



शक्ति जिले में पटवारियो की हड़ताल से काम काज हो रहा प्रभावित, कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में धरने पर बैठे हैं पटवारी
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति-सक्ति जिले के पटवारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जेठा कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं, तथा सूत्रों से मिले जानकारी के अनुसार धरना प्रदर्शन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विगत दिनों सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में कलेक्टर द्वारा एक पटवारी को निलंबित किए जाने का है,तथा उपरोक्त पटवारी को निलंबित करने के विरोध को लेकर पूरे पटवारी एकजुट हो गए हैं, तथा पटवारी संघ के माध्यम से कलेक्टर द्वारा किए गए निलंबन का विरोध कर रहे हैं, एवं पटवारीयो का कहना है कि जो चीज हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है उसे हम कैसे करें, या तो हमें राज्य शासन एवं राजस्व विभाग अधिकार दे
वही शक्ति जिले में चल रही पटवारीयो की हड़ताल से लोग बेहद परेशान है, तथा राजस्व संबंधी छोटे-छोटे काम भी लोगों के नहीं हो रहे हैं, एवं विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटवारीयो की हड़ताल कब तक चलेगी इस बात को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता, तथा इस संबंध में पटवारी भी कुछ नहीं कह रहे हैं
ज्ञात हो की प्रदेश में जो भी सरकार सत्ता में बैठती है वह राजस्व मामलों को सुविधाजनक बनाने की बात कहती है, किंतु सच्चाई यह है कि आज भी राजस्व विभाग में जितनी पेचीदगियां है उतनी किसी विभाग में नहीं है, तथा इन सभी चीजों के लिए राजस्व विभाग के बड़े अधिकारी ही सारे अधिकार अपने पास रखते हैं, तथा नीचे स्तर के पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक सिर्फ आम नागरिकों की या काम करवाने आने वाले लोगों की गालियां ही सुनते देखे जाते हैं, तथा राजस्व विभाग का आलम यह है कि आज भी लोगों के सालों सालों से प्रकरण लंबित पड़े हैं, किंतु राजस्व विभाग के बड़े अधिकारी इन प्रकरणों को छूना ही नहीं चाहते तथा उन्हें लगता है कि यह प्रकरण आग है, तो फिर भला आम आदमी की समस्याओं का निपटारा कैसे होगा
वहीं जिले में बैठने वाले बड़े कलेक्टर लेवल के अधिकारी भी राजस्व संबंधी पुराने मामलों को गंभीरता से निराकरण करने की दिशा में प्रयास ही नहीं करना चाहते तथा अविभाजित जांजगीर- चांपा जिले के समय के सैकड़ो प्रकरण आज भी शक्ति जिले में लंबित पड़े हुए हैं, तथा इस संबंध में जब अनुविभाग स्तर के अधिकारियों के पास आवेदक जाते हैं, तो वे यही कहते हैं कि यह कलेक्ट्रेट कार्यालय में होगा तो आखिर में कलेक्ट्रेट कार्यालय में भी ये काम नहीं हो रहे हैं, तो भला इस काम को करेगा कौन, क्या प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री इस काम को करेंगे, किंतु आम जनता की समस्याओं से किसी को कोई सरोकार नहीं है


