सहारा खाता धारकों को नहीं मिला कोई सहारा-लाखों रुपए खून पसीने की पूंजी जमा करने के बाद ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत कर दी है केंद्र सरकार ने, उपभोक्ता आयोग के फैसलों की भी सहारा कर रहा अवेलहना, अमित शाह का सहारा पोर्टल भी नहीं दे पाया लोगों को राहत, अकेले छत्तीसगढ़ की लगभग 500 करोड़ की राशि शहर में है जमा



सहारा खाता धारकों को नहीं मिला कोई सहारा-लाखों रुपए खून पसीने की पूंजी जमा करने के बाद ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत कर दी है केंद्र सरकार ने, उपभोक्ता आयोग के फैसलों की भी सहारा कर रहा अवेलहना, अमित शाह का सहारा पोर्टल भी नहीं दे पाया लोगों को राहत
शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर
सक्ति- पूरे देश में सहारा खाता धारकों की परिपक्वता अवधि पूरी होने के बावजूद अरबो रुपए कंपनी ने आज दिनांक तक खाता धारकों को भुगतान नहीं किए हैं,तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश के शक्ति जिले की ही बात करें तो लगभग 50 करोड रुपए से ऊपर की राशि यहां के खाता धारकों ने सहारा कंपनी की अलग-अलग योजनाओं में जमा किए थे, जिसकी परिपक्वता अवधि पूरी होने को लगभग 5 साल व्यतीत हो चुके हैं, किंतु भुगतान के नाम में किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, तथा सहारा खाता धारकों ने अपनी खून पसीने की पूंजी एक करके सहारा में राशि जमा की थी तथा राशि नहीं मिलने का कारण वे जिला उपभोक्ता आयोग में भी अपील कर वहां से मामले जीत चुके हैं तथा सहारा कंपनी को उपभोक्ता आयोग ने भुगतान करने के आदेश भी दे दिए हैं किंतु विडंबना यह है कि भारत देश के संविधान में उपभोक्ता हितों के मामले में सर्वोच्च संस्था मानी जाने वाली उपभोक्ता आयोग के फैसलों को भी सहारा कंपनी नजर अंदाज कर रही है, आखिरकार उपभोक्ता आयोग के फैसलों की अवहेलना करने की क्या सजा होनी चाहिए यह तो कानून ही तय करेगा किंतु आज अगर उपभोक्ताओं के हितों की दिशा में कोई भी कंपनी कुठाराघात करती है तो क्या ऐसी कंपनी को इस देश में व्यापार करने का अधिकार है यह एक बड़ा सवाल पैदा हो गया है
किंतु धन्य हो केंद्र की सरकार जिसने विगत दिनों एक पोर्टल चालू कर ऐसे सभी सहारा खाता धारकों की जमा पूंजी वापस दिलाने की गारंटी देते हुए उनके क्लेम पोर्टल के माध्यम से भरवा लिए तथा खाता धारकों ने भी बड़ी परेशानियां झेल कर अपने सारे प्रकरण उस पर दर्ज करवाये, किंतु जब प्रकरण दर्ज हुए तो उस पोर्टल के माध्यम से खाता धारकों को सूचना दी गई कि केवल ₹10000/-रुपये तक के ही भुगतान किए जाएंगे तथा बाकी के भुगतान की समीक्षा कर बाद में भुगतान होगा, आज देश में करोड़ों ऐसे खाता धारक हैं जिन्होंने एक लाख से लेकर 50 लाख रुपए तक की पूंजी सहारा की विभिन्न योजनाओं में जमा की है,तो क्या ₹10000/-रुपये का केवल भुगतान ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत नहीं है, वहीं दूसरी ओर इन पोर्टल में अपना प्रकरण दर्ज करने के बावजूद सहारा कंपनी द्वारा ऐसे लाखों खाता धारकों के प्रकरण का निरस्त कर दिया गया है तथा कंपनी का कहना है कि आपने इन दस्तावेजों में सारी औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं, सहारा खाता धारकों का एक ही सवाल है जब उनके पास सहारा कंपनी द्वारा दिए गए बॉन्ड की मूल प्रति है तो क्या आज पोर्टल बोंड की मूल प्रति से बढ़कर हो गया एवं जब सहारा का पूरा नेटवर्क देश के एक-एक गांव तक फैला हुआ है एवं प्रशासन का भी नेटवर्क हर गांव तक है तो क्या उसे स्थानीय स्तर पर इसका मिलान कर सहारा खाता धारकों के भुगतान करने की दिशा में पहल नहीं की जा सकती, किंतु हमारा भारत देश जो की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे विकसित राष्ट्र बनाने की बात कहते हैं किंतु आज जिस तरह से इस भारत देश में आजादी के पहले अंग्रेजों ने इस देश को लूट लिया,तथा आज ऐसी अनेको प्राइवेट कंपनियां इस देश को लूटने में लगी हुई है, एवं देश वासियों की खून पसीने की पूंजी को डकारना चाहती है, किंतु केंद्र की सरकारें एवं न्याय विभाग भी आज कहीं ना कहीं उपभोक्ताओं के लिए कोई राहत नहीं दे पा रहा है, तथा सहारा खाता धारक आज आस लगाए बैठे हैं कि उनकी जमा पूंजी उन्हें वापस मिलेगी किंतु ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार का यह सहारा पोर्टल भी लोगों के लिए कोई राहत नहीं पहुंचा पाएगा
तथा सहारा पोर्टल में वर्तमान में जिनके प्रकरणों को निरस्त किया गया है उनके दोबारा अपलोड भी नहीं हो रहे हैं एवं केवल ₹20000/-रुपये से अंदर के ही प्रकरण उसमें पुनःसबमिट हो रहे हैं किंतु आज जिसने एक लाख रुपये के सहारा बॉन्ड लिए हैं वे अपना प्रकरण दर्ज करवाने कहां जाएगे, इसे लेकर बड़ा सवाल पैदा हो गया है, किंतु सहारा कंपनी को इन सभी बातों से कोई सरोकार नहीं है, एवं ऐसा लगता है कि केंद्र की मोदी सरकार ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली है किंतु जिम्मेदारी लेकर सरकार को सहारा खाता धारकों का पैसा वापस करना चाहिए, तभी एक स्वच्छ छवि वाली सरकार के रूप में मोदी सरकार की यह गारंटी लोगों के बीच अपना विश्वास बना पाएगी
आज केंद्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी गारंटी के रूप में इस लोकसभा के चुनाव में जगह-जगह बड़े-बड़े वायदे कर रहे हैं, किंतु आज सहारा खाता धारकों की पैसे वापसी को लेकर कोई वायदे केंद्र की सरकार नहीं कर रही है, ना हीं विपक्षी राजनैतिक पार्टियों सहारा खाता धारकों के पैसे वापस दिलाने के लिए अपने चुनावी घोषणा पत्र में कोई बातें कह रही है, तथा वर्तमान स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि इस देश के करोड़ों खाता धारक सहारा कंपनी के जो की परिपक्वता अवधि पूर्ण होने के बावजूद भुगतान की बाट जोह रहे हैं वे राजनैतिक दलों के नेताओं को सबक जरूर सिखाएंगे