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खाटू वाले श्याम के आखिर में पकड़ में आ ही गए चोर, करोड़ों श्याम प्रेमियों की आस्था एवं पुलिस प्रशासन की सक्रियता से बाबा श्याम के चोरी गए गहने जेवरात हुए बरामद, भक्तों ने कहा- जो पूरी दुनिया का रखवाला है,आखिर में उसकी सुरक्षा पर कैसे लग सकती है सेंध

खाटू वाले श्याम के आखिर में पकड़ में आ ही गए चोर, करोड़ों श्याम प्रेमियों की आस्था एवं पुलिस प्रशासन की सक्रियता से बाबा श्याम के चोरी गए गहने जेवरात हुए बरामद, भक्तों ने कहा- जो पूरी दुनिया का रखवाला है,आखिर में उसकी सुरक्षा पर कैसे लग सकती है सेंध kshititech
रायगढ़ के श्री श्याम मंदिर में हुई चोरी का खुलासा करती पुलिस
खाटू वाले श्याम के आखिर में पकड़ में आ ही गए चोर, करोड़ों श्याम प्रेमियों की आस्था एवं पुलिस प्रशासन की सक्रियता से बाबा श्याम के चोरी गए गहने जेवरात हुए बरामद, भक्तों ने कहा- जो पूरी दुनिया का रखवाला है,आखिर में उसकी सुरक्षा पर कैसे लग सकती है सेंध kshititech
रायगढ़ के श्री श्याम मंदिर में हुई चोरी का खुलासा करती पुलिस
खाटू वाले श्याम के आखिर में पकड़ में आ ही गए चोर, करोड़ों श्याम प्रेमियों की आस्था एवं पुलिस प्रशासन की सक्रियता से बाबा श्याम के चोरी गए गहने जेवरात हुए बरामद, भक्तों ने कहा- जो पूरी दुनिया का रखवाला है,आखिर में उसकी सुरक्षा पर कैसे लग सकती है सेंध kshititech
श्याम मंदिर में चोरी हुआ सामान बरामद

खाटू वाले श्याम के आखिर में पकड़ में आ ही गए चोर, करोड़ों श्याम प्रेमियों की आस्था एवं पुलिस प्रशासन की सक्रियता से बाबा श्याम के चोरी गए गहने जेवरात हुए बरामद, भक्तों ने कहा- जो पूरी दुनिया का रखवाला है,आखिर में उसकी सुरक्षा पर कैसे लग सकती है सेंध

शक्ति छत्तीसगढ़ से कन्हैया गोयल की खबर

सक्ती- देश, दुनिया के उन करोड़ों श्याम प्रेमियों की आस्था ने आखिरकार छत्तीसगढ़ प्रदेश की ऊर्जा नगरी रायगढ़ शहर के संजय कॉम्प्लेक्स परिसर स्थित प्रसिद्ध श्री श्याम मंदिर में हुई लाखों रुपए की चोरी के आरोपियों को रायगढ़ पुलिस की तत्परता एवं सजगता से बाबा श्याम के चरणों में नतमस्तक होने को मजबूर कर ही दिया, तथा रायगढ़ शहर के श्री श्याम मंदिर में हुई यह चोरी कोई छोटी-मोटी चोरी नहीं थी बल्कि बाबा श्याम के उन सभी भक्तों की आस्था पर चोट थी जो सदैव यही श्री घोष लगाते हैं कि हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा, जब बाबा श्याम श्याम पूरी दुनिया के लोगों की रक्षा कर रहे हैं, तो आखिरकार ऐसे कौन से चोर इस दुनिया में आए, जिन्होंने जग के रखवाले के घर में ही सेंधमारी कर दी, किंतु बाबा श्याम की कृपा से रायगढ़ पुलिस को मिली एक अभूतपूर्व ऊर्जा ने आज इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा जल्द ही कर दिया

रायगढ़ के प्रतिष्ठित श्री श्याम मंदिर में हुए करीब 27 लाख रुपये की सनसनीखेज चोरी का पुलिस ने पूरी तरह से पर्दाफाश कर लिया है। इस मामले में रायगढ़ पुलिस ने सीमावर्ती ओडिशा और पड़ोसी जिलों से छह आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए चोरी का पूरा सामान बरामद कर लिया है।9 दिन तक ऑपरेशन चला,13-14 जुलाई की रात मंदिर के गर्भगृह से सोने का मुकुट, कुण्डल, चार छत्तर, गलपटिया समेत लगभग 25 लाख रुपये के धार्मिक आभूषण और दान पेटी से दो लाख रुपये नकद चोरी हुए थे। घटना के बाद रायगढ़ पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के नेतृत्व में एडिशनल एसपी, सीएसपी, पांच थाना प्रभारी, साइबर सेल, ACCU और गठित विशेष टीम ने पूरे मामले की जांच शुरू की।पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की, करीब सवा लाख मोबाइल नंबर ट्रेस किए और संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर मुख्य आरोपी सारथी यादव की पहचान की। घटना के नौ दिन बाद, विशेष टीम ने ओडिशा बॉर्डर के पास से सारथी यादव को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि पत्नी और दोस्तों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दियाथा,चोरी में बरामद गहने और पैसेपुलिस ने श्याम मंदिर और आसपास के चौराहों, बाजार, रेलवे स्टेशन सहित शहर के तमाम हिस्सों के 100 से ज़्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले और सवा लाख मोबाइल नंबर की जाँच शुरू की,घटना से पूर्व संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर एक संदिग्ध युवक की पहचान कर उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की। जिला पुलिस तथा श्याम मंडल ने आरोपी की सूचना देने ईनामी उद्घोषणा जारी किया गयाबपुलिस को यहीं से एक लीड सूचना मिली, जिससे संदेही की पहचान सारथी यादव, निवासी ठेंगागुड़ी थाना सरिया के रूप में हुआ। जब पुलिस टीम संदेही के घर तक पहुंची तो वह फरार मिला, लेकिन उसके परिजनों से पूछताछ पर यह पुष्टि हो गई कि वह घटना में शामिल है और वह मोबाइल का उपयोग नहीं करता

पुलिस टीमों ने संभावित ठिकानों पर दबिश तेज कर दी और आखिरकार ओडिशा बार्डर के पास एक गांव में सारथी यादव को धर दबोचा गया,
पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह 13 जुलाई को सरिया से बस में रायगढ़ पहुंचा और सुबह से ही श्याम मंदिर की रेकी में लग गया। शाम को सब्जी मार्केट से प्लास्टिक पन्नी और लोहे का रॉड उठाया, फिर रात में बारिश के दौरान जब इलाका सुनसान हो गया, तो मेन गेट का ताला तोड़कर मंदिर के भीतर दाखिल हुआ और गर्भगृह से सोने का मुकुट, गलपटिया, कुण्डल और छत्तर चुराकर दान पेटी से नकदी रकम समेटी।चोरी का सारा माल बोरी में भरकर पैदल रेल पटरी के रास्ते कोतरलिया – महापल्ली होते हुए दियाडेरा पहुंचा और वहां से अपनी पत्नी नवादाई को फोन कर गांव के मानस भोय को मोटरसायकल लेकर बुलाया। गांव लौटने के बाद उसने अपनी पत्नी नवादाई, मानस भोय और उसके भाई उपेन्द्र भोय और गांव आये बरगढ़ ओड़िशा के परिचित विजय उर्फ बिज्जु प्रधान, दिव्य प्रधान को पूरी घटना की जानकारी दी और माल को छिपाने तथा बेचने की योजना साझा की

*रायगढ़ पुलिस की मेहनत के बाद श्री श्याम मंदिर में हुई चोरी का बरामद सामान जिसमे सोने का मुकुट, हार, कुण्डल, चार नग छत्तर
नकदी 10,000 रुपयेघटना में प्रयुक्त लोहे का रॉड़ एक मोटरसाइकिल,वारदात के समय पहना गया संतरा रंग का टी-शर्ट कुल कीमत करीब 26 लाख 80 हजार रुपये आँकी गई है,एवम
सारथी यादव (33 वर्ष),नवादाई यादव (28 वर्ष),मानस भोय (23 वर्ष),उपेंद्र भोय (30 वर्ष) — सभी निवासी ठेंगागुड़ी, थाना सरिया,जिलासारंगढ़-बिलाईगढ़विजय उर्फ विज्जु प्रधान (34 वर्ष) — निवासी बरगढ़, ओडिशादिव्य किशोर प्रधान (34 वर्ष) — निवासी बरगढ़, ओडिशा प्रमुख आरोपी हैं, इस चोरी के मामले को सुलझाने में रायगढ़ पुलिस के साथ-साथ बिलासपुर रेंज और मुंगेली पुलिस की टीमें भी इस ऑपरेशन में सक्रिय रहीं। सीसीटीवी फुटेज, साइबर ट्रेसिंग और तकनीकी जांच की बदौलत आरोपी पकड़े गए। पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज डॉ. संजीव शुक्ला और रायगढ़ एसपी दिव्यांग पटेल के नेतृत्व में इस केस का सफलतापूर्वक खुलासा हुआ,इस उपलब्धि के लिए पुलिस महानिरीक्षक द्वारा सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। रायगढ़ पुलिस द्वारा “सुरक्षित सुबह” अभियान के तहत नागरिकों से सीसीटीवी लगाने की भी अपील की गई, ताकि शहर को और सुरक्षित बनाया जा सके,इस सनसनीखेज मामले के खुलासे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, नगर पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा, निरीक्षक सुखनंदन पटेल, राकेश मिश्रा, प्रशांत राव, मोहन भारद्वाज, उप निरीक्षक श्री गिरधारी साव, साइबर सेल प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, आरक्षक बृजलाल गुर्जर, रेनू मंडावी थाने के लोमेश राजपूत सतीष पाठक खिरेन्द्र जलतारे हेमप्रकाश सोन बनारसी सिदार बालचंद्र मोहन राव, दिलीप भानू, श्रीराम साहू, साइबर सेल के आरक्षक धनजय कश्यप, पुष्पेन्द्र जाटवर, महेश पण्डा, प्रशांत पण्डा, रविन्द्र कुमार गुप्ता, विकम सिंह, सुरेश सिदार, विकास प्रधान, प्रताप शेखर बेहरा, गजेन्द्र प्रधान, नवीन शुक्ला, ACCU जिला बिलासपुर के आरक्षक सतीश भारद्वाज, तबीर सिंह, थानों के आरक्षक अभिषेक द्विवेदी उत्तम सारथी संदीप मिश्रा मनोज पटनायक कमलेश यादव रोशन एक्का, भगवती रत्नाकर, चुड़ामड़ी गुप्ता, संदीप कौशिक, मिनकेतन पटेल, लखेश्वर पुरसेठ, विनय तिवारी, धनुर्जय बेहरा, ओशनिक विश्वाल, कोमल तिवारी, शशि साहू, संजय केरकेट्टा, अमर मिर्धा, विनोद शर्मा, गणेश पैंकरा, डॉग हैंडलर राजेन्द्र मरावी और विरेन्द्र अनंत की इस बहुचर्चित मामले के पर्दाफाश में अथक मेहनत की।

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