविधा शासन द्वारा दी जाती थी जिसे विगत कई वर्षों से निरंतर बंद कर दिया गया है, एवं इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, साथ ही आज पत्रकार निरंतर अपनी लेखनी से जहां शासन को जागरूक करने का काम करता है तो वहीं पत्रकारों के लिए आज देखा जाए तो प्रदेश एवं देश में शासन के द्वारा कोई सुविधा उपलब्ध नही है,ना हीं उन्हें सुरक्षा प्रदान की जा रही है