शक्ति जिले में आगामी कृषि कार्य को लेकर जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग का अलर्ट-किसान कृषि सहकारी समितियों से खाद-बीज का उठाव करें-कलेक्टर अमृत विकास तोपनो, समितियों से खाद का उठाव किसान जितनी जल्दी करेंगे उतना ही खाद का स्टॉक आएगा, खाद- बीज की किल्लत से बचने प्रशासन की पूर्व पहल, शक्ति जिले का कृषि विभाग सक्रिय
आगामी कृषि कार्य को लेकर जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग का अलर्ट-किसान कृषि सहकारी समितियों से खाद-बीज का उठाव करें-कलेक्टर अमृत विकास तोपनो, समितियों से खाद का उठाव किसान जितनी जल्दी करेंगे उतना ही खाद का स्टॉक आएगा, खाद- बीज की किल्लत से बचने प्रशासन की पूर्व पहल, शक्ति जिले का कृषि विभाग सक्रिय
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- प्रत्येक वर्ष बारिश मौसम प्रारंभ होते ही जहां प्रत्येक जिलों में खाद- बीज की किल्लत देखने को मिलती है, तो वही शक्ति जिले में कलेक्टर अमृत विकास टोपनो ने सभी किसानों से आग्रह किया है कि वे समय पूर्व कृषि सहकारी समितियो से खाद- बीज का आवश्यकता अनुसार उठाव प्रारंभ करें, जिससे समितियो में खाद बीज का पर्याप्त स्टाक मंगाया जा सके एवं किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो, कलेक्टर अमृत विकास तोपनो ने जिले के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि खरीफ मौसम प्रारंभ हो चुका है। इसके साथ ही खेती का काम भी बढनें लगा है। जिले के किसान भी अपने खेतों में जुताई बुवाई का काम शुरु कर दिए हैं। अब तक के मौसम पूर्वानुमान अनुसार इस सााल सामान्य वर्षा हो सकती है। ऐसे में किसान अगले पखवाड़े से बोनी में तेजी लाने लगेंगे।
जिला कलेक्टर का कहना है कि खेत में बुवाई के लिए सबसे पहला काम किसान को खाद-बीज की व्यवस्था करना होता है। इस कार्य को सुगमता से कृषि विभाग द्वारा समय पूर्व खाद-बीज का भण्डारण सभी सहकारियों समितियों में करा दिया गया है। जहाँ से किसान अपनी आवश्यकतानुसार ऋण पर खाद और बीज प्राप्त कर सकते हैं। यदि हमारे किसान समय पूर्व पअने खाद व बीज की व्यवस्था कर लेते हैं, तो मानसून आते ही बुवाई कार्य प्रारम्भ कर सकेगें, कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार सभी प्रकार के खाद जैसे यूरिया, डी.ए.पी. पोटाश, सिंगल सुपर फास्फेट्स, सभी कृषि साख समितियों में उपलब्ध है, लेकिन डी. ए.पी. एक ऐसी खाद है जो भारत में नही बनती है इसके लिए अन्य देशों से आयात पर निर्भर रहना पढ़ता है, चूंकि इस वर्ष डी.ए.पी. खाद का आयात सामान्य से कम हुआ है, ऐसी स्थिति में खाद की सप्लाई नही हो रही है लेकिन डी.ए.पी. यदि किसानों को नही नहीं भी मिलता है तो किसान इसके विकल्प के रुप में संचालनालय अनुसंधान सेवाएं इंदिरा गाँधी कृषि विश्व विद्यालय रायपुर द्वारा बताए गये (अनुशंसित) रासायनिक खाद फॉस्फेंट्स या 12:32:16 या 20:20:0:13 का उपयोग कर सकते हैं सभी खाद प्र्याप्त मात्रा में उपलब्ध है सुपर फॉस्फेट के उपयोग से फास्फोरस तत्व के साथ ही सल्फर और कैल्शियम पोषक तत्व भी प्राप्तम होता है, जो फसल की बढ़वार में महत्वपूर्ण होता है। सक्ती जिले के सभी सहकारी समितियों में अब तक कुल 13439 में.टन खाद का भण्डारण किया जा चुका है। इस प्रकार बीज निगम खोखसा (जिला जांजगीर-चाम्पा) से कुल 15420 क्विंटल बीज भी समितियों में भण्डारण किया जा चुका है। जिसमें स्वर्णा, महामाया, एम.टी.यू 1001, स्वर्णा सब-1, पी.के. वी.एच.एम.टी किस्म करत्रा बीज उपलब्ध है
धान के अलावा अन्य दलहनी तिलहनी फसलों जैसे अरहर, मूंग, उड़द, रागी, तिल, मूंगफली आदि बीजों की भी समय पूर्व व्यवस्था की जा रही है। किसान अपने आवश्यकतानुसार रासायनिक खाद बीज का अग्रिम उठाव कर लेंवे ताकि समय पर बोनी का कार्य प्रारम्भ कर सके।
उर्वरक तथा जैव उर्वरकों से बनाया जा सकता है डी.ए.पी. का वैकल्पिक व्यवस्था मृदा में फास्फोरस तत्व की उपलब्धता हेतु उर्वरक तथा जैव उर्वरकों का प्रयोग करके खाद (उर्वरक) डी.ए.पी. का वैकल्पिक व्यवस्था किया जा सकता है विकल्प हेतु सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक (16 प्रतिशत फास्फोरस) 01 बोरी डी.ए.पी. से मिलने वाले तत्वों की पूर्ति हेतु लगभग आधा बोरी यूरिया तथा 03 बोरी सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग कर सकते हैं। मिश्रित उर्वरक (यथा इफको 12:32:16, ग्रोमोर 28:28:00 तथा अन्य फास्फोरस युक्त मिश्रित उर्वरक) और मृदा में उपस्थित स्फुर की उपलब्धता में वृद्धि करने हेतु स्फुर घुलनकारी जैव उर्वरकों (यथा पी.एस.बी.) का प्रयोग लाभकारी होगा
ज्ञात हो की शक्ति जिले में कलेक्टर के निर्देश पर कृषि विभाग भी सक्रिय रूप से पूरी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है, कृषि विभाग का भी कहना है कि किसान समय पूर्व इन सारी चीजों का उठाव करेंगे तो स्टॉक भी निरंतर बना रहेगा एवं पूरे जिले में कृषि कार्य भी बेहतर ढंग से संचालित हो सकेगा